आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

                                                                           आज किसी ने मुझसे पूछा, देशभक्ति क्या होती है,
मैने बोला, देशभक्ति इक परम अलौकिक ज्योती है।
अपने हित के ऊपर तुम, यदि देश के हित को रखते हो,
देश की उन्नति में ये कर, तुम देशभक्त बन सकते हो।
जिस मिट्टी में जन्म लिया, और खेल क...और पढ़ें
1 day ago
                                                                           केसरिया सफेद हरा तिरंगा झंडा लहरा,
देशभक्ति सत्य हरियाली का है पहरा,
अशोक चक्र गतिशील देश का मोहरा,
24 तीलियां मानवीयता धर्म का चेहरा !
-राजेश कुमार कौशल
 ...और पढ़ें
2 days ago
                                                                           धर्म-धर्म से लड़े तो , अघ से लड़ये कौन।
सज्जन सुरक्षा कस हो, जब राजा ही मौन।।

कण-कण मुहे कट्टरता , यूं हुई है प्रवेश ।
कैसे सुरक्षित रहईं, सज्जन और स्वदेश।।

अल्ला ईश्वर एक है, भिन्न-भिन्न है नाम।
कोई...और पढ़ें
1 week ago
                                                                           हिंदी फ़िल्मों की अदाकारा शबाना आज़मी के पिता कैफ़ी आज़मी साहब हिंदुस्तान की शायरी में एक दैदीप्यमान नक्षत्र की तरह चमकते रहे। बाल्यावस्था में ही शायरी का शौक़ इनको जो चढ़ा वह ता उम्र चढ़ता ही रहा। सच कहा है जो हमेशा चढ़ती है वह ख़ुदा की मस्ती होती ह...और पढ़ें
                                                
2 weeks ago
                                                                           जब किसी बम में
बची रहती है चुनावी संभावना
तो वह बारूद नहीं
बन जाती है "मास्टरस्ट्रोक"

जब सैनिक की जान
हो जाती है “रील कंटेंट”
और शोक में डूबा परिवार
खड़ा होता है "नेता जी की संवेदना" के साथ—...और पढ़ें
3 weeks ago
                                                                           
चाटुकारिता की बातों से कब जग का कल्याण हुआ प्रशंसकों के स्वार्थों को ही इससे नया विहान मिला
अत: कबीर की इस वाणी पर नेताओं विश्वास करो
निंदक को निअरे रखने का यदा कदा तो प्रयास करो
निंदा प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ नित्य बना...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           हम भारत के लोग अभी भी संविधान की शोभा है
मुट्ठी भर लोगों के जेबों की सूखी सी मेवा हैं
जब उनकी प्रतिरोधी क्षमता न्यूनाधिक हो जाती है
तभी जेब से धीरे-धीरे मुट्ठी में आ जाती है
कहने को हम शक्ति केंद्र हैं सत्ताओं के उद्गम हैं...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           ये हमारा हरियाणा, दूध-दही का ख़ज़ाना,
मेहनत जिसकी पहचान, कर्मभूमि ये महान!
हर खेत लहराए हरियाली,
हर दिल में सच्चाई की चमक निराली।
वंदन तुझको, ओ हरियाणा!
शौर्य यहाँ की शान निराली,
हर हृदय में देशभक्ति की लौ उज...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           मैं सिर्फ दो ही दिन जागती हूँ,
बाकी सब दिन सोई रहती हूँ।

में 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही जगती हूँ,
फिर बाकी साल भर, नींद में खोई रहती हूँ।

मुझे परवाह नहीं रहती,
कि 16 अगस्त या 27 जनवरी को
तिरंग...और पढ़ें
1 month ago
                                                                           कंगाली में आता गीला
बेइमानी का खेल रंगीला ,
इनका बस चले ये तो
दूध को बना दे टकीला ।

लोकतंत्र मिलाएं मिट्टी में
डूब गए सारे अरमान ,
ईमानदारी में हाथ टूटते
घूसखोरी सबसे आसान ।

भ्रष...और पढ़ें
1 month ago
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर