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J&K Cloudbrust: मचैल माता के दर्शन से लौटते समय फटा बादल, मलबे से मिला शामलाल का शव, मां और बहन अब भी लापता

अमर उजाला, नेटवर्क जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 16 Aug 2025 03:59 PM IST
सार

किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने से शामलाल शर्मा की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और बेटी अभी भी लापता हैं। बेटे आयुष ने पिता को मुखाग्नि दी और मां-बेटी की सुरक्षित वापसी की उम्मीद जताई है।

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Cloudbrus Dead body of deceased Shamlal Sharma reached home, son Ayush lit the main fire.
शामलाल शर्मा और उनकी पत्नी - फोटो : File photo
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विस्तार
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जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चसोती गांव में 14 अगस्त की दोपहर 12.30 बजे बादल फटने से कई लोग मलबे की चपेट में आ गए है। इस हादसे में मढ विधानसभा के फ्लोरा गांव एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। जबकि उसकी पत्नी और बेटी लापता बताए जा रहे है।

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फ्लोरा निवासी (52) शामलाल पुत्र स्वर्गीय ज्ञानचंद का शव वीरवार को मलबे से मिल गया था। लेकिन पत्नी (42) सुषमा देवी और बेटी (24) ईशा बजोतरा का बादल फटने के बाद से अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि मां बेटी या तो बह गए या उनकी मौत हो गई है।
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शामलाल अपनी बेटी और पत्नी को लेकर रिश्तेदारों के साथ सोमवार सुबह 3 बजे घर से मचैल के लिए निकले थे।वीरवार को जब बादल फटा तब शामलाल उसकी पत्नी और बेटी वह मचैल माता के दर्शन कर चाशोती से घर के लिए निकल रहे थे। उनके रिश्तेदार आगे निकले थे।

वहीं पीछे से शामलाल और 5 से 6 रिश्तेदार चाशोती से निकलने ही वाले थे। तभी बादल फटने से गांव में तबाही मच गई। उनका शव मलबे में मिला। शामलाल आटा चक्की की मशीन चलता था। उसकी कमाई अच्छी नहीं थी और घर के खर्च के लिए घोड़ा रेहड़ी भी चलता था। शामलाल के दो बच्चे है। बड़ी बेटी ईशा एमएससी पूरी कर चुकी थी। और बेटा (22) आयुष 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्टेनो का काम सिख रहा है। घर की देखभाल के लिए शामलाल ने बेटे आयुष को घर पर छोड़ा था।

अब आयुष अपने परिवार का अकेला सदस्य रह गया है। शामलाल की मौत की खबर जैसे ही किश्तवाड़ से आई, आस-पड़ोस के कई लोग उनके घर पहुंच गए। घर के बाहर लोगो का जमावड़ा लगा है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के लोग अभी भी सदमे में है कि क्या यह घटना सच में घटी है।

शामलाल के बड़े भाई हरबंस लाल ने बताया कि वीरवार को जैसे ही पता चला कि किश्तवाड़ के चाशोती गांव में बादल फटने से उनके भाई शामलाल का शव मलबे से मिला है। वैसे ही भतीजा आयुष और उनके रिश्तेदार किश्तवाड़ के लिए निकल गए थे।

सोचा नहीं था कि माता के दर्शन के लिए जाने की खुशी मातम में बदल जाएगी। अब तो माता रानी से एक ही प्रार्थना है कि वह कोई चमत्कार करके भतीजी ईशा और भाभी को सकुशल मिलवा दे। वहीं मृतक शामलाल का शव शुक्रवार रात को घर लाया गया। जहां पर लोग अंतिम दर्शन करने पहुंचे। शनिवार को शामलाल का अंतिम संस्कार किया गया। शामलाल को मुख्यग्नि उसके बेटे आयुष ने दी। आयुष को अब मां सुषमा देवी और बहन ईशा के मिलने का इंतजार है।

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