सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jharkhand ›   assembly committee to assess private university in Jharkhand CM urges speaker

University: झारखंड के विश्वविद्यालयों की समीझा के लिए विधानसभा समिति का गठन, सीएम ने स्पीकर से किया आग्रह

पीटीआई, रांची Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Fri, 23 Dec 2022 08:10 AM IST
सार

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में अभी तक 20 से अधिक विश्वविद्यालय बिल विधानसभा के माध्यम से पारित किए गए हैं। उन्होंने स्पीकर से निजी विश्वविद्यालयों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए विधानसभा की एक समिति बनाने की मांग की।

विज्ञापन
assembly committee to assess private university in Jharkhand  CM urges speaker
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन - फोटो : PTI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थिति की समीक्षा के लिए विधानसभा की एक समिति गठित करने का आग्रह किया।
Trending Videos

सरकार द्वारा जैन विश्वविद्यालय विधेयक 2022 में विसंगति का हवाला देते हुए इसे वापस लेने के बाद सदन में सोरेन ने समिति का गठन करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में अभी तक 20 से अधिक विश्वविद्यालय बिल विधानसभा के माध्यम से पारित किए गए हैं। उन्होंने स्पीकर से निजी विश्वविद्यालयों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए विधानसभा की एक समिति बनाने की मांग की। ताकि उच्च शिक्षा को बेहतर बनाया जा सके।" सोरेन ने कहा, राज्य में बेहतर बनाया जाए।
विज्ञापन
विज्ञापन


इससे पहले बीजेपी के तीन, आजसू के एक और भाकपा (माले) के एक विधायक ने सरकार से विधेयक को समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास भेजने का अनुरोध किया था। बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि एक ही समाज अलग-अलग नामों से विश्वविद्यालय खोल रहा है। 

भाजपा विधायक मनीष जायसवाल, अनंत ओझा, अमित मंडल और आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी दावा किया कि निजी विश्वविद्यालयों में उचित बुनियादी ढांचे की कमी है और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। विधानसभा में दो विश्वविद्यालय बिल समेत पांच विधेयक मत से पारित किए गए। झारखंड नगर पालिका विधेयक 2022 पारित तीन संशोधन विधेयकों में से एक था, जो किसी विशेष क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर महापौर सीट के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। 

इससे पहले महापौर और जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर रोटेशन के आधार पर पांच साल का कार्यकाल होता थ। इस प्रावधान के कारण रांची महापौर का पद आगामी निकाय चुनावों में अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवार के लिए आरक्षित किया गया है, जिसे पहले अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित उम्मीदवार को आवंटित किया गया था।
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed