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Kathua News: बाढ़ में बेघर और भूमिहीन प्रत्येक परिवार को सरकार देगी पांच जमीन
सार
जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हुए भूमिहीन परिवारों को पांच मरला जमीन देने की घोषणा की है। प्रशासन को राहत और पुनर्वास कार्य शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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विस्तार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार को कहा कि बाढ़ से बेघर हुए और भूमिहीन प्रत्येक परिवार को पांच मरला जमीन दी जाएगी। इस जमीन पर वे अपने घर बना सकेंगे। लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन देते हुए उन्होंने प्रशासन को समय पर राहत और पुनर्वास उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि प्रदेश में पहली बार भूमिहीन परिवारों को जमीन देने की घोषणा की गई है। उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर केंद्र सरकार से एक व्यापक राहत और पुनर्वास पैकेज की उम्मीद कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कठुआ और रियासी जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कठुआ में बिलावर तहसील के दुग्गन गांव में लोगों बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की कि जिनके घर और आजीविका हाल ही में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं उन्हें सरकार मदद देगी। इस मौके पर बनी विधायक रामेश्वर सिंह भी साथ रहे।
बता दें कि वर्ष 2025 जम्मू कश्मीर में भारी तबाही लेकर आया है। मार्च-अप्रैल में सूखे से लेकर अगस्त-सितंबर में लगातार बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन में कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक भारी नुकसान हुआ है। उमर ने कहा कि मूसलाधार बारिश से 350 से अधिक पुल, लगभग 2,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क, हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा खड़ी फसलें तबाह हो गई हैं। सरकारी और निजी दोनों भवनों को नुकसान पहुंचा है। कठुआ जिले में नुकसान का जायजा लेने के लिए उमर ने बनी, हीरानगर और लखनपुर में हवाई सर्वेक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा और वरिष्ठ नागरिक एवं पुलिस अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के साथ एक बैठक बुलाई। उन्होंने उपायुक्त को सभी प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक दौरा करने और जल्द से जल्द विस्तृत जमीनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। बनी के विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में बताया।
बनी के विधायक ने सीएम को बताया कि मोआर, नजोत और कंठल-माजरा आदि गांवों में लगभग 100 परिवारों की भूमि और संपत्ति पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। उन्होंने इन परिवारों के लिए पांच मरला भूमि आवंटन की मांग की साथ ही जलाना पुल की क्षति, हाई स्कूल लोहाई के कार्य में देरी, हाई स्कूल सदरोता के उन्नयन और प्रभावित परिवारों को केसीसी ऋण व बिजली बिलों से राहत देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
स्कूलों, पंचायत घरों, टेंटों व अन्य स्थानों पर रहना सही नहीं
रियासी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रियासी के जमसलान, साढ़, बग्गा में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद माहौर में जनसभा की। यहां उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर में सरकार प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों का स्कूलों, पंचायत घरों, टेंटों व अन्य स्थानों पर रहना सही नहीं है। इसलिए उनके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।इसके बाद उन्होंने तहसील मुख्यालय माहौर में बैठक कर अधिकारियों से पूरी स्थिति का जायजा लिया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूरे के पूरे पहाड़ दरक कर नीचे आ गए हैं। लोगों की पूरी मदद की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने कठुआ और रियासी जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कठुआ में बिलावर तहसील के दुग्गन गांव में लोगों बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की कि जिनके घर और आजीविका हाल ही में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं उन्हें सरकार मदद देगी। इस मौके पर बनी विधायक रामेश्वर सिंह भी साथ रहे।
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बता दें कि वर्ष 2025 जम्मू कश्मीर में भारी तबाही लेकर आया है। मार्च-अप्रैल में सूखे से लेकर अगस्त-सितंबर में लगातार बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन में कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक भारी नुकसान हुआ है। उमर ने कहा कि मूसलाधार बारिश से 350 से अधिक पुल, लगभग 2,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क, हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा खड़ी फसलें तबाह हो गई हैं। सरकारी और निजी दोनों भवनों को नुकसान पहुंचा है। कठुआ जिले में नुकसान का जायजा लेने के लिए उमर ने बनी, हीरानगर और लखनपुर में हवाई सर्वेक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा और वरिष्ठ नागरिक एवं पुलिस अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के साथ एक बैठक बुलाई। उन्होंने उपायुक्त को सभी प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक दौरा करने और जल्द से जल्द विस्तृत जमीनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। बनी के विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में बताया।
बनी के विधायक ने सीएम को बताया कि मोआर, नजोत और कंठल-माजरा आदि गांवों में लगभग 100 परिवारों की भूमि और संपत्ति पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। उन्होंने इन परिवारों के लिए पांच मरला भूमि आवंटन की मांग की साथ ही जलाना पुल की क्षति, हाई स्कूल लोहाई के कार्य में देरी, हाई स्कूल सदरोता के उन्नयन और प्रभावित परिवारों को केसीसी ऋण व बिजली बिलों से राहत देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
स्कूलों, पंचायत घरों, टेंटों व अन्य स्थानों पर रहना सही नहीं
रियासी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रियासी के जमसलान, साढ़, बग्गा में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद माहौर में जनसभा की। यहां उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर में सरकार प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों का स्कूलों, पंचायत घरों, टेंटों व अन्य स्थानों पर रहना सही नहीं है। इसलिए उनके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।इसके बाद उन्होंने तहसील मुख्यालय माहौर में बैठक कर अधिकारियों से पूरी स्थिति का जायजा लिया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूरे के पूरे पहाड़ दरक कर नीचे आ गए हैं। लोगों की पूरी मदद की जाएगी।