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Jharkhand Mining Lease Case: सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट को निर्देश, सीएम सोरेन के खिलाफ जांच वाली याचिका पर लें निर्णय

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: संजीव कुमार झा Updated Tue, 24 May 2022 01:03 PM IST
सार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खदान लीज मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने अब याचिका पर निर्णय लेने के लिए हाईकोर्ट को निर्देश दे दिया है। 

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Supreme Court directs Jharkhand High Court to decide on the PIL seeking inquiry against Jharkhand CM Hemant Soren In mining lease Case
हेमंत सोरेन - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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झारखंड के चर्चित खदान लीज मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य के खिलाफ जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर फैसला लेने का निर्णय झारखंड हाईकोर्ट पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में अब हाईकोर्ट ही निर्णय लेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने खुद 13 मई के अपने आदेश में कहा था कि वह पहले शिव कुमार शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका की विचारणीयता पर फैसला करेगा और उसके बाद उसकी योग्यता में जाएगा। पीठ ने कहा कि हमारा  विचार है कि उच्च न्यायालय पहले रिट याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्तियों से निपटेगा और फिर कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने मामले की योग्यता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है और याचिका में लगाए गए आरोपों से निपटा नहीं है। बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया है।

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क्या है मामला?
बता दें कि पूर्व सीएम रघुवर दास ने 10 फरवरी को इस मामले को उठाया था। उन्होंने सीएम पर पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान आवंटित करने का आरोप लगाया था। इसके बाद 11 फरवरी को रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि और कहा था कि पूरा मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है। इसलिए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए।

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