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बड्डाल मामले में टेस्टों के बाद नया खुलासा: तीन परिवारों के ईदगिर्द घूमती रही मौत; चौथे में मिले सामान्य लक्षण

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Wed, 29 Jan 2025 11:24 AM IST
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सार

बड्डाल में तीन परिवारों के ईदगिर्द मौत घूमती रही, जिसमें मोहम्मद फजल हुसैन, मोहम्मद रफीक और मोहम्मद असलम के परिवारों में रहस्यमय मौतों के मामले में सभी में 90 प्रतिशत लक्षण एक जैसे थे।

New revelation after tests in Baddal case
बड्डाल में मातम - फोटो : अमर उजाला
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 बड्डाल में अब तक के घटनाक्रम में पहले तीन परिवारों के ईदगिर्द मौत घूमती रही। इनमें मोहम्मद फजल हुसैन, मोहम्मद रफीक और मोहम्मद असलम के परिवारों में रहस्यमय मौतों के मामले में सभी में 90 प्रतिशत लक्षण एक जैसे थे। इनमें अधिकांश को फूड पॉयजनिंग की शिकायत के बाद बेहोशी, उल्टी, अचेत और आखिर में नर्व (दिमाग) तंत्र को क्षति पहुंची।

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चौथे मामले में जम्मू लाई गई तीन बहनों में पहले तीन परिवारों की तुलना में अलग लक्षण मिले। वे घबराई, डरी और कमजोर थीं। इससे स्वास्थ्य विभाग और पुलिस पहले तीनों परिवारों के मामलों पर ही जांच कर रहे हैं।पीजीआई चंडीगढ़ में आठ दिन उपचार के बाद बड्डाल निवासी एजाज अहमद को भी मंगलवार वापस जम्मू जीएमसी में भेज दिया गया है।
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शाम को इमरजेंसी में उसके जरूरी टेस्ट करवाए गए। टेस्टों के बाद उसे चोपड़ा नर्सिंग होम में रखने की तैयारी थी। डॉक्टरों के अनुसार एजाज की हालत स्थिर है। जीएमसी जम्मू के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि पहले तीन मामलों में बच्चों समेत अन्य कुछ लोगों को राजोरी से जम्मू भेजा गया था और उनमें लक्षण एक जैसे थे। एक हफ्ते से देश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं से रिपोर्टों के आने का इंतजार है, जिससे बाद सारी स्थिति साफ होगी। सूत्रों के अनुसार प्रयोगशालाओं से मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में खाने के कुछ सैंपलों में टॉाक्सिन मिलने की पुष्टि हुई है। इससे लग रहा है कि पहले तीन परिवारों के सदस्यों ने उसी टाक्सिन का सेवन किया।

जीएमसी की बीएसएल 3 लैब में 500 से अधिक टेस्ट
जीएमसी जम्मू की बीएसएल 3 लैब में पहली बार बड्डाल जैसे बड़े घटनाक्रम में 500 से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। ये टेस्ट वायरल और वैक्टीरिया की पहचान के लिए किए गए। इसके साथ इन सैंपलों को पीजीआई चंडीगढ़ भेजकर जीएमसी और पीजीआई की टेस्ट रिपोर्ट का आकलन किया गया, जिसमें दोनों टेस्ट में वायरस या वैक्टीरिया न मिलने पर टाक्सिन की थ्यूरी पर काम किया गया। पीजीआई चंडीगढ़ में भी बड्डाल मामले में 80 तक सैंपल भेजे गए हैं।

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