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                                                                           आक्रमण बढ़ गया तुफान की वेग सी।
देश के लोग मूक हैं ,बढ़ गई है, बेबसी ।

नीद से अब जगो जवान मेरे देश के ।
अरमानो को बेच देगें, नेता अपने देश के ।

शान्ति चित्त सुशील थे, धीर वीर गम्भीर थे ।
आशा न कुछ चा...और पढ़ें
1 week ago
                                                                           लहू के कतरे बोले, क्रांति की आवाज़,
भगत सिंह के शब्दों में, आज़ादी का साज़।

लिख रहा अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
लहू का हर एक कतरा,  इंकलाब लाएगा"

ये पंक्तियाँ आज भी गूँजती हैं कानों में,
जागृत करती है...और पढ़ें
2 weeks ago
                                                                           भारत माँ के वीर सपूतों ने,
मिलकर एक दिन ठानी थी,
आज़ादी की बागडोर अब,
माँ के हाथ थमाना थी,
पराधीनता की जंजीरों को,
जज्बे से काट गिरानी थी,
माथे पर लगी गुलामी की कालिख,
आजाद होकर मिटानी थी,
खून च...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           साहस तो देखो उन जवानों की,
जो मौत से भी ना डरते हैं ।
नमन है उन देशभक्तों को ,
जो वतन के लिए मरते हैं ।।...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           आज़ादी की बारिश में भीगते हुए,
हमारे दिलों में एक नई कहानी लिखी जाती है।
हर एक सांस में स्वतंत्रता की खुशबू महकती है,
और हमारे सपनों में एक नया भविष्य सजती है।

तिरंगा ऊंचा है, गर्व से लहराता है,
हर एक दिल मे...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           भारत को आजादी मिली है शहीदों से
उनके ही गीत गए हम रात दिन
नेता सुभाष कलाम नेहरू और गांधी
उनके बदौलत से देश सजा है
आज मैं झंडा फहराऊं और देश के गीत मैं गांऊ
झंडा लहरा कर मैं जश्न मनाऊं
होठों पर लम्हा लम्हा है...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           बड़े खुश हैं हम आज़ाद हो कर के,
मगर आज़ादी का मतलब जानते हैं?
कुछ भी करें आज़ाद है अब तो हम,
अधिकार ही हैं,फर्ज़ कहाँ मानते हैं।

आज़ादी है मनमानी करते रहने की,
शोरगुल में आवाज़ दबाते रहने की,
अन्धा-धु...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           अगर अपनी मिट्टी से , खेतों से प्रेम करना देश प्रेम है
तो अपनी भाषाओं को सम्मान देना देशभक्ति है
देशभक्ति के ओर भी ढंग है जिनसे हम परिचित नहीं
देश की हवाओं में जहर ना घोलना भी तो देशभक्ति है
तुम्हारे विचार किसी हृदय को शीतल...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           १५ को ४७ में था उदित हुआ यह देश,
सोचे थे परिभाषा होगी होगा नव परिवेश,
स्वतंत्रता का सूर्य उग रहा करके नव शृंगार,
सब हर्षित थे पा स्वतंत्रता गालियाँ दिखे बहार।

बापू का यह दिवास्वप्न था स्वर्णभूमि हो देश,
शिष्...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           हे पुरुष श्रेष्ठ तुम्हारा अभिनंदन करने को,,
देखो स्वतंत्र दिवस फिर से आया है !!

हर वर्ष यहाँ अम्रत कुम्भ पड़े,,
सिंचित बलिदानी फसलों पर !!
जनगण मन में उल्लास बड़े ,,
अखंड भारत की नस्लों पर !!

...और पढ़ें
3 weeks ago
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