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Jharkhand: राज्यपाल ने 'यूनिटी मार्च - एक भारत, आत्मनिर्भर भारत’ में लिया हिस्सा, बढ़ाया युवाओं का उत्साह
अमर उजाला, अमर उजाला, रांची
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Fri, 21 Nov 2025 03:21 PM IST
सार
रांची में राजभवन से ओटीसी ग्राउंड तक आयोजित ‘यूनिटी मार्च - एक भारत, आत्मनिर्भर भारत’ में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने प्रतिभागियों के मनोबल को बढ़ाया।
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राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को राजभवन के मुख्य द्वार से ओटीसी ग्राउंड तक आयोजित ‘यूनिटी मार्च - एक भारत, आत्मनिर्भर भारत’ में शामिल होकर प्रतिभागियों के मनोबल को बढ़ाया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, आधुनिक भारत के शिल्पकार एवं देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री, ‘लौहपुरुष’ भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित यह पदयात्रा राष्ट्रीय एकता और सेवा-भावना का प्रेरक प्रतीक है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को इस पदयात्रा के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दी।
राज्यपाल ने कहा कि सरदार पटेल जी ने भारत की 562 रियासतों का विलय कर अखंड भारत की नींव रखी, जो उनकी अद्वितीय दूरदृष्टि, साहस और राष्ट्रनिष्ठा का उदाहरण है। उनका संदेश सदैव यही रहा है कि “एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।” उन्होंने यह भी कहा कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय तथा ‘माई भारत’ द्वारा सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्षगांठ को एक जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाना अत्यंत सराहनीय पहल है।
राज्यपाल ने आगे बताया कि देशभर में आयोजित पदयात्राएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध और क्विज़ प्रतियोगिताएँ, ‘एक था सरदार’ पॉडकास्ट तथा राष्ट्रीय रील प्रतियोगिता जैसी गतिविधियाँ युवाओं में राष्ट्रभावना को प्रबल करेंगी। उन्होंने कहा कि एनएसएस, स्काउट्स & गाइड्स, माई भारत वॉलंटियर्स और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के हजारों छात्र-छात्राओं की उत्साही भागीदारी यह दर्शाती है कि युवा वर्ग राष्ट्र-निर्माण के प्रति पूर्णतः समर्पित है।
राज्यपाल ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं की एकजुटता, संकल्प और चरित्र पर आधारित है, और विकसित भारत के निर्माण में उनकी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ जैसी पहल की गई हैं, और इसी क्रम में राजभवन, झारखंड द्वारा सभी राज्यों के स्थापना दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं और संबंधित राज्य के नागरिकों को आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल के आदर्शों को केवल स्मरण ही न करें, बल्कि उन्हें अपने आचरण, कर्तव्यों और जीवन-मूल्यों में आत्मसात करें। उन्होंने सभी युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के सपनों के सशक्त भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
राज्यपाल ने उल्लेख किया कि इसी माह की 9 तारीख को उन्हें सरदार पटेल की भव्य ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि वहां देश-विदेश से आए असंख्य लोग उपस्थित थे और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे केवल प्रतिमा का अवलोकन ही नहीं कर रहे थे, बल्कि सरदार पटेल जी को श्रद्धा और कृतज्ञता के साथ स्मरण भी कर रहे थे। अंत में राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पदयात्रा से प्रेरित होकर हम सभी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव के संकल्प को और अधिक दृढ़ करें। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को स्वदेशी अपनाने और नशामुक्ति हेतु शपथ दिलाई।
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राज्यपाल ने कहा कि सरदार पटेल जी ने भारत की 562 रियासतों का विलय कर अखंड भारत की नींव रखी, जो उनकी अद्वितीय दूरदृष्टि, साहस और राष्ट्रनिष्ठा का उदाहरण है। उनका संदेश सदैव यही रहा है कि “एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।” उन्होंने यह भी कहा कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय तथा ‘माई भारत’ द्वारा सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्षगांठ को एक जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाना अत्यंत सराहनीय पहल है।
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राज्यपाल ने आगे बताया कि देशभर में आयोजित पदयात्राएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध और क्विज़ प्रतियोगिताएँ, ‘एक था सरदार’ पॉडकास्ट तथा राष्ट्रीय रील प्रतियोगिता जैसी गतिविधियाँ युवाओं में राष्ट्रभावना को प्रबल करेंगी। उन्होंने कहा कि एनएसएस, स्काउट्स & गाइड्स, माई भारत वॉलंटियर्स और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के हजारों छात्र-छात्राओं की उत्साही भागीदारी यह दर्शाती है कि युवा वर्ग राष्ट्र-निर्माण के प्रति पूर्णतः समर्पित है।
राज्यपाल ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं की एकजुटता, संकल्प और चरित्र पर आधारित है, और विकसित भारत के निर्माण में उनकी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ जैसी पहल की गई हैं, और इसी क्रम में राजभवन, झारखंड द्वारा सभी राज्यों के स्थापना दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं और संबंधित राज्य के नागरिकों को आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल के आदर्शों को केवल स्मरण ही न करें, बल्कि उन्हें अपने आचरण, कर्तव्यों और जीवन-मूल्यों में आत्मसात करें। उन्होंने सभी युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के सपनों के सशक्त भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
राज्यपाल ने उल्लेख किया कि इसी माह की 9 तारीख को उन्हें सरदार पटेल की भव्य ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि वहां देश-विदेश से आए असंख्य लोग उपस्थित थे और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे केवल प्रतिमा का अवलोकन ही नहीं कर रहे थे, बल्कि सरदार पटेल जी को श्रद्धा और कृतज्ञता के साथ स्मरण भी कर रहे थे। अंत में राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पदयात्रा से प्रेरित होकर हम सभी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव के संकल्प को और अधिक दृढ़ करें। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को स्वदेशी अपनाने और नशामुक्ति हेतु शपथ दिलाई।