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Kathua News: अल्ट्रासाउंड जांच कराने गए लोग मशीन खराब सुनकर भड़के
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उपजिला अस्पताल बसोहली में सोमवार को अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए गए लोग मशीन खराब होने की सूचना पर भड़क गए। लोगों ने अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से कार्य किया जा रहा है।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि जब वह जांच कराने के लिए पहुंचीं तो बीएमओ ने उनसे मशीन खराब होने की बात कही। वहीं मौके पर पहुंचे एक चिकित्सक ने कहा कि मशीन पूरी तरह कार्यरत है। इस विरोधाभासी बयान से लोग परेशान हो गए। इस दौरान जांच कराने वालों की संख्या बढ़ गई। ठीक जवाब नहीं मिलने से लोग आक्रोशित हो गए और व्यवस्था को कोसते हुए अस्पताल के बाहर सड़क पर बैठ गए। लोगों ने आरोप लगाया कि निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर मशीन को बंद रखकर मरीजों को परेशान किया जा रहा है।
उधर, अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन की जानकारी बीएमओ को हुई तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सूचना दिलवाई कि अल्ट्रासाउंड जांच शुरू करा दी गई है, लोग विरोध बंद कर अस्पताल में जाएं और अपनी जांच कराए। इसके बाद लोग शांत हो गए और अल्ट्रासाउंड विभाग में जाकर जांच कराने लगे।
मशीन को लेकर किया जा रहा गुमराह
अस्पताल में तैनात अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉ. अंकुश भार्गव ने बीएमओ बसोहली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को मशीन की स्थिति को लेकर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वे पूरी ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं लेकिन उनकी तनख्वाह अब तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे वेतन जारी करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं जिसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया है।
डॉ. भार्गव ने बताया कि बसोहली में उनकी नियुक्ति को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया है। हालांकि उन्होंने इस विषय में लिखित रूप से कई बार बीएमओ को सूचित किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी सीएमओ कठुआ से लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक तक को दी जा चुकी है।
वहीं, बीएमओ बसोहली डॉ. रजनीश शर्मा ने सभी आरोपों को निराधार बताया और स्पष्ट किया कि अल्ट्रासाउंड मशीन पूरी तरह से कार्यरत है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. अंकुश भार्गव का वेतन संबंधित बीएमओ बनी के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वे इस विषय पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं।
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प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि जब वह जांच कराने के लिए पहुंचीं तो बीएमओ ने उनसे मशीन खराब होने की बात कही। वहीं मौके पर पहुंचे एक चिकित्सक ने कहा कि मशीन पूरी तरह कार्यरत है। इस विरोधाभासी बयान से लोग परेशान हो गए। इस दौरान जांच कराने वालों की संख्या बढ़ गई। ठीक जवाब नहीं मिलने से लोग आक्रोशित हो गए और व्यवस्था को कोसते हुए अस्पताल के बाहर सड़क पर बैठ गए। लोगों ने आरोप लगाया कि निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर मशीन को बंद रखकर मरीजों को परेशान किया जा रहा है।
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उधर, अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन की जानकारी बीएमओ को हुई तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सूचना दिलवाई कि अल्ट्रासाउंड जांच शुरू करा दी गई है, लोग विरोध बंद कर अस्पताल में जाएं और अपनी जांच कराए। इसके बाद लोग शांत हो गए और अल्ट्रासाउंड विभाग में जाकर जांच कराने लगे।
मशीन को लेकर किया जा रहा गुमराह
अस्पताल में तैनात अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉ. अंकुश भार्गव ने बीएमओ बसोहली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को मशीन की स्थिति को लेकर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वे पूरी ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं लेकिन उनकी तनख्वाह अब तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे वेतन जारी करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं जिसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया है।
डॉ. भार्गव ने बताया कि बसोहली में उनकी नियुक्ति को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया है। हालांकि उन्होंने इस विषय में लिखित रूप से कई बार बीएमओ को सूचित किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी सीएमओ कठुआ से लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक तक को दी जा चुकी है।
वहीं, बीएमओ बसोहली डॉ. रजनीश शर्मा ने सभी आरोपों को निराधार बताया और स्पष्ट किया कि अल्ट्रासाउंड मशीन पूरी तरह से कार्यरत है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. अंकुश भार्गव का वेतन संबंधित बीएमओ बनी के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वे इस विषय पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं।