UPSC: अजय कुमार ने पेश किया नया AI-सिस्टम, यूपीएससी परीक्षा में उम्मीदवारों की पहचान होगी सुरक्षित
Facial Recognition: संघ लोक सेवा आयोग ने उम्मीदवारों के त्वरित और सुरक्षित सत्यापन के लिए AI-सक्षम चेहरे की प्रमाणीकरण तकनीक पेश की है, जिसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाना और परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों का अनुभव बेहतर बनाना है।

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UPSC: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उन्होंने AI तकनीक से चेहरे पहचान का एक नया तरीका परीक्षा में उपयोग करने के लिए टेस्ट किया। यह तरीका उम्मीदवारों की पहचान जल्दी और सुरक्षित तरीके से करने में मदद करेगा।

कुमार ने बताया कि इस योजना को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस विभाग (NeGD) के साथ मिलकर बनाया गया है। इसका मकसद परीक्षा को और ईमानदार बनाना और उम्मीदवारों के लिए परीक्षा का अनुभव आसान बनाना है।
यूपीएससी परीक्षाओं में जल्द ही चेहरे की पहचान प्रणाली लागू होगी
कुमार ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यूपीएससी आगे चलकर सिविल सेवा परीक्षा सहित अपनी सभी परीक्षाओं में उम्मीदवारों के लिए चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग करने की योजना बना रहा है।’’
आयोग सरकारी नौकरियों के लिए विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है।
कुमार ने बताया कि वाई-फाई की उपलब्धता और चेहरे की पहचान में शामिल कर्मियों के प्रशिक्षण जैसी लॉजिस्टिक्स व्यवस्थाएं प्रमुख विचारणीय बिंदु हैं। इस संबंध में आवश्यक मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOP) वर्तमान में विकसित की जा रही हैं।
चेहरे से प्रवेश प्रक्रिया हुई तेज और सुरक्षित
उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने 14 सितंबर, 2025 को आयोजित एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) और एनए (नौसेना अकादमी) II परीक्षा, 2025 और सीडीएस (संयुक्त रक्षा सेवा) II परीक्षा, 2025 के दौरान पायलट का संचालन किया।
यूपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट गुरुग्राम के चुनिंदा केंद्रों पर चलाया गया, जहां अभ्यर्थियों के चेहरे की तस्वीरों का उनके पंजीकरण फॉर्म में दी गई तस्वीरों से डिजिटल मिलान किया गया।
उन्होंने कहा कि नई प्रणाली से सत्यापन का समय प्रति अभ्यर्थी औसतन केवल 8 से 10 सेकंड रह गया है, जिससे प्रवेश प्रक्रिया काफी सरल हो गई है तथा सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जुड़ गई है।
एआई चेहरे की पहचान से परीक्षा प्रक्रिया स्मार्ट और सुरक्षित बनेगी
कुमार ने कहा, "सभी पायलट केंद्रों में, विभिन्न सत्रों में 1,129 उम्मीदवारों के लगभग 2,700 सफल स्कैन पूरे किए गए। यह सफल परीक्षण, अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल परीक्षणों के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुमार ने कहा, "एआई-आधारित चेहरे की पहचान वाला यह पायलट प्रोजेक्ट, एक स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल परीक्षा प्रक्रिया की दिशा में हमारे प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यूपीएससी अपनी कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हमारी प्रक्रियाओं की अखंडता की सुरक्षा के लिए अत्यधिक सावधानी बरती गई है।"