हैदरपोरा मुठभेड़: फारूक अब्दुल्ला के घर पर पीएजीडी की बैठक, धरने पर बैठे उमर, हुर्रियत का घाटी बंद का एलान
हैदरपोरा मुठभेड़ मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के सदस्यों की बैठक अपने घर पर बुलाई। उधर, हुर्रियत कांफ्रेंस ने मुठभेड़ के विरोध में कल शुक्रवार को बंद का एलान किया है।
विस्तार
श्रीनगर के हैदरपोरा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ को लेकर घाटी का माहौल गरम है। विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से गुरुवार को धरना-प्रदर्शन किया गया। नेकां नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मंत्री व पीपुल्स कांफ्रेंस प्रमुख सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने परिवार वालों को शव जल्द लौटाने की मांग की। गुपकार गठबंधन ने भी इस मुद्दे पर बैठक कर न्यायिक जांच की मांग की। इस बीच, श्रीनगर में प्रेस इन्क्लेव में धरने पर बैठे मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिवार वालों को पुलिस ने बुधवार की देर रात हटा दिया। इनमें से कुछ को हिरासत में भी लिया गया है।
उमर ने अपने समर्थकों के साथ म्युनिसिपल पार्क में धरना देकर परिवार वालों को मारे गए लोगों के शवों को जल्द सौंपने की मांग की। उमर ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं। वे चाहते तो रोड तथा पुल जाम कर सकते थे। यहां किसी प्रकार की नारेबाजी नहीं हो रही। न ही किसी प्रकार का कानून-व्यवस्था का उल्लंघन हो रहा। हम लोग सरकार के खिलाफ किसी प्रकार की नारेबाजी नहीं कर रहे हैं, बस हम परिवार वालों को जल्द शव देने की मांग कर रहे हैं। उमर ने कहा कि पुलिस के यह स्वीकार करने के बाद भी कि क्रास फायरिंग में नागरिक मारे गए हैं, शव परिवार वालों को न सौंपकर हंदवाड़ा में दफना दिया गया। कहा कि पता चला है कि आज सुबह परिवार वालों को पीसीआर बुलाया गया था। हमें आशा है कि फारूक अब्दुल्ला के एलजी से बात करने के बाद कुछ हलचल हुई है। इसलिए इंतजार करना चाहिए। हमने दफ्तर में 11 बजे से इंतजार किया कि कुछ होने वाला है, लेकिन परिवार वालों को दो-तीन इंतजार करने के लिए कह दिया गया।
सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी एमए रोड पर विरोध प्रदर्शन निकाला। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल गनी वकील के नेतृत्व में निकले मार्च में शामिल लोगों ने मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शव परिवार वालों को सौंपने तथा हाईकोर्ट के जज से घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की। वकील ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ संदेह के घेरे में है। इसलिए निष्पक्ष जांच के बिना न्याय मिलना संभव नहीं है।
न्यायिक जांच ही विश्वसनीय और पारदर्शी हो सकती है- एम वाई तारिगामी
वहीं, गुपकार गठबंधन ने प्रशासन की ओर से घोषित मजिस्ट्रेटी जांच में निष्पक्ष जांच होने पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की। गठबंधन की फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने पत्रकारों को बताया कि गठबंधन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर विश्वसनीय जांच की मांग की है। हमारी दृष्टि में केवल न्यायिक जांच ही विश्वसनीय और पारदर्शी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से घोषित मजिस्ट्रेटी जांच पारदर्शी नहीं हो सकता है क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, जिसमें आरोपी प्रशासन अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगा। गठबंधन ने देशभर के नेताओं से लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने की मांग की है। इस मुद्दे पर चुप्पी उचित नहीं है। हम कश्मीर को कब्रगाह नहीं बनने देंगे। सरकार को आवाज सुननी ही होगी। बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को छोड़ शेष सभी उपस्थित थे।
परिवार वालों से मिलने की अनुमति नहीं दी
तारिगामी ने आरोप लगाया कि पीएजीडी के नेता शोक संतप्त परिवार वालों से मिलना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। हर इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए कानूनी सलाह भी ले रहे हैं। हर सभी दरवाजे को खटखटाएंगे।
महबूबा का दावा, फिर से घर में प्रशासन ने किया नजरबंद
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें घर पर हिरासत में रखा गया है और पार्टी के दो अन्य सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी और प्रवक्ता नजमू साकिब को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि महबूबा नजरबंद नहीं हैं। पुलिस ने बताया कि वह प्रेस इन्क्लेव में धरना में शामिल होने जा रही थी, जिससे उन्हें रोका गया।
मुफ्ती ने अपने आवास के ‘लॉक’ किए गए गेट की तस्वीर साझा की और ट्वीट किया कि फि र से मुझे घर पर हिरासत में रखा गया है और पीडीपी के साकिब और सुहैल बुखारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हैदरपोरा मुठभेड़ का हवाला देते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि निर्दोष नागरिकों को मानव कवच के रूप में इस्तेमाल करना और फि र उनके परिजन को अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देना यह दिखाता है कि केंद्र सरकार अमानवीयता की नई गहराई को छू रही है।
हुर्रियत कांफ्रेंस ने बंद का किया आह्वान
हुर्रियत कांफ्रेंस ने हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए दो नागरिकों के परिवारों के समर्थन में 19 नवंबर को बंद का आह्वान किया है। इसने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और मारे गए लोगों के शव लौटाने की मांग की।
हुर्रियत कांफ्रें स ने एक बयान में कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ ने कश्मीर के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। अधिकांश नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता इस तरह की अमानवीयता का विरोध करने और मारे गए नागरिकों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के कारण जेलों या घरों में नजरबंद हैं। हमारी मांग है कि शवों को दफनाने के लिए उन्हें उनके प्रियजनों को लौटाया जाए। लोगों को खुद ही शुक्रवार को बंद रखना चाहिए।