सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jammu and Kashmir ›   Srinagar News ›   The terrorists killed the tourists after asking their religion It is also true that the rescuers did not sa

कश्मीर बोला: धर्म पूछकर मारे आतंकियों ने, लेकिन धर्म देखे बिना बचाया कश्मीरियों ने; घाटी में इंसानियत जिंदा है

अमृतपाल सिंह बाली, अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: निकिता गुप्ता Updated Tue, 06 May 2025 11:58 AM IST
विज्ञापन
सार

पहलगाम के बायसरन में आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया, लेकिन स्थानीय कश्मीरियों ने बिना धर्म देखे उनकी जान बचाई। घाटी के लोगों ने हमले की निंदा करते हुए अन्य राज्यों में कश्मीरियों को निशाना न बनाने की अपील की है।

The terrorists killed the tourists after asking their religion It is also true that the rescuers did not sa
लाल चौक श्रीनगर - फोटो : बसित जरगर
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

पहलगाम के बायसरन में आतंकी हमले को दो सप्ताह बीतने के बाद भी बेगुनाहों की हत्या करने वाले दहशतगर्दों के खिलाफ कश्मीरियों का आक्रोश कम नहीं हुआ है। उनका कहना है कि हमले के पीछे चाहे पाकिस्तानी हो या कश्मीरी आतंकी, गुनहगारों को मौत के घाट उतार दो।

Trending Videos


स्थानीय लोगों का कहना है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को मारा, लेकिन यह भी सच है कि बचाने वालों ने धर्म पूछकर सैलानियों को नहीं बचाया। इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि कुछ लोग धर्म के आधार पर दूसरे राज्यों में कश्मीरी व्यापारियों और छात्रों को निशाना बना रहे हैं, जिससे उनके परिवार वाले चिंता में हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

घोड़े वालों ने दिखाई बहादुरी, जान पर खेलकर बचाए पर्यटक
पहलगाम हमले के बाद घोड़े वाले आदिल और सज्जाद सहित अन्य कुछ टूरिस्ट गाइड की स्टोरी मीडिया में आई कि उन्होंने कैसे पर्यटकों की जान बचाई। उसके अलावा भी कई ऐसे युवा थे, जिन्होंने पर्यटकों को बायसरन घाटी से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। यह सब दर्शाता है कि कश्मीर में इंसानियत जिंदा है।पहलगाम के एक स्थानीय निवासी आदिल अहमद ने कहा कि जब हमले की खबर पहलगाम बाजार तक पहुंची तो अफरातफरी मच गई। 

यह खबर भी पढ़ें: Pahalgam Attack: एक आदिल ने किया हमला तो....दूसरे आदिल ने पर्यटकों को बचाने के लिए अपने सीने पर खाई गोलियां

घायलों और रोते पर्यटकों को देख घबराए थे गाइड
हमें पुलिस ने मदद के लिए बुलाया और हम तुरंत बायसरन की ओर निकल पड़े। अंदाजा नहीं था कि आगे क्या हुआ है। वहां जो देखा, वह बयान करने लायक नहीं। रोते पर्यटक और खून में लथपथ कुछ घायलों को देखकर हम डर गए। हिम्मत जुटाकर बचाव कार्य शुरू किया।

मैंने दो लोगों को एंबुलेंस तक पहुंचाया। जेहन में सिर्फ यही था कि कैसे भी सबको सुरक्षित निकालना है, लेकिन यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है? कुछ देर बाद किसी ने कहा कि आतंकियों ने हमला किया है। आज भी दिल दुखी है और हम चाहते हैं कि जिन्होंने भी यह किया है, उसे फांसी दी जाए।

यह हमला इंसानियत का कत्ल है
एक अन्य स्थानीय मुनीर अहमद ने कहा कि यह हमला साफ तौर पर इंसानियत का कत्ल है। जिसने भी किया है, वह कश्मीर का दुश्मन है और यहां अमन-शांति नहीं देखना चाहता। आतंकियों ने धर्म पूछकर बेगुनाहों को निशाना बनाया। जिन कश्मीरियों ने घायलों को बचाया और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया, उन्होंने किसी की भी मदद धर्म पूछकर नहीं की। यह सभी को समझना होगा। मेरा भांजा पंजाब में पढ़ रहा था, जब हमने यह सुना तो उसे वापस आने के लिए कहा और फिलहाल वह घर पर ही है। अभी भेजने में डर लगता है।

यह खबर भी पढ़ें:  Pahalgam: धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही जिंदगी; हमले के बाद खुलीं दुकानें, लौटे सैलानी; पहलगाम में उम्मीद की किरण

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed