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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में जल्द लॉन्च होगा 'सेहत एप', स्वास्थ्य सेवाओं का मिलेगा वन स्टॉप सॉल्यूशन
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: निकिता गुप्ता
Updated Tue, 18 Feb 2025 12:57 PM IST
सार
जम्मू-कश्मीर में जल्द लॉन्च होने वाला सेहत एप जो मरीजों, स्वास्थ्य पेशेवरों और आम जनता के लिए वन स्टॉप स्वास्थ्य समाधान देगा जिसमें टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य बीमा, और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।
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जम्मू-कश्मीर सेहत एप पे चर्चा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जम्मू कश्मीर की जनता के लिए जल्द सेहत एप को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। मरीजों और पेशेवरों के लिए सार्वजनिक व निजी स्वास्थ्य क्षेत्र में इसे वन स्टॉप सॉल्यूशन बताया जा रहा है। इसमें मरीजों की सेवाएं, आम जनता के लिए सुविधाएं, स्वास्थ्य पेशेवरों, मेडिकल छात्रों के लिए सुविधाएं, उनके कौशल विकास, स्वास्थ्य बीमा और लोगों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए हेल्पलाइन सहायता प्रदान करेगा।
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इसमें एक चैट बॉट भी रहेगा, जिससे संबंधित प्रश्नों का जवाब मिलेगा। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने सोमवार को ‘सेहत एप’ को जनता को समर्पित किए जाने से पहले इसकी विशेषताओं और कार्यप्रणाली का विश्लेषण किया। इसे बीआईएसएजी-एन द्वारा विकसित किया गया है। यह एप्लीकेशन मरीजों और स्वास्थ्य चिकित्सकों को उनके स्मार्ट फोन के माध्यम से बेहतर सेवाएं प्रदान करेगी।
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मुख्य सचिव ने एप पोर्टल पर सभी स्वास्थ्य चिकित्सकों को शामिल करने को कहा। इसके साथ डॉक्टरों /पैरामेडिक्स के पंजीकरण के संबंध में कुछ उन्नयन करने पर भी विचार करने की सलाह दी, ताकि घर पर सहायता और टेली परामर्श दिया जा सके। ये सेवाएं भी शामिल करने पर जोर : एप में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में उपलब्ध कीमोथेरेपी, डायलिसिस जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी जोड़ी जाए।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से विस्तारित बीमा सेवाओं की पेशकश की जाए। आपात स्थिति में ‘बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस)’ सहायता प्रदान करने में प्रमाणित पेशेवरों और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) देने वालों की एक सूची शुरू करने के लिए भी कहा गया।
उन्होंने ई-विन, एबीडीएम और अन्य प्रासंगिक जैसे अन्य अनुप्रयोगों के साथ एपीआई एकीकरण के अलावा रक्तदाताओं के विवरण के साथ इसे समृद्ध करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इसी तरह दवाओं की होम डिलीवरी, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और राष्ट्रीय संस्थानों के गतिविधि कैलेंडर जैसी सेवाओं को जोड़ने पर जोर दिया गया। एप्लीकेशन में ही भुगतान गेटवे शुरू किया जाए। जरूरत या आपात स्थिति के समय उपयोगकर्ताओं को स्वास्थ्य अलर्ट भेजा जाए।