पुलवामा हमले पर सीआरपीएफ ने कहा- जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था उनका हिसाब किया जा चुका है
14 फरवरी 2019 के दिन कश्मीर के पुलवामा में देश का सबसे बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। आज उस घटना को एक साल हो गए हैं। इस मौके पर पूरा देश वीर जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दे रहा है। इसी बीच स्पेशल सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर जोन के डीजी जुल्फिकार हसन का बयान आया है जिसमें उन्होंने बताया है कि देश अपने वीर जवानों की शहादत का बदला ले लिया है।
बता दें कि जुल्फिकार हसन (जम्मू कश्मीर सीआरपीएफ स्पेशल जोन) ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले का षडयंत्र रचने वालों को इस घटना के कुछ ही दिनों बाद मौत की नींद सुला दिया गया था।
Zulfiquar Hasan, Special CRPF DG J&K Zone, in Pulwama: Investigation is being done by the National Investigation Agency. It is proceeding in the right direction. As far as I know, they have made huge progress. We've tried our best to take care of martyrs' families. #PulwamaAttack https://t.co/XXhstivAKl
— ANI (@ANI) February 14, 2020
वो कुछ लोग जिन्होंने उन षडयंत्रकारियों की मदद की उनको गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था उनका हिसाब किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) द्वारा की जा रही है। यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है। जहां तक मुझे पता है, उन्होंने इस मामले में बहुत प्रगति की है। हमने शहीदों के परिवारों की देखभाल करने की पूरी कोशिश की है।
आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था
ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर में साल 2019 में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर किया गया धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए थे। कई जवान मौके पर शहीद हो गए थे। धमाके के बाद धुएं का गुब्बार छंटा तो दूर तक सड़क खून से लथपथ नजर आ रही थी।
जगह-जगह मलबा फैला था। इन्हीं के बीच जाबांजों के शव पड़े थे। हमला थमने के कुछ ही देर बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। आत्मघाती धमाके के बाद लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
गोलीबारी में भी कुछ जवान घायल हुए। इसके बाद फायरिंग करने वाले आतंकी फरार हो गए। हमला थमने के कुछ ही देर बाद फिर से बचाव कार्य शुरू किया गया। घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ। साथ ही सेना ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन भी शुरू कर दिया।
इस फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए, जबकि 40 घायल हो गए। जैसे ही जम्मू कश्मीर सहित देश को इस हमले की खबर मिली पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों में गुस्सा था, हर इंसान की जुबान पर एक ही शब्द था, इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों और दुश्मन को करारा जवाब दिया जाए।