पेशी के दौरान कुछ कश्मीरियों ने की नावेद से मिलने की कोशिश
अदालत में सुनवाई के बाद बाहर पुलिस वाहन में बैठे पाकिस्तानी आतंकी नावेद से कुछ कश्मीरियों ने मिलने का कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें नावेद के पास फटकने नहीं दिया। बताया जाता है कि अदालत से बाहर निकलते ही नावेद जैसे ही वाहन में बैठा, तो कुछ लोगों ने उससे बातचीत करने का प्रयास किया।
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा मना करने पर वह जिद करने लगे। कुछ लोगों ने पुलिस वालों को पैसे देने की बात कही। संवेदनशील मामला होने के कारण पहले तो उन्हें वहां से हटाया गया और फिर एक पुलिसकर्मी अदालत में एनआईए के अधिकारियों के पास पहुंचा और सारी बात बताई।
इस पर अधिकारियों ने पुलिस वालों को स्पष्ट कहा कि अदालत की इजाजत के बिना किसी को उनसे मिलने न दिया जाए। इनमें एक-दो महिलाएं भी थीं। एक महिला अदालत में सुनवाई के दौरान भी उपस्थित थी और नावेद उसकी ओर बार-बार देख रहा था।
मामले की अगली सुनवाई 27 को
मामले की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 29 जनवरी को मामले में आठ आरोपियों को नामजद करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की थी। एनआईए की विशेष अदालत के जज किशोर कुमार के सामने सभी छह आरोपियों को पेश किया गया।
इनमें से दो आरोपियों के वकीलों को चार्जशीट की कापी दी, जबकि नावेद सहित चार आरोपियों ने खुद कापी प्राप्त की, क्योंकि उन्होंने अभी वकील तय नहीं किए हैं। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी मुकर्रर की।
आरोपियों के परिवार वाले भी अदालत में रहे मौजूद
गौरतलब है कि पांच अगस्त को पाकिस्तानी आतंकी नावेद और नोमान ने उधमपुर के पास बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था। इसमें बीएसएफ दो कर्मी शहीद हो गए थे, जबकि एक दर्जन घायल हो गए थे।
जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ ने नोमान को मौके पर ढेर कर दिया था, जबकि नावेद को दो ग्रामीणों ने जिंदा पकड़ लिया था। सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी आतंकी नावेद के अलावा शौकत अहमद भट्ट, खुर्शीद अहमद भट्ट, शाबजार अहमद भट्ट, फैयाज अहमद इट्टू और खुर्शीद अहमद इट्टू को अदालत में लाया गया।
पाकिस्तानी आतंकी पहली बार सफेद कुर्ता पजामा और सिर पर टोपी लगाकर पहुंचा। कुछ आरोपियों के परिवार वाले कश्मीर से पहुंचे और सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहे।