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Kupwara: सेना के जवानों ने बचाई स्थानीय नागरिक की जान, मजदूरी करते समय अचानक सीने में हुआ दर्द
अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर
Published by: श्याम जी.
Updated Fri, 23 Feb 2024 10:55 AM IST
सार
कुपवाड़ा जिले के चौकीबल में समुदाय के प्रति समर्पण और त्वरित कार्रवाई का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए भारतीय सेना के जवानों की तीव्र कार्रवाई ने एक स्थानीय नागरिक की जान बचा ली।
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जवानों ने बचाई नागरिक की जान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के चौकीबल में समुदाय के प्रति समर्पण और त्वरित कार्रवाई का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए भारतीय सेना के जवानों की तीव्र कार्रवाई ने एक स्थानीय नागरिक की जान बचा ली। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि चौकीबल गैरिसन बटालियन के जवान क्षेत्र में स्थानीय नागरिक की मदद के लिए आगे आए, जिसे जानलेवा दिल का दौरे पड़ा था। उन्होंने कहा कि घटना तब सामने आई, जब त्रेहगाम निवासी आशिक हुसैन को दैनिक मजदूरी का काम करते समय अचानक सीने में तेज दर्द हुआ।
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अधिकारी ने बताया कि चौकीबल बटालियन के आरएमओ आसपास के क्षेत्र में थे और बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने संकटग्रस्त नागरिक की सहायता के लिए तेजी से आपातकालीन कॉल का जवाब दिया। अपने प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण का उपयोग करते हुए और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति से लैस होकर, सेना के जवानों ने कुशलतापूर्वक ड्रगमुल्ला में निकटतम सेना चिकित्सा सुविधा में ले जाने से पहले व्यक्ति को स्थिर करने के लिए प्रारंभिक सहायता प्रदान की। सैन्य अधिकारी ने कहा कि समय पर किया गया हस्तक्षेप आगे की जटिलताओं को रोकने और संभावित रूप से नागरिक के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
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अधिकारी ने कहा कि यह घटना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि उन समुदायों की भलाई के लिए भी भारतीय सेना के समर्पण का प्रमाण है, जिनकी वे सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे वीरतापूर्ण कृत्य न केवल संघर्ष के समय बल्कि नागरिक संकट के क्षणों में भी संरक्षक के रूप में सशस्त्र बलों की छवि को मजबूत करते हैं। इससे जवान और अवाम की दूरियों को काम करने में मदद मिलती है। बता दें कि स्थानीय अधिकारियों और सदस्यों द्वारा सदस्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सैन्य और नागरिक क्षेत्रों के बीच सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों ने इस कृत्य की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना हमेशा दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की हर मदद के लिए सामने आती है। जहां प्रशासन नहीं पहुंच पाता सेना वहां पहुंचती है। अगर सेना न हो तो दुर्गम परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करता दुश्वार हो जाए।