Jharkhand: 'आज लिंचिंग आम बात हो गई है', औवेसी के बयान पर मंत्री इरफान अंसारी का साथ; भाजपा को घेरा
Jharkhand: मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि यह सच है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ही इस देश में 'लिंचिंग' शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ। अल्पसंख्यक, दलित, मुसलमान और आदिवासी समुदायों के निर्दोष लोगों को फंसाया गया और बेरहमी से मारा गया।
विस्तार
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के मोहम्मद अखलाक वाले ट्वीट पर झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि ओवैसी साहब क्या कह रहे हैं, मुझसे उससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन यह सच है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ही इस देश में 'लिंचिंग' शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ। अल्पसंख्यक, दलित, मुसलमान और आदिवासी समुदायों के निर्दोष लोगों को फंसाया गया और बेरहमी से मारा गया। यूपी सरकार को सजा मिलनी चाहिए थी। झारखंड में भी ऐसे कई मामले हैं। एक केंद्रीय मंत्री ने भी लिंचिंग आरोपियों को अपने आवास पर बुलाकर सम्मानित किया था।
औवेसी के ट्वीट में क्या था?
2015 में दादरी में अख़लाक़ पर गौ-मांस का झूठा इल्ज़ाम लगाकर लिंच कर दिया गया था। तब भारतीयों को लिंचिंग का मतलब भी नहीं पता था। आज लिंचिंग आम बात हो गई है। अख़लाक़ के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आँखों से देखी थी, वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए। दस साल में किसी को सज़ा नहीं हुई।… pic.twitter.com/qwS1b785If
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 20, 2025
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के दादरी में 2015 में मोहम्मद अखलाक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने जा रही है। योगी सरकार के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी हमलावर हैं। इसे लेकर ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि साल 2015 में दादरी में अखलाक की गोमांस रखने के झूठे आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उस समय भारतीयों को लिंचिंग का मतलब तक पता नहीं था। लेकिन आज लिंचिंग आम बात हो गई है।