हैदरपोरा मुठभेड़: नागरिकों की कथित हत्या के विरोध में श्रीनगर में बंद, लाल चौक की सभी दुकानें दोपहर तक नहीं खुली
श्रीनगर के हैदरपोरा में मुठभेड़ को लेकर कश्मीर का माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के आह्वान पर शुक्रवार को श्रीनगर में बंद रहा।
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श्रीनगर के हैदरपोरा में मुठभेड़ को लेकर कश्मीर का माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के आह्वान पर शुक्रवार को श्रीनगर में बंद रहा। इस दौरान लाल चौक समेत अन्य इलाकों में सुबह से ही दुकानें बंद रही। इस बीच सड़कों पर वाहन की संख्या बेहद कम दिखी।
हुर्रियत कांफ्रेंस ने हैदरपोरा मुठभेड़ में कथित तौर पर मारे गए दो नागरिकों के परिवारों के समर्थन में 19 नवंबर को बंद का आह्वान किया था। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और मारे गए लोगों के शव लौटाने की मांग की थी। पार्टी ने एक बयान में कहा है कि इस मुठभेड़ ने कश्मीर के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
मजिस्ट्रियल जांचकवर अप करने की कोशिश: मीर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि वारिशों को लाश मिलने का कानूनन हक हैं। इस मुठभेड़ की न्यायायिक जांच होना चाहिए। अगर उपराज्यपाल सही में इसकी जांच करवाना चाहते हैं तो वह हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से इसकी जांच करवा सकते हैं। मजिस्ट्रियल जांच सिर्फ इस मुदद् को कवर अप करने की कोशिश है।
पीएजीडी ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर पीएजीडी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। उनकी मांग है कि मुठभेड़ में मारे गए तीसरे नागरिक का शव भी उसके परिवार को लौटाया जाए। इसके अलावा मजिस्ट्रेटी जांच में निष्पक्ष जांच, न्यायिक जांच की मांग की। इससे पहले गुपकार गठबंधन की गुरुवार को फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने पत्रकारों को बताया कि गठबंधन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर विश्वसनीय जांच की मांग की है।
मजिस्ट्रेट नहीं, जज करें हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच: आजाद
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने हैदरपोरा मुठभेड़ मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। आजाद ने कहा, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने के लिए हमारे सुरक्षा बलों ने कई कुर्बानियां दी हैं, लेकिन कभी कभार ज्यादतियों के मामले भी सामने आते हैं। ऐसे में उन्हें जिम्मेदारी भी लेनी होगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने दावा किया था कि हैदरपोरा में दो आतंकी और दो मददगार मारे गए हैं। अब पता चला चल रहा है कि मरने वालों में एक डॉक्टर, एक कारोबारी और एक श्रमिक भी शामिल है। आजाद ने कहा कि उनके कार्यकाल में श्रीनगर के लाल चौक से तीन रेहड़ी वाले उठाकर उन्हें पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकी बताया गया और मार दिया गया। कब्रें खोदने पर पता चला कि यह तीनों तीनों रेहड़ी वाले थे। इस मामले में जम्मू-कश्मीर के ही 13 लोग अब जेल में हैं।