कश्मीर से खाली हाथ लौटी एनआईए की टीम
उधमपुर हमले के बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कश्मीर घाटी गई नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम खाली हाथ लौट आई है।
पाकिस्तानी आतंकी नावेद और उसके साथियों को आर्थिक मदद देने वाले फाइनेंसर आशिक हुसैन भट्ट और ट्रक ड्राइवर फैयाज अहमद उर्फ सेठा के गैर जमानती वारंट एनआईए ने हासिल किए थे।
उनकी तलाश में एनआईए टीम दो बार कश्मीर का दौरा कर चुकी है, लेकिन वह अभी तक हाथ नहीं आए हैं। सूत्रों के अनुसार एनआईए टीम इस मामले का चालान जनवरी के तीसरे सप्ताह तक पेश कर सकती है।
चालान पेश करने से पहले एनआईए बाकी आरोपियों को हर हाल में गिरफ्तार करना चाहती है ताकि सभी आरोपियों के चालान एक साथ पेश किए जा सकें।
सूत्रों ने बताया कि टीम ने कश्मीर घाटी के अलग-अलग हिस्सों में छापामारी की, लेकिन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद माहौल को देखते हुए टीम वापस लौट आई।
चालान पेश करने की 90 दिनों की अवधि पार
गौरतलब है कि पांच अगस्त को पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नावेद और मोहम्मद नोमान ने उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था। इसमें दो बीएसएफ जवान शहीद और कई जख्मी हो गए थे।
जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ ने एक पाक आतंकी को मार गिराया था, जबकि मोहम्मद नावेद को दो ग्रामीणों ने जिंदा गिरफ्तार कर लिया था।
नावेद ने खुलासा किया था कि पीओके से घुसपैठ करने के बाद जम्मू-कश्मीर में फाइनेंसर आशिक हुसैन भट्ट ने उन्हें आर्थिक मदद करने के अलावा तमाम सुविधाएं मुहैया करवाईं थीं, लेकिन घटना के बाद से वह फरार है।
इसके अलावा घटना के दिन जिस ट्रक में नावेद और नोमान कश्मीर से उधमपुर पहुंचे थे, उस ट्रक का ड्राइवर सेठा अभी भी एनआईए की पकड़ में नहीं आया है।
सेठा पर एनआईए ने दो लाख का इनाम भी रखा है। उल्लेखनीय है कि चालान पेश करने की 90 दिनों की अवधि पार हो चुकी है और एनआईए ने अदालत से 90 दिनों की अतिरिक्त मोहलत ले रखी है।