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रुठने-मनाने का दौर खत्म: नगरोटा में बागी अनिल शर्मा को नहीं मना पाई भाजपा, बडगाम में शिया वोट बैंक पर सेंधमारी

राकेश शर्मा, अमर उजाला, जम्मू Published by: Digvijay Singh Updated Sat, 25 Oct 2025 05:10 PM IST
सार

उपचुनाव रूठने-मनाने के दौर से आगे बढ़ गया है। नगरोटा में भाजपा बागी अनिल शर्मा को साथ नहीं जोड़ पाई तो बडगाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) सांसद आगा रुहुल्ला की शर्तों और नाराजगी अभी तक दूर नहीं कर पाई है।

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The era of sulking and coaxing is over BJP fails to placate rebel Anil Sharma in Nagrota in Jammu
उप चुनाव - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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उपचुनाव रूठने-मनाने के दौर से आगे बढ़ गया है। नगरोटा में भाजपा बागी अनिल शर्मा को साथ नहीं जोड़ पाई तो बडगाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) सांसद आगा रुहुल्ला की शर्तों और नाराजगी अभी तक दूर नहीं कर पाई है। नगरोटा में 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां मुकाबला चार कोणों में होने के आसार हैं। भाजपा की देवयानी राणा पिता की परंपरागत सीट के लिए मैदान में हैं।



अनिल शर्मा कुछ समय पहले तक भाजपा में ही थे और टिकट की दौड़ में भी शामिल थे। उन्होंने टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था। हालांकि कुछ समय तक यह संभावना थी कि भाजपा उन्हें मना लेगी लेकिन शुक्रवार को यह प्रयास अधूरा छूट गया। अब अनिल शर्मा भी मैदान में हैं। कांग्रेस ने आखिरी घड़ी में नेकां का ऑफर ठुकराने के बाद पार्टी को मुश्किल हालात में डाल दिया था लेकिन नेकां ने यहां डीडीसी सदस्य शमीम बेगम को मैदान में उतारकर उन्हें नेकां-कांग्रेस गठबंधन का उम्मीदवार बना दिया है।
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नगरोटा में बीते चुनाव में नेकां को 17,000 और कांग्रेस को करीब 5,900 वोट मिले थे। दोनों ही पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती हैं तो यहां नेकां -कांग्रेस का वोट बैंक 22 हजार से ज्यादा रहेगा। नगरोटा में चौथे पायदान पर पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह भी टक्कर में हैं। हर्षदेव सिंह ने पिछला चुनाव चिनैनी सीट से लड़ा था। यहां वे दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें 32,379 वोट मिले थे। इस बार वे अपनी किस्मत नगरोटा से आजमा रहे हैं। फिलहाल, नगरोटा की स्थिति साफ हो चुकी है। यहां दस प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला चार नेताओं के बीच माना जा रहा है। नगरोटा में बीते विधानसभा चुनाव में 77 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार मतदान का प्रतिशत भी प्रत्याशियों की जीत और हार में अहम साबित होने वाला है।

बडगाम में नेकां का अपनों, भाजपा और निर्दलीयों से मुकाबला
बडगाम में नेकां की मुश्किलें पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा हैं। यहां सांसद आगा रुहुल्ला पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इसका असर नेकां के मतप्रतिशत पर पड़ने की संभावना है। बडगाम में सबसे बड़ा फैक्टर शिया वोट बैंक है। यहां करीब 35 हजार शिया मतदाता हैं। इन्हें साधने के लिए तीन बड़े सियासी दलों ने शिया प्रत्याशियों को मैदान में उतार कर सबको चकित कर दिया है।

बडगाम में पार्टी प्रत्याशियों के अलावा बड़ी तादाद में निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों की भी है। यहां बीते विधानसभा चुनाव में नेकां का वोट शेयर 54 फीसदी रहा था। बडगाम में भाजपा की एंट्री से नेकां का वोट शेयर टूटता है तो इसका बड़ा फायदा पीडीपी को मिल सकता है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सीट छोड़ने के बाद से पीडीपी उम्मीदवार रहे आगा सैयद मुंताजिर लगातार विधानसभा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही यहां वे मुख्यमंत्री के बडगाम को छोड़ने की वजह भी लोगों के बीच पूछ रहे हैं। बडगाम में बीते चुनाव में 63 प्रतिशत मतदान हुआ था। उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कितना रहेगा, इस पर भी सबकी नजरें रहेंगी।

मुस्लिम बहुल और शिया के प्रभाव वाली बडगाम सीट पर हिंदू महिला का नामांकन दाखिल करना सबको चौंकाने वाला रहा। निर्दलीय मैदान में उतरी अदिति शर्मा 41 साल की हैं। अदिति अखनूर रोड, दुर्गा नगर जम्मू शहर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी चल संपत्ति में 3,80,000 रुपये का खुलासा किया है। इसमें 3,25,000 रुपये के गहने हैं।

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