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Jammu News: एजुकेशन वीजा पर गए तीन युवकों को जबरन रूसी सेना ने युद्ध में धकेला
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एक युवक ज्यौड़ियां और दो कानाचक के रहने वाले, व्हाट्सएप काॅल कर घर में दी जानकारी
जम्मू के अलावा पंजाब के तीन, यूपी के दो, हरियाणा के तीन और राजस्थान के दो युवक भी समूह में शामिल
अमर उजाला ब्यूरो/संवाद
जम्मू/ज्यौड़ियां। जम्मू जिले के तीन युवक रूस-यूक्रेन युद्ध में फंस गए हैं। ये उन 13 भारतीयों के समूह में शामिल हैं जिन्हें एजुकेशन वीजा पर रूस जाने के बाद सैन्य सेवा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। जम्मू के रहने वाले तीन युवकों में एक ज्यौड़ियां और दो कानाचक क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन युवकों के रिश्तेदारों ने सांसद जुगल शर्मा से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही गुहार लगाई कि वे केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करें और युवकों को वहां से बचाने के प्रयास करें। ज्यौड़ियां के पहाड़ीवाला गांव का रहने वाला सचिन खजूरिया डेढ़ महीने पहले रूस गया था। सचिन के चाचा रोमी खजूरिया ने बताया कि दो दिन पहले सचिन ने व्हाट्सएप पर काॅल की। पूरे मामले की जानकारी दी। यह भी बताया कि उसके साथ कानाचक क्षेत्र का रहने वाला सुमित शर्मा भी है। कानाचक का एक और युवक भी उनके साथ है, जिसका मुझे नाम हीं पता। युवक ने बताया कि हमें धोखे से युद्ध में ले जाया गया। हमारे पास कोई ट्रेनिंग नहीं है। कुछ साथी मारे भी गए हैं। भारतीयों के समूह में जम्मू के अलावा पंजाब के तीन, उत्तर प्रदेश के दो, हरियाणा के तीन और राजस्थान के दो लोग शामिल हैं। रोमी का कहना है कि हमने सांसद जुगल शर्मा को इसके बारे जानकारी दी है।
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नौकरी के बदले सैन्य शिविर ले गए
इन युवकों को एजुकेशन वीजा के साथ नौकरी का झांसा देकर वहां पहुंचाया गया है। ट्रेनिंग के बाद 20 लाख रुपये और दो लाख प्रति माह देने के लिए कहा लेकिन ट्रेनिंग की जगह सैन्य शिविर में ले गए। बाहर जाने से रोक दिया गया। युवकों का कहना है कि वे ब्रेड और जैम खाकर गुजारा करते हैं। अगर वे वापस लौटने की मांग करते हैं तो उन्हें बंदूक के बल पर धमकाया जाता है।
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सांसद और मंत्री ने लिखा गृहमंत्री को पत्र
जानकारी के अनुसार सांसद जुगल किशोर शर्मा और खेल मंत्री सतीश शर्मा ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें जम्मू के तीनों युवकों को वहां से बचाकर वापस लाने की अपील की गई है। सांसद ने विदेश मंत्री को भी पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। हालांकि दोनों नेताओं से इसे लेकर बात करनी चाही तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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जम्मू के अलावा पंजाब के तीन, यूपी के दो, हरियाणा के तीन और राजस्थान के दो युवक भी समूह में शामिल
अमर उजाला ब्यूरो/संवाद
जम्मू/ज्यौड़ियां। जम्मू जिले के तीन युवक रूस-यूक्रेन युद्ध में फंस गए हैं। ये उन 13 भारतीयों के समूह में शामिल हैं जिन्हें एजुकेशन वीजा पर रूस जाने के बाद सैन्य सेवा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। जम्मू के रहने वाले तीन युवकों में एक ज्यौड़ियां और दो कानाचक क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन युवकों के रिश्तेदारों ने सांसद जुगल शर्मा से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही गुहार लगाई कि वे केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करें और युवकों को वहां से बचाने के प्रयास करें। ज्यौड़ियां के पहाड़ीवाला गांव का रहने वाला सचिन खजूरिया डेढ़ महीने पहले रूस गया था। सचिन के चाचा रोमी खजूरिया ने बताया कि दो दिन पहले सचिन ने व्हाट्सएप पर काॅल की। पूरे मामले की जानकारी दी। यह भी बताया कि उसके साथ कानाचक क्षेत्र का रहने वाला सुमित शर्मा भी है। कानाचक का एक और युवक भी उनके साथ है, जिसका मुझे नाम हीं पता। युवक ने बताया कि हमें धोखे से युद्ध में ले जाया गया। हमारे पास कोई ट्रेनिंग नहीं है। कुछ साथी मारे भी गए हैं। भारतीयों के समूह में जम्मू के अलावा पंजाब के तीन, उत्तर प्रदेश के दो, हरियाणा के तीन और राजस्थान के दो लोग शामिल हैं। रोमी का कहना है कि हमने सांसद जुगल शर्मा को इसके बारे जानकारी दी है।
नौकरी के बदले सैन्य शिविर ले गए
इन युवकों को एजुकेशन वीजा के साथ नौकरी का झांसा देकर वहां पहुंचाया गया है। ट्रेनिंग के बाद 20 लाख रुपये और दो लाख प्रति माह देने के लिए कहा लेकिन ट्रेनिंग की जगह सैन्य शिविर में ले गए। बाहर जाने से रोक दिया गया। युवकों का कहना है कि वे ब्रेड और जैम खाकर गुजारा करते हैं। अगर वे वापस लौटने की मांग करते हैं तो उन्हें बंदूक के बल पर धमकाया जाता है।
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सांसद और मंत्री ने लिखा गृहमंत्री को पत्र
जानकारी के अनुसार सांसद जुगल किशोर शर्मा और खेल मंत्री सतीश शर्मा ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें जम्मू के तीनों युवकों को वहां से बचाकर वापस लाने की अपील की गई है। सांसद ने विदेश मंत्री को भी पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। हालांकि दोनों नेताओं से इसे लेकर बात करनी चाही तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।