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जम्मू-कश्मीर: देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति नए मंदिर में होगी स्थापित, एलओसी के पास टीटवाल में होगा आयोजन
अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर
Published by: विमल शर्मा
Updated Wed, 22 Mar 2023 10:27 PM IST
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सार
सेव शारदा कमेटी के संस्थापक रविंदर पंडिता ने कहा, ज्ञान की देवी की मूर्ति को ले जाने के लिए एक वाहन को रथ में परिवर्तित किया गया है। मूर्ति 22 मार्च को मंदिर में स्थापित होने से पहले विभिन्न राज्यों से गुजरेगी।

पुराना शारदा पीठ मंदिर
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
सेव शारदा कमेटी कश्मीर (एसएससीके) ने बताया है कि कश्मीरी पंडितों की प्रमुख देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति को 24 जनवरी को कर्नाटक के श्रृंगेरी से कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टीटवाल के लिए निकाला जाएगा। वहां उन्हें 22 मार्च को नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
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कमेटी के संस्थापक रविंदर पंडिता ने वीरवार को कहा, ज्ञान की देवी की मूर्ति को ले जाने के लिए एक वाहन खरीदा गया है, और रथ में परिवर्तित किया गया है। मूर्ति 22 मार्च को मंदिर में स्थापित होने से पहले विभिन्न राज्यों से गुजरेगी।
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पंडिता के अनुसार श्रृंगेरी दक्षिणायम शारदा पीठम एलओसी टीटवाल में नवनिर्मित शारदा मंदिर के लिए एसएससीके को पांच धातुओं से बनी मूर्ति दे रहा है। रथ 24 जनवरी को श्रृंगेरी से आगे बढ़ेगा और बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू और कुपवाड़ा में टिक्कर अष्टप्पन से होकर गुजरेगा।
देवी-पूजा के नौ शुभ दिनों चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च को नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पंडिता ने कहा कि समिति ने 22 मार्च को पीओके में चिल्हाना के माध्यम से सद्भावना के रूप में मंदिर के उद्घाटन के लिए नियंत्रण रेखा के पार अपने नागरिक समाज के सदस्यों को भी आमंत्रित किया है।
मंदिर की अध्यक्षता टीटवाल के एक स्थानीय सरपंच द्वारा की जा सकती है। टीटवाल मंदिर महत्वपूर्ण है, क्योंकि पवित्र छड़ी मुबारक को टीटवाल से मुख्य शारदा मंदिर तक ले जाया जाता था जो अब पीओके में स्थित है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि अविभाजित भारत के मुजफ्फराबाद में मां शारदा देवी जी का मठ था। दुनिया भर से लोग वहां आते थे और मंदिर में धर्म, संस्कृत, वेद और शास्त्रों की पूजा करते थे। जब विभाजन हुआ तो मठ नष्ट हो गया।
Kupwara, J&K | Maa Sharda Devi Ji’s Math was there in undivided India’s Muzaffarabad. People from across the world used to come there & worship the temple for Religion, Sanskrit, Ved & Shashtras. When there was partition that Math was destroyed: Ravinder Raina, President J&K BJP pic.twitter.com/U3whtWnDoG
— ANI (@ANI) March 22, 2023