सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jobs ›   Government Jobs ›   Success with Father's Support: Harshita Goyal's Inspiring UPSC Journey

UPSC: पिता के सहयोग से मिली सफलता, महिलाओं के लिए कायम की मिसाल; यूपीएससी टॉपर हर्षिता गोयल के संघर्ष की कहानी

जॉब्स डेस्क, अमर उजाला Published by: शाहीन परवीन Updated Tue, 22 Apr 2025 06:09 PM IST
विज्ञापन
सार

UPSC Topper Harshita Goyal: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में रैंक-2 हासिल करने वाली हर्षिता गोयल का लक्ष्य महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाना और सल्म्स में रहने वाले बच्चों के लिए काम करना है, ताकि उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके।

Success with Father's Support: Harshita Goyal's Inspiring UPSC Journey
shakti dubey - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

UPSC Topper 2025: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने आज सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम की घोषणा की है, जिसमें कुल 1,009 उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए चुना गया है। इस वर्ष की परीक्षा में हर्षिता गोयल ने अखिल भारतीय रैंक-2 हासिल कर शीर्ष स्थानों में अपनी जगह बनाई है। हर्षिता मूल रूप से हरियाणा की हैं, लेकिन कई वर्षों से गुजरात के वडोदरा में रह रही हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की डिग्री हासिल की है।
loader
Trending Videos


हर्षिता गोयल कहती हैं कि वह अपने परिवार से पहली महिला हैं जो सिविल सेवक बनने जा रही हैं। उन्हें अपने परिवार से काफी समर्थन मिला, खासकर उनके पिता से। वह बताती हैं कि उनकी मां अब उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनके पिता ने न सिर्फ उनका साथ दिया, बल्कि घर, छोटे भाई और दादा-दादी की भी देखभाल की। इसके साथ ही उनके दोस्तों का भी बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन


यह भी पढ़ेंजुनून और जज्बे से रची सफलता की कहानी, जानिए टॉपर्स ने कैसे की हर चुनौती पार

महिलाओं को प्रेरित करने का सपना रखती हैं हर्षिता गोयल

हर्षिता गोयल का सपना हमेशा से ही सिविल सेवा में शामिल होने का था। उनका मानना है कि महिलाएं अपार ताकत से भरी होती हैं, जिसे वे पहचान नहीं पातीं। हर्षिता का लक्ष्य है कि वह महिलाओं के जीवन को सुधार सकें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें। 

उनका कहना है कि महिलाएं अपने परिवार का नाम रौशन कर सकती हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। इसके अलावा, हर्षिता सल्म्स में रहने वाले बच्चों के लिए काम करने की इच्छा रखती हैं, ताकि वे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें और उनका जीवन स्तर सुधर सके।
 

वह कहती हैं, "मैं महिलाओं और खासकर उनके परिवार के मेल सदस्यों को प्रेरित करना चाहती हूं, ताकि वे एक-दूसरे को प्रोत्साहित करें और महिलाएं आगे आ सकें। उनका सपोर्ट सिस्टम बन सके। मेरे इस सफलता का कारण मेरे पिता हैं, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया।"

उनका मानना है कि मजबूत सपोर्ट सिस्टम से महिलाएं अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं।

यह भी पढ़ें: घंटो पढ़ाई नहीं, बल्कि ऐसे तैयारी करने पर मिली आकाश गर्ग को सफलता; हासिल की यूपीएससी रैंक-5

स्लम्स में बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य

वह स्लम्स में रहने वाले बच्चों के लिए भी काम करना चाहती हैं। उनका मानना है कि इन बच्चों को सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए, ताकि उनका जीवन स्तर सुधर सके। हर्षिता की यह सोच है कि स्लम्स के बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन और उचित संसाधन मिलें, जिससे वे भी समाज में अपनी पहचान बना सकें और अपने भविष्य को बेहतर बना सकें।

कैसे की पढ़ाई?

अपनी पढ़ाई के बारे में हर्षिता ने बताया कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की मेन के लिए टेस्ट सीरीज ली थी और इंटरव्यू की तैयारी के लिए कई क्लासेस अटेंड कीं। इसके अलावा, उन्होंने सेल्फ स्टडी और ग्रुप डिस्कशन को भी अपनी तैयारी का अहम हिस्सा बनाया। इन तरीकों से हर्षिता ने अपनी परीक्षा की तैयारी को और भी मजबूत किया और सफलता हासिल की।

विज्ञापन
विज्ञापन

 रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed