Covid-19: क्या भारत में भी सिंगापुर की तरह आने वाली है कोरोना का एक और लहर? जानिए अभी कैसे हैं हालात
भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां स्थिति काफी नियंत्रित है। मुंबई के केईएम अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित दो लोगों की मौत की खबर जरूर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सुरक्षात्मक उपायों के पालन की सलाह दी है
विस्तार
पिछले एक महीने में हांगकांग-सिंगापुर सहित कई देशों में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। खबरों के मुताबिक इस बार न सिर्फ संक्रमण के मामलों में उछाल आया है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने वाले और गंभीर स्थितियों में मौत के मामलों में भी इजाफा देखा जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सावधान करते रहे हैं।
इस बीच धीमी गति से भारत में भी कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है। सोमवार (20 मई) को बिग बॉस फेम शिल्पा शिरोडकर संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद से सवाल उठने शुरू हो गए थे कि क्या भारत में भी हांगकांग-सिंगापुर की तरह खतरा बढ़ रहा है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर साझा की गई जानकारियों के मुताबिक फिलहाल देश में कोरोना के 257 एक्टिव केस हैं। ये मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि दुनियाभर में एक बार फिर से बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सुरक्षात्मक उपायों के पालन की सलाह दी है।
भारत में कोरोना से कैसे हैं हालात?
भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां स्थिति काफी नियंत्रित है। सोमवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों की समीक्षा बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि सिंगापुर और हांगकांग में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, हम भारत में भी कोरोना की स्थिति पर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं।
भारत में कोविड के हालात काबू में है और सभी केस हल्के लक्षण वाले हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और श्वसन संक्रमण के गंभीर मामलों की निगरानी करने के लिए कहा गया है।
- केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 12 मई के बाद से, के रल में सबसे ज्यादा नए मामले (69) सामने आए हैं।
- इसके बाद महाराष्ट्र (44) और तमिलनाडु (34) का स्थान है। कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम जैसे अन्य राज्यों में संक्रमित देखे गए हैं, पर स्थिति नियंत्रित है।
- मुंबई के केईएम अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित दो लोगों की मौत की खबर है। दोनों ही मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर थी।
- एक मरीज को मुंह का कैंसर था, जबकि दूसरे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम था। सूत्रों के मुताबिक, दोनों की मौत कोविड-19 के बजाय उनकी पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हुई।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कोरोना की स्थिति पर देश के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना ही एकमात्र सावधानी है। हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए।
एक रिपोर्ट में डॉ. गंगाखेडकर ने बताया कि फिलहाल दुनियाभर में ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स के मामले ही देखे जा रहे हैं, भारत के पास ओमिक्रॉन के लिए एक प्रभावी वैक्सीन है, GEMCOVAC-19, जिसे पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स द्वारा विकसित किया गया है। जरूरत पड़ने पर इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक कुछ भी नया या चिंताजनक नहीं है।"
ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स बढ़ा रहे हैं खतरा
सिंगापुर-हांगकांग में मुख्यरूप से LP.8.1 वैरिएंट के कारण लोग संक्रमित हो रहे हैं, ये ओमिक्रॉन का ही एक रूप है। ओमिक्रॉन और इसके कई सब-वैरिएंट्स ही पिछले दो साल से दुनियाभर में फैलते रहे हैं।
यूएस स्थित नेबरास्क मेडिसिन में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ मार्क.ई.रप बताते हैं ताजा मामलों में उछाल के लिए किसी नए वैरिएंट को जिम्मेदार नहीं पाया गया है। ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स ही अलग-अलग देशों में संक्रमण के मामलों के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
- LP.8.1 के साथ वर्तमान में, LF.7 और NB.1.8 (दोनों JN.1 वैरिएंट का म्यूटेटेड स्वरूप) को प्रमुखता के साथ देखा जा रहा है जो दो-तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।
- ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1 को ही ध्यान में रखते हुए कोविड के अपडेटेड वैक्सीन बनाए जा रहे हैं जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को फिर से बूस्ट करके लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा सके।
संक्रमितों को क्या दिक्कतें हो रही हैं?
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट में बताया था कि JN.1 में कुछ अतिरिक्त परिवर्तन (म्यूटेशन) देखे गए हैं जो इसे शरीर में वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा देकर संक्रमण फैलाने के लिए योग्य बनाते हैं, हालांकि इसकी गंभीरता कम है।
ओमिक्रॉन और इसके अन्य वैरिएंट्स से संक्रमित लोगों को मुख्यरूप से सूखी खांसी, नाक बहना या बंद होने, सिरदर्द, गले में खराश, बुखार और थकावट होने,स्वाद या गंध का न महसूस होने के साथ पाचन की दिक्कत हो सकती है।
इस वैरिएंट् से संक्रमण की स्थिति में गंभीर खतरा उन लोगों में अधिक हो सकता है जो पहले से कोमोरबिडिटी का शिकार हैं या फिर 65 साल से अधिक उम्र के हैं। ऐसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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