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Udhampur News: जैविक खेती से जिले के 54,787 किसानों में बढ़ा आत्मविश्वास, आजीविका बढ़ी
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जैविक खेती से तैयार मृली की फसल दिखाता किसान।
- फोटो : udhampur news
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उधमपुर। जिले के 54,787 किसानों ने जैविक खेती के माध्यम से मौसमी सब्जियों और फसलों की खेती से अपनी आजीविका में बेहतरीन सुधार किया है। इससे उनकी आय में तो बढ़ोतरी होने के साथ खेती प्रबंधन में काफी सुधार हुआ है।
सरकार की कृषि सुधार और लाभार्थी सहायता योजनाएं किसानों को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बना रही हैं। मूली की फसल उगाने वाले मुल्ख राज ने कहा कि जैविक खेती अपनाने से उनकी फसल की पैदावार और खेती के प्रति आत्मविश्वास में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह सफर पहले आसान नहीं था, जब हमें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था क्योंकि सिंचाई की कोई गुंजाइश नहीं थी। कैसे पानी की कमी गांव में साल भर खेती में बाधा डालती थी। यह तब बदला जब कृषि विभाग ने सरकारी योजना के तहत बोरवेल लगाने में उनकी मदद की। इस हस्तक्षेप ने एक विश्वसनीय जल स्रोत तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की, जिससे वह लगातार मौसमी सब्जियां उगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे हमें मौसमी सब्जियों और फसलों की लगातार खेती करने में मदद मिली है। मुल्ख राज ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी वित्तीय सहायता का श्रेय दिया, जिससे उन्हें कृषि से जुड़ी तकनीकों का प्रबंधन करने में मदद मिली। इस योजना के तहत उन्हें सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जो उनके अनुसार खेती के दौरान महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मुल्ख राज की सफलता जिले में हो रहे व्यापक कृषि बदलाव को दर्शाती है।
उधमपुर के मुख्य कृषि अधिकारी हरबंस सिंह ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि किसानों को समय पर जागरूकता और सहायता मिले, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पीएम-किसान योजना का लाभ उठा सकें। हम उन्हें फॉर्म भरने से लेकर हर मदद कर रहे हैं। इस योजना की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि उधमपुर जिले के कुल 54,787 किसान अब इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। पीएम-किसान योजना किसानों के लिए आशा की किरण बन गई है। आजकल, किसान एक साल में कई फसलें उगा सकते हैं। मुल्ख राज जैसे किसान सरकारी योजनाओं के सहयोग से जैविक खेती को अपना रहे हैं, जिससे चक शत्रिंबल में कृषि विकास में नई तेजी आ रही है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक राहत और आशावाद दोनों में बढ़ोतरी हुई है।
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सरकार की कृषि सुधार और लाभार्थी सहायता योजनाएं किसानों को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बना रही हैं। मूली की फसल उगाने वाले मुल्ख राज ने कहा कि जैविक खेती अपनाने से उनकी फसल की पैदावार और खेती के प्रति आत्मविश्वास में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह सफर पहले आसान नहीं था, जब हमें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था क्योंकि सिंचाई की कोई गुंजाइश नहीं थी। कैसे पानी की कमी गांव में साल भर खेती में बाधा डालती थी। यह तब बदला जब कृषि विभाग ने सरकारी योजना के तहत बोरवेल लगाने में उनकी मदद की। इस हस्तक्षेप ने एक विश्वसनीय जल स्रोत तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की, जिससे वह लगातार मौसमी सब्जियां उगा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इससे हमें मौसमी सब्जियों और फसलों की लगातार खेती करने में मदद मिली है। मुल्ख राज ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी वित्तीय सहायता का श्रेय दिया, जिससे उन्हें कृषि से जुड़ी तकनीकों का प्रबंधन करने में मदद मिली। इस योजना के तहत उन्हें सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जो उनके अनुसार खेती के दौरान महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मुल्ख राज की सफलता जिले में हो रहे व्यापक कृषि बदलाव को दर्शाती है।
उधमपुर के मुख्य कृषि अधिकारी हरबंस सिंह ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि किसानों को समय पर जागरूकता और सहायता मिले, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पीएम-किसान योजना का लाभ उठा सकें। हम उन्हें फॉर्म भरने से लेकर हर मदद कर रहे हैं। इस योजना की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि उधमपुर जिले के कुल 54,787 किसान अब इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। पीएम-किसान योजना किसानों के लिए आशा की किरण बन गई है। आजकल, किसान एक साल में कई फसलें उगा सकते हैं। मुल्ख राज जैसे किसान सरकारी योजनाओं के सहयोग से जैविक खेती को अपना रहे हैं, जिससे चक शत्रिंबल में कृषि विकास में नई तेजी आ रही है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक राहत और आशावाद दोनों में बढ़ोतरी हुई है।