Jammu Tourism: आपदा व आतंक को पीछे छोड़ आगे बढ़ा जम्मू, पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक आए सैलानी
इस साल जम्मू संभाग में आपदा और पहलगाम आतंकी घटना के बावजूद पर्यटन में वृद्धि हुई, 30 नवंबर तक 1.47 करोड़ सैलानी पहुंचे।
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कश्मीर में पहलगाम आतंकी घटना और जम्मू संभाग में प्राकृतिक आपदा में भी पर्यटकों के कदम नहीं रुके। पूरे जम्मू संभाग में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष अधिक पर्यटक पहुंचे हैं। इस साल 30 नवंबर तक एक करोड़ 47 लाख 32 हजार 552 सैलानियों ने जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों की सैर की है। वहीं, पिछले वर्ष एक करोड़ 10 लाख 41 हजार 610 पर्यटकों ने सैर की थी।
जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है। अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अगस्त में बारिश और बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर में कुछ समय के लिए पर्यटकों की आवाजाही को लगभग रोक दिया था। इससे प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र टूटता नजर आया।
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को संभालने के लिए केंद्र सरकार ने त्वरित कदम उठाए। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सांसदों-मंत्रियों को भेजा। उपराज्यपाल प्रशासन ने अपने प्रयास तेज किए और सरकारी व निजी संस्थाओं के साथ मिलकर पर्यटन का प्रसार किया गया। पर्यटन विभाग ने मैराथन के साथ ही अभिनेत्री हुमा कुरैशी को बुलाकर सुचेतगढ़, पटनीटॉप जैसे पर्यटन स्थलों के सुरक्षित होने का संदेश दिया।
बीएसएफ मैराथन के जरिए जम्मू में पर्यटकों को आकर्षित किया गया तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में पर्यटन पर आधारित कार्यक्रम किए। पहली बार पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने पार्टी का सम्मेलन पटनीटॉप में रखा। यही नहीं, जम्मू विश्वविद्यालय ने पहली बार अपने कैंपस के बाहर एकेडमिक काउंसिल की बैठक डोडा जिले के भद्रवाह में की। भद्रवाह को मिनी कश्मीर के नाम से जाना जाता है।
पर्यटन विभाग ने जम्मू के एंथम को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाने के साथ ही ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी अवसर मुहैया कराए। देश के विभिन्न शहरों में ट्रैवल मार्ट में हिस्सा लेकर जम्मू के पर्यटन स्थलों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रयासों से जम्मू-कश्मीर का पर्यटन आपदाओं से आजाद होता नजर आया। इस सबमें अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं ने भी सहारा दिया।
भद्रवाह के साथ ही सनासर को पैराग्लाइडिंग के लिए नई पहचान मिली है। उधमपुर में पड़ने वाले शिवखोड़ी में भी अच्छी संख्या में श्रद्धालु रही है। बसोहली पेंटिंग और हैंडीक्राफ्ट के लिए खूब पसंद किया जा रहा है। प्रकृति का साथ पसंद करने वालों के लिए राजोरी के जलप्रपात आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
क्रिसमस और नए साल से पर्यटन को बड़ी उम्मीद
क्रिसमस और नए साल पर बड़ी संख्या में पर्यटक जम्मू का रुख करते हैं। इन दिनों स्कूल-कॉलेज में अवकाश की वजह से सपरिवार पर्यटक आते हैं। ऐसे में दिसंबर के अंत में पर्यटकों की संख्या में और उछाल आने की संभावना है।
कश्मीर पर पड़ा है फर्क:
इस साल पहलगाम हमले के बाद से कश्मीर के पर्यटन पर जरूर असर पड़ा है। इसका एक कारण यह है कि वहां सुरक्षा कारणों की वजह से कई पर्यटन स्थलों को नहीं खोला जा सका है। इससे वहां पर कम सैलानी पहुंचे हैं। हालांकि, क्रिसमस और नए साल में जम्मू समेत कश्मीर संभाग में भी पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।