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कश्मीर के कुलगाम में लश्कर का एक मददगार गिरफ्तार, बालाकोट में हथियारों की खेप बरामद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: प्रशांत कुमार Updated Sun, 03 Jan 2021 11:01 AM IST
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terror associate of Lashker arrested in district Kulgam kashmir
बरामद हथियार और गोला बारूद - फोटो : भारतीय सेना
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कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। लश्कर के एक मददगार के पास से हथियार व गोला बारूद बरामद किया गया है। बता दें कि खुफिया सूचना के आधार पर कुलगाम पुलिस और सेना की 34-आरआर ने  लश्कर-ए-तैयबा के एक सहयोगी को गिरफ्तार किया है। वह आतंकवादियों को आश्रय, रसद और अन्य सहायता प्रदान करने में शामिल है।

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गिरफ्तार आतंकियों के मददगार की पहचान जहूर अहमद भट पुत्र मोहम्मद यूसुफ भट निवासी हटिपोरा कुलगाम के रूप में हुई है। उसके पास से एके-47 की दो मैगजीन, 28 कारतूस, एक पिस्टल और एक ग्रेनेड सहित अन्य सामग्री बरामद हुई है। संबंधित धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आगे की जांच जारी है।
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उधर, बालाकोट में एलओसी से सटे डब्बी गांव से आज सुबह हथियार, गोला-बारूद और हथगोले की एक खेप बरामद हुई। बरामदगी में एक पिस्टल, तीन पत्रिकाएं, 35 कारतूस और 5 हैंड ग्रेनेड शामिल हैं।

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मेंढर पुलिस और सेना ने 28 दिसंबर को एसओजी और 49 आरआर द्वारा दबोचे गए आतंकियाें के मददगारों की निशानादेही पर रविवार को बालाकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर झाड़ियों में छुपा कर रखे गए आतंक के सामान की तीसरी खेप बरामद की। यह कार्रवाई एसडीपीओ मेंढर जहीर हुसैन जाफरी की अगुवाई में पुलिस और सेना के जवानों ने की। बरामद हथियारों में एक पिस्टल, तीन पिस्टल मैगजीन, पिस्टल की 35 गोलियां, पांच हैंड ग्रेनेड और आतंकी संगठन तहरीक अल मुजाहिदीन का एक झंडा शामिल है।

यह आतंक का सामान भी जिले में सांप्रदायिक सोहार्र्द बिगाड़ने के लिए धार्मिक स्थलों पर हमले में प्रयोग करने के लिए रखा गया था। एसएसपी रमेश अंगराल ने बताया कि एसओजी, पुलिस और सेना ने मेंढर सब डिवीजन में 28 दिसंबर को आतंकियों के तीन मददगारों मुस्तफा खान, मो यासीन और मो इकबाल को पकड़ा था। तीनों एलओसी पार आतंकी संगठनों और हैंडलर के संपर्क में थे। इनका मंसूबा जिले में सांप्रदायिक सौहार्र्द बिगाड़ने के लिए मंदिर पर ग्रेनेड हमला करने का था।

पुलिस रिमांड के आतंकी मददगारों ने बालाकोट में फेंसिंग के आगे स्थित अपने गांव डब्बी में नियंत्रण रेखा के पास कुछ हथियार छुपाकर रखने की बात कबूल की थी। इसके बाद 30 दिसंबर को एसडीपीओ मेंढर जहीर जाफरी और सेना की तरफ से आरोपी को साथ लेकर डब्बी क्षेत्र में तलाशी अभियान
चलाया। इस दौरान नियंत्रण रेखा के पास झाड़ियों में पॉलिथीन के लिफाफे में छुपा कर रखे आतंक के सामान की दूसरी खेप बरामद की थी, जिसमें दो पिस्टल, पिस्टल की 70 गोलियां और दो हैंड ग्रेनेड शामिल थे। रविवार को आतंकी मददगाराें की निशानदेही पर हथियारों और गोला बारूद की तीसरी खेप बरामद किए जाने से अभी तक उनसे भारी मात्रा में आतंक फैलाने का सामान बरामद हुआ है।

तारबंदी से इस पार फेंके हथियार ठिकानों तक पहुंचाते हैं मददगार

एसएसपी का कहना है कि नियंत्रण रेखा के उस पार मौजूद आतंकी आकाओं द्वारा फेंसिंग के ऊपर से यह हथियार और गोलाबारूद इस तरफ गिराया जाता है। जिसे यह मददगार वहां से उठा कर दूसरी जगह छुपाने के बाद धीरे-धीरे उन्हें नियंत्रण रेखा से पीछे पहुंचाने का काम करते थे। पुलिस और सेना द्वारा पकड़े गए तीनों लोग पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स के लिए काम करते थे। इनकी मंशा जम्मू संभाग में सांप्रदायिक तनाव पैदा कराना है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा आतंकी मददगारों से अभी ओर खुलासे से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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