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पैकेजिंग और जीआई टैग से मिलेगी नकली हस्तशिल्प से निजात : निदेशक
संवाद न्यूज एजेंसी, जम्मू
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:53 AM IST
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राजबाग में आयोजित सेमिनार के बाद संबोधित करते हस्तशिल्प निदेशक मसरत जिया। अमर उजाला
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श्रीनगर। राजबाग के एक होटल में शनिवार को आयोजित सेफगार्डिंग हैंडिक्राफ्ट्स एंड गोल्डन हैंड्स ऑफ कश्मीर के सम्मेलन में नकली हस्तशिल्प का मुद्दा छाया रहा। सम्मेलन में पूरे कश्मीर से आए कारोबारियों ने शिल्पियों और दुकानदारों की समस्याओं को सामने रखा। सम्मेलन में आए हस्तशिल्प निदेशक मसरत जिया ने कहा कि लगातार जांच, पैकेजिंग और जीआई टैग से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
शनिवार शाम को राजबाग के एक होटल में सेफगार्डिंग हैंडिक्राफ्ट्स एंड गोल्डन हैंड्स ऑफ कश्मीर सेमिनार का आयोजन शेख आशिक की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर हस्तशिल्प निदेशक मसरत जिया मौजूद रहे। कारोबारियों ने हस्तशिल्प से जुड़ी अपनी समस्याओं के बारे में बताया। मुख्य रूप से हस्तशिल्प के नाम पर मशीन से बने उत्पादों के बारे में शिकायत की।
मसरत जिया ने बताया कि लगातार जांच की जा रही है, कई जगह नकली सामान पकड़ा गया है, उन पर कार्रवाई की जा रही है, चूंकि मामला अभी प्रगति पर है इसलिए नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। इस मामले में कार्रवाई और कड़ी की गई है, जुर्माना बढ़ाया गया है। जांच को तेजी से बढ़ाने के लिए वस्त्र मंत्रालय ने एक करोड़ रुपये भी जारी किए हैं।
हमारा प्रयास है कि निर्माण के स्तर पर ही जांच कर जीआई टैग लगाया जाए, इससे ग्राहक का भरोसा पुख्ता होगा साथ ही मशीन से बने सामान पर भी नकेल कसी जा सकेगी। कारोबारियों को भी असली सामान को बढ़ावा देने के लिए जीआई टैग का इस्तेमाल करना चाहिए। शोरूम पर सिर्फ हस्तशिल्प रखें, यह नहीं कि दोनों तरह के सामान रखें और बाद में किसी कार्रवाई में फंसें। हस्तशिल्प को कीमती रहने दें, सस्ते के चक्कर में गुणवत्ता न घटाएं, इससे ग्राहक का भरोसा कम होता है।
नकली सामान की काफी शिकायतें
शेख आशिक सम्मेलन में मुख्य वक्ता शेख आशिक ने कहा कि काफी शिकायतें आ रही हैं मशीनी उत्पादों को हस्तशिल्प बताकर बेचने की। हमने इस मामले को डायरेक्टर हैंडीक्राफ्ट्स के सामने रखी हैं। उन्होंने कहा कि काफी सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो दुकानदार माल बेचते हैं वह असली हस्तशिल्प बेचें। अपनी विरासत की हिफाजत करें, कारीगरों के रोजगार पर मसला न आए। नकली हस्तशिल्प का असर कारीगर पर ही पड़ता है।

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शनिवार शाम को राजबाग के एक होटल में सेफगार्डिंग हैंडिक्राफ्ट्स एंड गोल्डन हैंड्स ऑफ कश्मीर सेमिनार का आयोजन शेख आशिक की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर हस्तशिल्प निदेशक मसरत जिया मौजूद रहे। कारोबारियों ने हस्तशिल्प से जुड़ी अपनी समस्याओं के बारे में बताया। मुख्य रूप से हस्तशिल्प के नाम पर मशीन से बने उत्पादों के बारे में शिकायत की।
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मसरत जिया ने बताया कि लगातार जांच की जा रही है, कई जगह नकली सामान पकड़ा गया है, उन पर कार्रवाई की जा रही है, चूंकि मामला अभी प्रगति पर है इसलिए नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। इस मामले में कार्रवाई और कड़ी की गई है, जुर्माना बढ़ाया गया है। जांच को तेजी से बढ़ाने के लिए वस्त्र मंत्रालय ने एक करोड़ रुपये भी जारी किए हैं।
हमारा प्रयास है कि निर्माण के स्तर पर ही जांच कर जीआई टैग लगाया जाए, इससे ग्राहक का भरोसा पुख्ता होगा साथ ही मशीन से बने सामान पर भी नकेल कसी जा सकेगी। कारोबारियों को भी असली सामान को बढ़ावा देने के लिए जीआई टैग का इस्तेमाल करना चाहिए। शोरूम पर सिर्फ हस्तशिल्प रखें, यह नहीं कि दोनों तरह के सामान रखें और बाद में किसी कार्रवाई में फंसें। हस्तशिल्प को कीमती रहने दें, सस्ते के चक्कर में गुणवत्ता न घटाएं, इससे ग्राहक का भरोसा कम होता है।
नकली सामान की काफी शिकायतें
शेख आशिक सम्मेलन में मुख्य वक्ता शेख आशिक ने कहा कि काफी शिकायतें आ रही हैं मशीनी उत्पादों को हस्तशिल्प बताकर बेचने की। हमने इस मामले को डायरेक्टर हैंडीक्राफ्ट्स के सामने रखी हैं। उन्होंने कहा कि काफी सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो दुकानदार माल बेचते हैं वह असली हस्तशिल्प बेचें। अपनी विरासत की हिफाजत करें, कारीगरों के रोजगार पर मसला न आए। नकली हस्तशिल्प का असर कारीगर पर ही पड़ता है।
राजबाग में आयोजित सेमिनार के बाद संबोधित करते हस्तशिल्प निदेशक मसरत जिया। अमर उजाला