खुलासा: उधमपुर की बजाय जम्मू में वारदात की थी योजना
उधमपुर हमले में शामिल आतंकियों की जम्मू में वारदात को अंजाम देने की योजना थी। हालांकि आतंकियों द्वारा अंतिम समय में इरादा बदला गया।
यह खुलासा एनआईए की ओर से पेश की गई चार्जशीट में किया गया है। एनआईए रिपोर्ट के अनुसार इरादा बदलने के कारण आतंकी वापस कश्मीर लौट गए थे।
हमले की योजना का फरार फाइनेंसर आशिक सात जुलाई को उस आतंकी ठिकाने पर पहुंचा था, जहां पाकिस्तानी आतंकी रह रहे थे। इस दौरान अबु कासिम, अबु ओकाशा और खुर्शीद भट भी थे। उन्होंने जम्मू में वारदात को अंजाम देने का फैसला किया था।
नौ जुलाई को जम्मू आए थे नावेद और ओकाशा
ड्राइवर खुर्शीद भट को पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नावेद और अबु ओकाशा को जम्मू ले जाने के निर्देश दिए गए, ताकि वे वहां किसी सुरक्षा बल के ठिकाने में फिदायीन हमला कर सकें। खुर्शीद को कहा गया कि वह सुरक्षा एजेंसी के ठिकाने के पास उन्हें उतार कर निकल जाए।
खुर्शीद दोनों को लेकर जम्मू के लिए रवाना हुआ। उनके साथ निसार अहमद पार्रे भी था। नौ जुलाई 2015 को वह जम्मू पहुंचे। लेकिन अंतिम समय में उनका वारदात करने का इरादा बदल गया।
योजना को अंजाम नहीं दिए जाने पर खुर्शीद तीनों को ट्रक में साथ लेकर बाड़ी ब्राह्मणा स्थित एक कोल्ड ड्रिंक की फैक्ट्री में पहुंचा और वहां से कश्मीर के लिए माल लोड किया। यदि वह अपने मंसूबों में सफल हो जाते तो पांच अगस्त 2015 को उधमपुर में बीएसएफ काफिले पर हुए हमले की जगह जम्मू में आतंकी वारदात हो सकती थी।