यूपीएससी की सौवीं वर्षगांठ: अनोखे अंदाज होगा शताब्दी का जश्न, सालभर तक चलेंगे विशेष कार्यक्रम
UPSC Centenary 2025: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 1 अक्टूबर 2025 से 1 अक्तूबर 2026 तक अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाएगा। इस दौरान स्मारक लोगो, नई पहल और सुधार शुरू होंगे। यूपीएससी की स्थापना 1926 में हुई थी।

विस्तार
UPSC: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर 1 अक्तूबर 2025 से 1 अक्तूबर 2026 तक सालभर चलने वाले कार्यक्रमों और पहलों का आयोजन करेगा। इस निर्णय को हाल ही में यूपीएससी के चेयरमैन अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में अंतिम रूप दिया गया। यह जानकारी आयोग की ओर से मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

अजय कुमार ने आयोग की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यूपीएससी पारदर्शिता, निष्पक्षता और मेधातंत्र का मजबूत स्तंभ है, जो वरिष्ठ सरकारी पदों के लिए सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन सख्त और निष्पक्ष प्रक्रिया से करता है।
सालभर चलेंगे कई कार्यक्रम
शताब्दी समारोह के तहत आयोग एक विशेष स्मारक लोगो और टैगलाइन जारी करेगा, जो देश के प्रति उसकी सेवा को दर्शाएगी। इसके साथ ही, इस अवधि में कई नई पहल और सुधार भी लागू किए जाएंगे। कुमार ने बताया कि समारोह की तैयारियों के लिए कर्मचारियों से सुझाव मांगे गए थे और बड़ी संख्या में मूल्यवान विचार प्राप्त हुए हैं, जिनसे कार्यक्रम को आकार दिया जा रहा है।
कुमार ने कहा, "शताब्दी केवल हमारी विरासत को सम्मान देने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारे काम का आकलन करने, सुधार की दिशा तय करने और देश की शासन व्यवस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा चुनने की प्रतिबद्धता को दोहराने का भी मौका है। यह आने वाले 100 वर्षों के लिए आयोग की दिशा तय करने का अवसर भी है।"
1926 में हुई थी शुरुआत
यूपीएससी की स्थापना 1 अक्तूबर 1926 को ‘पब्लिक सर्विस कमीशन’ के रूप में हुई थी। यह गठन भारत सरकार अधिनियम 1919 के प्रावधानों और 1924 की ‘ली कमीशन’ की सिफारिशों के आधार पर किया गया था। 1937 में इसका नाम बदलकर ‘फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन’ कर दिया गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ इसे ‘संघ लोक सेवा आयोग’ नाम मिला।
देश की प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन
वर्तमान में UPSC केंद्र सरकार की विभिन्न सेवाओं के लिए कई भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) भी शामिल है। इसी परीक्षा के माध्यम से IAS, IFS, IPS और अन्य अहम पदों के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।