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Jammu News: श्रीनगर की इंजीनियर साइका प्रेरणादायक कला और कैलीग्राफी से जीत रही लोगों का दिल
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साइका अपनी कलाकृतियों के साथ।
- फोटो : shrinagar news
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श्रीनगर। साइका राशिद विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) में सहायक अभियंता हैं, जिनका कला और कैलीग्राफी के प्रति जुनून आत्म-अभिव्यक्ति और प्रेरणा की एक उल्लेखनीय यात्रा में परिणत हुआ है। छोटी उम्र से ही साइका में कैलीग्राफी और चित्रकला की जन्मजात प्रतिभा रही है, यह जुनून कलात्मक प्रयासों के प्रति उनके प्रेम से पोषित हुआ।
बचपन से ही उन्होंने मेहंदी प्रतियोगिताओं में भाग लिया, अपनी जटिल डिज़ाइनों का प्रदर्शन किया और लगातार चार वर्षों तक विजेता का प्रतिष्ठित खिताब जीता। कॉलेज के दिनों में उन्होंने कला प्रतियोगिताओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जिससे रचनात्मक अभिव्यक्ति के प्रति उनका जुनून और भी बढ़ गया। हालांकि जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ा और व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियां बढ़ती गईं, साइका की कलात्मक गतिविधियां पीछे छूट गईं। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद ही उन्हें अपनी रचनात्मक चिंगारी का अहसास हुआ और कला के प्रति उनका प्रेम फिर से जागृत हुआ। अनिश्चितता और एकाकीपन के बीच साइका ने अपनी कलात्मक प्रतिभा को सांत्वना, आनंद और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के साधन के रूप में अपनाया।
साइका ने कहा कि यह मेरा जुनून है और पिछले दो-तीन वर्षों से मैंने अपनी कला को सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू किया। वाहवाही मिलने के बाद मैंने इसे और आगे ले जाने की ठानी और मैंने एक प्राइवेट आर्ट गैलरी भी खोली जहां लोग मेरी कला को देखने आ सकते हैं। ज़्यादातर मैं सूफिज्म पर आधारित कला का प्रदर्शन करती हूं लेकिन अब मैंने लैंडस्केप आदि भी बनाने शुरू किये क्योंकि अगर मैंने बाहरी मंचों पर प्रदर्शन करना है तो मेरी कला में विविधता होनी ज़रूरी है। अभी तक जो कुछ भी मैं कर रही हूं बिना किसी के सहयोग से अपने पैसे लगा रही हूं। एक कलाकार के रूप में साइका को जो चीज अलग बनाती है वह है अपनी मातृभूमि कश्मीर से उनका गहरा जुड़ाव। इस क्षेत्र की राजसी सुंदरता उनकी कलाकृतियों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत बनी रहती है। अपनी रचनाओं के माध्यम से वह कश्मीर के सार, उसकी समृद्ध संस्कृति और इस्लामी कला के गहन आध्यात्मिक प्रभाव को उकेरने का प्रयास करती हैं।
साइका की कलाकृतियां एब्स्ट्रेक्ट आर्ट, मॉडर्न आर्ट और कैलीग्राफी सहित विभिन्न रूपों को समेटे हुए हैं। वह रंगों, बिंदुओं, रेखाओं और शब्दों का कुशलतापूर्वक सम्मिश्रण करके एक गहन अर्थ व्यक्त करती हैं जो कल्पना को प्रज्वलित करता है। उनके पसंदीदा माध्यमों में एक्रिलिक पेंट, कागज़ पर स्याही और कैनवास शामिल हैं। साइका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनियों में भी भाग ले चुकी हैं।
कला को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को सिखाती हूं: साइका
मैं बच्चों को भी सिखाती हूं ताकि इस कला को बढ़ावा मिल सके। बच्चे मुझसे प्रेरित हो रहे थे, सोशल मीडिया पर कांटेक्ट कर रहे थे इसलिए मैंने उन्हें सिखाने की ठानी। मैं उन्हें सब कुछ मुफ्त में मुहैया कराती हूं। मैं बच्चों के लिए विभिन्न सेशन का आयोजन करती हूँ ताकि उनको कुछ सीखने को मिले। मेरे पिता और पति ने काफी सहयोग दिया है। ''''''''सिप एंड पेंट'''''''' जैसे आयोजन भी करती हूं जिसमें अच्छी संख्या में बच्चे शामिल होते हैं। मैंने स्कूलों में निजी स्तर पर कई आयोजन किये हैं।
मुझे वो सम्मान नहीं मिला जिसकी मैं हकदार हूं: साइका
मेरी कला को देखते हुए मुझे कई कार्यक्रमों और सरकारी आयोजनों में बुलाया जाता है, कला को प्रदर्शित करती हूं। लेकिन जो पहचान या सम्मान मुझे सरकार की ओर से या संबंधित विभाग से मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया है। मुझे उम्मीद है कि मेरी कला की कदर जानते हुए भविष्य में मुझे मिलेगा, जिसकी मैं हकदार हूं।
अब तक इन प्रदर्शनियों में लिया है भाग ...
# जी-20 ओपन एयर (पोलो व्यू कश्मीर में पहली ओपन एयर प्रदर्शनी)
# यूट्यूबर्स फेस्ट टैगोर हॉल श्रीनगर
# सैयद सलमान चिश्ती के नेतृत्व में अजमेर में अंतरराष्ट्रीय सूफी कला प्रदर्शनी 2021, 2022 और 2023 (लगातार तीन वर्षों से)
# हाट ऑफ आर्ट मुंबई (विंधु धारा सिंह और सुनील शेट्टी के नेतृत्व में)
# कुपवाड़ा में कला प्रदर्शनी
# सिलसिला 2025 लोकायत आर्ट गैलरी हौज खास नई दिल्ली
# अवध कला महोत्सव त्रावणकोर पैलेस नई दिल्ली
# आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलोर में कलाकार मिलन समारोह

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साइका ने कहा कि यह मेरा जुनून है और पिछले दो-तीन वर्षों से मैंने अपनी कला को सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू किया। वाहवाही मिलने के बाद मैंने इसे और आगे ले जाने की ठानी और मैंने एक प्राइवेट आर्ट गैलरी भी खोली जहां लोग मेरी कला को देखने आ सकते हैं। ज़्यादातर मैं सूफिज्म पर आधारित कला का प्रदर्शन करती हूं लेकिन अब मैंने लैंडस्केप आदि भी बनाने शुरू किये क्योंकि अगर मैंने बाहरी मंचों पर प्रदर्शन करना है तो मेरी कला में विविधता होनी ज़रूरी है। अभी तक जो कुछ भी मैं कर रही हूं बिना किसी के सहयोग से अपने पैसे लगा रही हूं। एक कलाकार के रूप में साइका को जो चीज अलग बनाती है वह है अपनी मातृभूमि कश्मीर से उनका गहरा जुड़ाव। इस क्षेत्र की राजसी सुंदरता उनकी कलाकृतियों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत बनी रहती है। अपनी रचनाओं के माध्यम से वह कश्मीर के सार, उसकी समृद्ध संस्कृति और इस्लामी कला के गहन आध्यात्मिक प्रभाव को उकेरने का प्रयास करती हैं।
साइका की कलाकृतियां एब्स्ट्रेक्ट आर्ट, मॉडर्न आर्ट और कैलीग्राफी सहित विभिन्न रूपों को समेटे हुए हैं। वह रंगों, बिंदुओं, रेखाओं और शब्दों का कुशलतापूर्वक सम्मिश्रण करके एक गहन अर्थ व्यक्त करती हैं जो कल्पना को प्रज्वलित करता है। उनके पसंदीदा माध्यमों में एक्रिलिक पेंट, कागज़ पर स्याही और कैनवास शामिल हैं। साइका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनियों में भी भाग ले चुकी हैं।
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मैं बच्चों को भी सिखाती हूं ताकि इस कला को बढ़ावा मिल सके। बच्चे मुझसे प्रेरित हो रहे थे, सोशल मीडिया पर कांटेक्ट कर रहे थे इसलिए मैंने उन्हें सिखाने की ठानी। मैं उन्हें सब कुछ मुफ्त में मुहैया कराती हूं। मैं बच्चों के लिए विभिन्न सेशन का आयोजन करती हूँ ताकि उनको कुछ सीखने को मिले। मेरे पिता और पति ने काफी सहयोग दिया है। ''''''''सिप एंड पेंट'''''''' जैसे आयोजन भी करती हूं जिसमें अच्छी संख्या में बच्चे शामिल होते हैं। मैंने स्कूलों में निजी स्तर पर कई आयोजन किये हैं।
मुझे वो सम्मान नहीं मिला जिसकी मैं हकदार हूं: साइका
मेरी कला को देखते हुए मुझे कई कार्यक्रमों और सरकारी आयोजनों में बुलाया जाता है, कला को प्रदर्शित करती हूं। लेकिन जो पहचान या सम्मान मुझे सरकार की ओर से या संबंधित विभाग से मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया है। मुझे उम्मीद है कि मेरी कला की कदर जानते हुए भविष्य में मुझे मिलेगा, जिसकी मैं हकदार हूं।
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