रूबिया सईद अपहरण कांड: 35 साल बाद श्रीनगर में नई गिरफ्तारी, CBI ने कार्रवाई को दिया है अंजाम
सीबीआई ने 1989 में हुए रूबिया सईद अपहरण मामले में श्रीनगर में एक नई गिरफ्तारी की है।
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सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 1989 में हुई रूबिया सईद अपहरण घटना के संदर्भ में श्रीनगर में एक नई गिरफ्तारी की है।
क्या है रूबिया सईद अपहरण कांड
1989 में मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी डॉ. रूबिया सईद का आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। घटना कुछ इस प्रकार थी- रूबिया सईद ललद्यद हॉस्पिटल से ड्यूटी पूरी होने के बाद घर के लिए निकलती हैं। इस दौरान वह एक बस में सवार हो जाती हैं। आतंकी पहले से इस बस में सवार रहते हैं और मौके का फायदा उठाकर उनका अपहरण कर लेते हैं। रूबिया के बदले में अपने आतंकी साथियों की रिहाई की मांग रखते हैं।
अपहरण के पांच दिन बाद 13 दिसंबर को रूबिया को छोड़ दिया जाता है और स्पेशल फ्लाइट से उन्हें दिल्ली लाया जाता है। इन सबके बीच मुफ्ती सईद का बयान आता है जिसमें वह कहते हैं कि एक पिता के रूप में मैं बहुत खुश हूं लेकिन एक नेता के रूप में यहीं कहना चाहूंगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
चूंकि इस अपहरण की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट द्वारा ली गई थी। इसी कारण यासीन मलिक को इसमें आरोपी बनाया गया है। अपहरण कांड का यह मामला सदर पुलिस स्टेशन श्रीनगर में दर्ज हुआ था। राज्य सरकार की सिफारिश पर 22 फरवरी, 1990 को सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। 18 सितंबर, 1990 को सीबीआई ने चार्जशीट दायर की थी जिसके बाद से मामले में सुनवाई चल रही है।
अपहरण कांड में टाडा कोर्ट ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के प्रभारी को हिदायत दी है कि 11 सितंबर को अगली सुनवाई पर उसे कोर्ट में पेश किया जाए।