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                                                                           पहलगाम की घाटी में
न तिनका हिला, न पत्ता बोला,
पर वर्दी में लिपटे कुछ सपूत
धूप से पहले ही सो गए थे अकेला।

आतंक की आँखें थीं बेआवाज़,
पर सवाल तेज़ थे, जैसे छुरियाँ—
"तेरा नाम क्या है? धर्म क्या है?...और पढ़ें
1 week ago
                                                                           लहराता रहे यह अपना तिरंगा लेकर जमीन से आसमान तक,
गूंज सुनाई देती रहे भारत की अमेरिका से लेकर जापान तक
सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक शिखर के साथ-साथ,
भारतीय आगे बढ़े देशभक्ति की ज्योत जगाकर अंतिम पायदान तक|
-मनस्व...और पढ़ें
2 weeks ago
                                                                           माटी मेरी, वीरों की धरती,
गौरव कण-कण में है भरती।
आज़ादी की यह अनमोल साँस,
बलिदानों की अमर है रास।
सदियों की बेड़ी को तोड़ा,
अपनी हिम्मत से जग को मोड़ा।
हर लहू का कतरा एक कहानी,
स्वतंत्रता की अमर निशान...और पढ़ें
2 weeks ago
                                                                           वीरेन्द्र वत्स के नए काव्य संग्रह 'तू जीत के लिए बना' पर देश के जाने-माने आलोचक डॉ. विजय बहादुर सिंह जी की टिप्पणी
 
कवि अगर अपने समय का संस्कृति-पुरुष है तो कविता उसके द्वारा रची गई सांस्कृतिक थाती। यह संस्कृति क्या है, अगर कोई...और पढ़ें
2 weeks ago
                                                                           गर्व होता है आज हमें भारत की शक्ति का,
जलाकर ज्वाला अपने अंतर, इसकी देशभक्ति का।

जो देश से हो जाए आसक्त,
जिसको न प्रिय हो राज औ’ तख़्त,
जो बहा दे इसकी रक्षा में रक्त,
वही कहलाता है देशभक्त।

देश...और पढ़ें
2 weeks ago
                                                                           देश प्रेम की भावना को....
जो हरदम जगाते रहे हैं...
कुमार भारत से अपनी....
पहचान बनाते रहे हैं......
हिंदी फिल्म जगत की....
तस्वीर निराली बनाई है...
भारत के झंडे को..........
एक नई पहचान दिलाई है
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3 weeks ago
                                                                            चल पड़ा वीर अनजानी राहों पर, न हाथ में तलवार थी,
पर मन में जो ज्वाला थी वो, सौ सूरजों पर भारी थी।
ना थी सेना, ना था साया, पर जोश समंदर जैसा था,
एक प्रण था बस हृदय तले, भारत को देना उसका भास्वर अतीत फिर से वापस।
जिस भूमि न...और पढ़ें
4 weeks ago
                                                                           यह वतन हमारा, जान से प्यारा,
इसकी रक्षा का संकल्प हमारा।
तिरंगा लहराए, गगन में शान से,
हर दिल में बसे, देश का मान ये।
वीरों की गाथाएँ, गूँजें सदा,
बलिदान उनका, ना हो कभी जुदा।
एकता की डोर से, बंधे हैं हम...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           "भारत का मान बढ़ाना है, भारत की शान बढ़ाना है
देशप्रेम का अलख जगाकर, नई कहानी लिख जाना है "

इस कहानी में श्रम भी है, और सच्चाई भी,
भारत माँ की गुहार भी है, और शहीदों की कुर्बानी भी,

नव भारत की तस्वीर भी है...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           तेरी धरा पर हमारा जीवन,
तेरी संस्कृति से हमारा अभिमान।
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक,
तेरी एकता में हमारा सम्मान।
मातृभूमि तेरी जय हो,
तेरी धरा पर हमारा जीवन।
मातृभूमि तेरी जय हो,
तेरी संस्कृति से हमार...और पढ़ें
1 month ago
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