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Jammu News: सरकारी स्कूल निजी भवनों में चलाना सरकार के लिए चुनौती, हर माह डेढ़ करोड़ होंगे खर्च
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- 750 से ज्यादा स्कूल अनसेफ घोषित, स्कूलों का ढांचा निजी भवनों में शिफ्ट करना मुश्किल
- शिक्षा विभाग के अधिकारी भवनों की तलाश में जुटे, सबसे ज्यादा परेशानी हायर सेकेंडरी स्कूल
सतीश वालिया
जम्मू। जम्मू संभाग में सरकारी स्कूलों को किराये के भवनों में शिफ्ट करना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। किराये पर भवन लेने से डेढ़ करोड़ रुपये हर माह खर्च होंगे। वर्तमान में 750 से ज्यादा स्कूल असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। बाकी के लिए सर्वे जारी है।
स्कूलों को किराये के भवनों, पंचायत घर या सामुदायिक भवन में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जोनल शिक्षा अधिकारी और प्रधानाचार्य संपर्क कर रहे हैं। सामने यह चुनौती आ रही है कि स्कूलों से सारा फर्नीचर और अन्य सामान शिफ्ट करना होगा। सामुदायिक भवनों में भी दो से तीन कमरे हैं। ऐसे में कम जगह में एक साथ पहली से लेकर आठवीं और नौवीं से लेकर 12वीं तक कक्षाएं लेने में परेशानी होगी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। दूसरी चुनौती यह है कि स्कूलों को चलाने के लिए किराये के भवन पर्याप्त नहीं हैं। यहां पर शौचालय से लेकर अन्य सुविधाओं की दरकार है। मौजूदा समय में आठ से दस कमरों वाले भवन किराये पर लेने के लिए देखे जा रहे हैं। तीसरी चुनौती यह है कि किराये के भवनों में खेलकूद और प्रार्थना सभाएं बंद हो जाएंगी। भवनों में पर्याप्त जगह नहीं है। यहां पर सिर्फ बच्चे बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। फिलहाल स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने के लिए सर्वे जारी है।
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पढ़ाई पर पढ़ेगा असर
स्कूलों में इस समय पढ़ाई जोरों पर चल रही थी। 26 अगस्त के बाद ढांचा अस्त-व्यस्त हुआ। ऐसे में स्कूल 17 दिन से बंद ही चल रहे हैं। समय पर कक्षाएं शुरू न होने से बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को परेशानी आ सकती है। फिलहाल ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रहीं हैं। सिलेबस अभी आधा ही कवर हुआ है। स्कूल ज्यादा दिन बंद रहे तो सिलेबस पूरा करना मुश्किल हो जाएगा।
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सर्वे रिपोर्ट में हर तीसरे स्कूल के दो से तीन कमरे अनसेफ
सर्वे रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि हर तीसरे स्कूल में दो से तीन कमरे असुरक्षित हैं। अब सुरक्षित कक्षों में कक्षाएं लेने की तैयारी चल रही है। असुरक्षित भवनों को गिराया जाएगा और नए भवन बनाए जाएंगे। हजारों स्कूलों को बारिश से नुकसान हुआ है। इससे शिक्षा विभाग के करोड़ों रुपये बर्बाद हुए हैं।
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पंचायतों में सामुदायिक भवन, पंचायत घर एक ही
ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक भवन और पंचायत घर अलग-अलग हैं। कुछ इलाकों में दो से तीन स्कूल असुरक्षित घोषित किए गए हैं। ऐसे में स्कूलों के लिए सरकारी जगह भी कम पड़ गई है। ऐसे इलाकों में किराये के भवनों की तलाश चल रही है।
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पंचायत घर, सामुदायिक भवन और किराये के भवनों में स्कूल चलेंगे। नए भवनों का निर्माण होगा। इसके बाद स्कूलों में कक्षाएं चलेंगी। जो स्कूल ठीक हैं, इनमें कक्षाएं आरंभ की जा रहीं हैं।
- मुश्ताक अहमद, संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग

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सतीश वालिया
जम्मू। जम्मू संभाग में सरकारी स्कूलों को किराये के भवनों में शिफ्ट करना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। किराये पर भवन लेने से डेढ़ करोड़ रुपये हर माह खर्च होंगे। वर्तमान में 750 से ज्यादा स्कूल असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। बाकी के लिए सर्वे जारी है।
स्कूलों को किराये के भवनों, पंचायत घर या सामुदायिक भवन में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जोनल शिक्षा अधिकारी और प्रधानाचार्य संपर्क कर रहे हैं। सामने यह चुनौती आ रही है कि स्कूलों से सारा फर्नीचर और अन्य सामान शिफ्ट करना होगा। सामुदायिक भवनों में भी दो से तीन कमरे हैं। ऐसे में कम जगह में एक साथ पहली से लेकर आठवीं और नौवीं से लेकर 12वीं तक कक्षाएं लेने में परेशानी होगी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। दूसरी चुनौती यह है कि स्कूलों को चलाने के लिए किराये के भवन पर्याप्त नहीं हैं। यहां पर शौचालय से लेकर अन्य सुविधाओं की दरकार है। मौजूदा समय में आठ से दस कमरों वाले भवन किराये पर लेने के लिए देखे जा रहे हैं। तीसरी चुनौती यह है कि किराये के भवनों में खेलकूद और प्रार्थना सभाएं बंद हो जाएंगी। भवनों में पर्याप्त जगह नहीं है। यहां पर सिर्फ बच्चे बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। फिलहाल स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने के लिए सर्वे जारी है।
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पढ़ाई पर पढ़ेगा असर
स्कूलों में इस समय पढ़ाई जोरों पर चल रही थी। 26 अगस्त के बाद ढांचा अस्त-व्यस्त हुआ। ऐसे में स्कूल 17 दिन से बंद ही चल रहे हैं। समय पर कक्षाएं शुरू न होने से बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को परेशानी आ सकती है। फिलहाल ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रहीं हैं। सिलेबस अभी आधा ही कवर हुआ है। स्कूल ज्यादा दिन बंद रहे तो सिलेबस पूरा करना मुश्किल हो जाएगा।
सर्वे रिपोर्ट में हर तीसरे स्कूल के दो से तीन कमरे अनसेफ
सर्वे रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि हर तीसरे स्कूल में दो से तीन कमरे असुरक्षित हैं। अब सुरक्षित कक्षों में कक्षाएं लेने की तैयारी चल रही है। असुरक्षित भवनों को गिराया जाएगा और नए भवन बनाए जाएंगे। हजारों स्कूलों को बारिश से नुकसान हुआ है। इससे शिक्षा विभाग के करोड़ों रुपये बर्बाद हुए हैं।
पंचायतों में सामुदायिक भवन, पंचायत घर एक ही
ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक भवन और पंचायत घर अलग-अलग हैं। कुछ इलाकों में दो से तीन स्कूल असुरक्षित घोषित किए गए हैं। ऐसे में स्कूलों के लिए सरकारी जगह भी कम पड़ गई है। ऐसे इलाकों में किराये के भवनों की तलाश चल रही है।
पंचायत घर, सामुदायिक भवन और किराये के भवनों में स्कूल चलेंगे। नए भवनों का निर्माण होगा। इसके बाद स्कूलों में कक्षाएं चलेंगी। जो स्कूल ठीक हैं, इनमें कक्षाएं आरंभ की जा रहीं हैं।
- मुश्ताक अहमद, संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग