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कश्मीर में सख्ती तो जम्मू का रुख करने लगे आतंकी संगठन, हथियारों को पहुंचाने के लिए बनाया नेटवर्क
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, श्रीनगर
Published by: Pranjal Dixit
Updated Wed, 12 Feb 2020 03:14 PM IST
सार
- जम्मू संभाग में बढ़ती आतंकी गतिविधियों को कम करने की कवायद
- आतंकियों और हथियारों को कश्मीर पहुंचाने के लिए जम्मू संभाग में बनाया नेटवर्क
- नगरोटा हमले की जांच में जम्मू संभाग में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश
- बड़ी कार्रवाई संभव, पाकिस्तान, कश्मीर और पंजाब का लिंक सामने आने की आशंका
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सांकेतिक
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विस्तार
पिछले पांच सालों में कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को यहां काफी हद तक मार गिराया, तो दूसरी तरफ उनको हथियार, पैसे की सप्लाई करने वालों पर भी शिकंजा कसा। आतंकियों के लिए काम करने वालों पर कार्रवाई हुई और इनका समर्थन करने वालों को जेल के अंदर किया गया। शायद यही एक कारण है कि आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए आतंकियों ने कश्मीर की जगह जम्मू का रुख किया। ऐसे में आतंकी अब कश्मीर की जगह जम्मू को सेफ हाउस बना रहे हैं। संभाग में आतंकियों का बड़ा नेटवर्क है, जिसको ध्वस्त करने के लिए नई रणनीति के तहत काम शुरू किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि नगरोटा आतंकी हमले की जांच इस नेटवर्क को ध्वस्त करने में कारगार साबित होगी। इस जांच में जम्मू संभाग में आतंकियों के नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश होने की संभावना है। इसमें कश्मीर, जम्मू और पंजाब का नाम शामिल है। तीनों ही जगहों पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, हिजबुल का नेटवर्क सक्रिय है। पिछले तीन सालों से कश्मीर में आतंकियों के पहुंचने और उनको हथियार भेजने का सिलसिला जम्मू से ही चल रहा है। जो एक बड़ी चुनौती है।
जांच से जुड़े एक अफसर ने बताया कि जम्मू संभाग में किश्तवाड़, सांबा, कठुआ, जम्मू का एरिया आतंकियों की ओर से इस्तेमाल हो रहा है। आतंकी भी जा रहे हैं और हथियारों की सप्लाई भी हो रही है। कश्मीर में आतंकियों की फंडिंग पर शिकंजा कसा तो जम्मू की तरफ रुख कर रहे हैं। जम्मू के जरिए फंडिंग कराने की कोशिश है। एक बड़ा नेटवर्क है, जिसका पर्दाफाश किया जाएगा।
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सूत्रों का कहना है कि नगरोटा आतंकी हमले की जांच इस नेटवर्क को ध्वस्त करने में कारगार साबित होगी। इस जांच में जम्मू संभाग में आतंकियों के नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश होने की संभावना है। इसमें कश्मीर, जम्मू और पंजाब का नाम शामिल है। तीनों ही जगहों पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, हिजबुल का नेटवर्क सक्रिय है। पिछले तीन सालों से कश्मीर में आतंकियों के पहुंचने और उनको हथियार भेजने का सिलसिला जम्मू से ही चल रहा है। जो एक बड़ी चुनौती है।
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जांच से जुड़े एक अफसर ने बताया कि जम्मू संभाग में किश्तवाड़, सांबा, कठुआ, जम्मू का एरिया आतंकियों की ओर से इस्तेमाल हो रहा है। आतंकी भी जा रहे हैं और हथियारों की सप्लाई भी हो रही है। कश्मीर में आतंकियों की फंडिंग पर शिकंजा कसा तो जम्मू की तरफ रुख कर रहे हैं। जम्मू के जरिए फंडिंग कराने की कोशिश है। एक बड़ा नेटवर्क है, जिसका पर्दाफाश किया जाएगा।
इस तरह जम्मू हो रहा इस्तेमाल
आतंकी संगठन युवाओं से सोशल मीडिया के जरिए जम्मू संभाग में सुरक्षाबलों की लोकेशन ले रहे हैं। सीमांत इलाकों में रहने वाले युवाओं को पैसे देकर उनसे सुरक्षाबलों की मूवमेंट का वीडियो और तस्वीरें मंगवा रहे हैं। कठुआ और सांबा बॉर्डर से आतंकियों की घुसपैठ और कश्मीर जाने वालों ट्रकों का आतंकियों को कश्मीर पहुंचाने और हथियार ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आतंकी वीपीएन का इस्तेमाल कर आपस में संपर्क कर रहे हैं। यह तमाम घटनाएं जम्मू से ऑपरेट हुई हैं।
कब क्या हुआ
सुरक्षाबलों की जानकारियां साइबर क्राइम से भी
अब तक तो साइबर क्राइम सिर्फ फ्रॉड के मामलों में हो रहा था। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की एक कार्रवाई से बड़ा खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश और केरल से दो सिम बॉक्स मिले हैं। इसमें 200 सिम एक साथ काम करती हैं। जिसके जरिए जम्मू कश्मीर में तैनात जवानों का डाटा लिया जा रहा था। यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर में सक्रिय मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर हुई है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक बड़ी चुनौती है। जिस पर नई रणनीति के तहत कार्रवाई कर रहे हैं।
आतंकी संगठन युवाओं से सोशल मीडिया के जरिए जम्मू संभाग में सुरक्षाबलों की लोकेशन ले रहे हैं। सीमांत इलाकों में रहने वाले युवाओं को पैसे देकर उनसे सुरक्षाबलों की मूवमेंट का वीडियो और तस्वीरें मंगवा रहे हैं। कठुआ और सांबा बॉर्डर से आतंकियों की घुसपैठ और कश्मीर जाने वालों ट्रकों का आतंकियों को कश्मीर पहुंचाने और हथियार ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आतंकी वीपीएन का इस्तेमाल कर आपस में संपर्क कर रहे हैं। यह तमाम घटनाएं जम्मू से ऑपरेट हुई हैं।
कब क्या हुआ
- 8 मई 2018 को कालूचक में सेना की रेकी कर फोटो और वीडियो बनाकर पाकिस्तान भेजने वाले ओजी वर्कर काबू।
- 7 जनवरी 2019 को अरनिया में युवक पकड़ा, जो हनीट्रैप में फंस गया। इसने सुरक्षाबलों की तस्वीरें पाकिस्तान भेजी।
- सितंबर 2018 झज्जर कोटली में कश्मीर जाते तीन आतंकी दबोचे
- 12 सितंबर 2019 को तीन आतंकी कठुआ में दबोचे गए, हथियार भी बरामद, ट्रक में कश्मीर जा रहे थे
- 31 जनवरी 2019 को नगरोटा में कश्मीर जा रहे तीन आतंकी मारे गए, हथियार भी बरामद
सुरक्षाबलों की जानकारियां साइबर क्राइम से भी
अब तक तो साइबर क्राइम सिर्फ फ्रॉड के मामलों में हो रहा था। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की एक कार्रवाई से बड़ा खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश और केरल से दो सिम बॉक्स मिले हैं। इसमें 200 सिम एक साथ काम करती हैं। जिसके जरिए जम्मू कश्मीर में तैनात जवानों का डाटा लिया जा रहा था। यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर में सक्रिय मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर हुई है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक बड़ी चुनौती है। जिस पर नई रणनीति के तहत कार्रवाई कर रहे हैं।