किश्तवाड़ में तबाही का मंजर: मलबे में दबे लोगों की तलाश में 45 जेसीबी, पांच से 20 फुट मलबा हटाना बड़ी चुनौती
किश्तवाड़ त्रासदी में 100 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, जिन्हें निकालने के लिए 45 जेसीबी और 300 से अधिक जवान राहत कार्य में जुटे हैं। खराब मौसम के कारण वायुसेना की मदद रुक गई है, लेकिन सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है।

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किश्तवाड़ त्रासदी में मलबे में दवे लोगों को बाहर निकालने के लिए बड़ा बचाव अभियान शुरू किया गया है। बहने वाले लोगों को भी तलाशा जा रहा है। इनकी संख्या 100 से 200 के बीच हो सकती है। बचाव कार्य में 45 जेसीबी मशीनों को मलबा हटाने के लिए लगाया गया है। एनडीआरएफ द्वारा विशेष उपकरणों और खौजी कुत्तों के साथ बचाव कार्य तेज किया गया है। हालांकि 5 से 20 फुट के मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालना एक बड़ी चुनौती है।

शनिवार तीसरे दिन मशीनों ने कहीं 5, कहीं 10, कहीं 15 तो कहीं 20 फुट मलबा हटाया। राहत की बात ये है कि अधिकतर जगहों पर मलवा कीचड़ और मिट्टी से भरा हुआ है। लेकिन कई जगहों पर बड़े पत्थर भी हैं। डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह और जम्मू से 35 से 40 एंबुलेंस मौके पर भेजी गई हैं, ताकि घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके।
प्रशासन, पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बलों और एसडीआरएफ के करीब 3 हजार से अधिक लोग इस कार्य में लगे हुए हैं।आईजीपी जम्मू भीमसेन टूटी और सीआरपीएफ जम्मू सेक्टर के आईजी भी घटनास्थल का कैंप कर रहे हैं।
आईजी जम्मू भीमसेन टूटी का कहना है कि पुलिस सीआरपीएफ, सेना, एसडीआरएफ और नागरिक अधिकारियों के साथ मिलकर बचे हुए लोगों को निकालने। लापता लोगों का पता लगाने और आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रही है। हमारी प्राथमिकता है कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की सुरक्षा और समय पर राहत दें। स्थानीय लोग भी सुरक्षाबलों और प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।
खराब मौसम के कारण वायुसेना मदद नहीं कर पा रही
केंद्रिय मंत्री डा जितेंद्र सिंह ने बताया कि वायुसेना इस बचाव कार्य के लिए तैयार है। राहत सामग्री से भरे दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर उधमपुर सैन्य स्टेशन पर खड़े हैं। लेकिन मौसम खराब होने की वजह से वे उड़ नहीं पा रहे। जैसे ही मौसम साफ होता है, वे काम में जुट जाएंगे। एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर तैयार रखा गया है।सेना ने शुरू किया बड़ा अभियान
बचाव कार्य में भारतीय सेना के 300 जवान मौके पर डटे हुए हैं। लगातार तीसरे दिन जवानों ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद से मलवा हटाने, लापता लोगों को तलाशने का कार्य किया। सेना की मेडिकल टीम मौके पर मौजूद है। कई लोगों को खाना भी मुहैया कराया जा रहा है।
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