Health Alert: घर में ट्यूबलाइट और बल्ब की रोशनी भी ला देगी हार्ट अटैक, यकीन ना हो तो पढ़ें ये रिपोर्ट
- अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक प्रकाश प्रदूषण के कारण हृदय रोगों के बढ़ने का खतरा भी अधिक हो सकता है।
- अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोधकर्ताओं ने उन लोगों पर अध्ययन किया जिनके घरों के आसपास रात के समय की रोशनी बहुत तेज होती है।
विस्तार
राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ हफ्तों से हवा की गुणवत्ता जिस तरह की बनी हुई है वह स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए काफी चिंता का कारण है। गुरुवार (6 नवंबर) की सुबह दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूएआई) 278 दर्ज की गई। बीते कुछ दिनों से दिल्ली के कई स्थानों पर धुंध देखी जाती रही है, लोगों को सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन-चुभन की समस्या हो रही है। हालांकि अभी समस्या सिर्फ वायु प्रदूषण की ही नहीं है, स्वास्थ्य विशेषज्ञ लाइट पॉल्यूशन (लाइट प्रदूषण) के भी बढ़ते खतरों को लेकर सभी लोगों को अलर्ट करते हैं।
अब आपके मन में आ रहा होगा कि वायु प्रदूषण तो ठीक है, ये लाइट प्रदूषण क्या होता है और इससे किस तरह का नुकसान होता है?
लाइट या प्रकाश प्रदूषण, रात के समय अत्यधिक कृत्रिम प्रकाश के कारण होने वाली स्थिति है जो पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करती है। अध्ययनों में पाया गया है कि मानव स्वास्थ्य और वन्यजीवों पर इसका कई प्रकार से नकारात्मक असर होता है। स्ट्रीट लाइट, इमारतों की रोशनी, शादियों में लाइट्स के होने वाले अत्यधिक इस्तेमाल और डिजिटल विज्ञापन जैसे स्रोतों से उत्पन्न अत्यधिक रोशनी के कारण ये समस्या होती है।
वायु प्रदूषण के साथ लाइट प्रदूषण का भी खतरा
वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वायु प्रदूषण को लेकर इन दिनों हम सभी खूब चर्चा कर रहे हैं, पर प्रकाश प्रदूषण पर न तो लोगों का ज्यादा ध्यान जाता है और न ही इसकी जानकारी है। हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक प्रकाश प्रदूषण के कारण हृदय रोगों के बढ़ने का खतरा भी अधिक हो सकता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोधकर्ताओं ने उन लोगों पर अध्ययन किया जिनके घरों के आसपास रात के समय की रोशनी बहुत तेज होती है। इन लोगों के ब्रेन स्कैन सहित शारीरिक जांच में कई दुष्प्रभावों के बारे में पता चला है, हृदय रोगों का बढ़ता खतरा उनमें से एक है।
प्रकाश प्रदूषण के कारण होने वाली दिक्कतें
शोधकर्ताओं ने 55 वर्ष की आयु तक के 466 लोगों के डेटा का अध्ययन किया। अध्ययन के अंत में मेडिकल डेटा से पता चलता कि इस समूह के 79 लोगों, यानी करीब 17 प्रतिशत को समय के साथ गंभीर हृदय संबंधी समस्याएं हो गईं।
इस रिपोर्ट के निष्कर्ष में पाया गया कि जो लोग रात के समय में कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में अधिक रहते थे, उनमें ब्रेन स्ट्रेस एक्टिविटी अधिक थी और उनमें रक्त वाहिकाओं में सूजन की समस्या भी अधिक देखी गई। ये दोनों ही स्थितियां हृदय के लिए गंभीर समस्याओं को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं।
लिहाजा अगर आप रात के समय में अत्यधिक रोशनी वाली जगहों पर रहते हैं या काम करते हैं तो इससे हृदय सहित कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
हृदय रोगों का जोखिम
अध्ययन के लेखक और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में कार्डियक परीक्षणों के प्रमुख डॉ. शैडी अबोहाशेम कहते हैं, 'हमने रात के समय प्रकाश और हृदय रोग के बीच गहरे संबंधों की पहचान की है। रात के समय प्रकाश के संपर्क में जितना अधिक समय बिताया जाता है, जोखिम उतना ही अधिक होता है। इससे सबसे ज्यादा खतरा हृदय रोगों का देखा गया है।
पांच और दस साल की अवधि में ये जोखिम क्रमशः 22-35 प्रतिशत तक बढ़ गया। इतना ही नहीं रात के समय प्रकाश में मामूली वृद्धि भी मस्तिष्क और धमनियों पर तनाव बढ़ाने वाली हो सकती है जिसके कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ. अबोहाशेम ने सुझाव दिया कि शहरों को अनावश्यक रोशनी को कम करने या मोशन सेंसर वाली स्ट्रीट लाइटों का इस्तेमाल करने पर विचार करना चाहिए। अध्ययन से पता चलता है कि प्रकाश प्रदूषण एक गंभीर खतरा बनकर उभर रहा है, जिसको लेकर अधिकतर लोग अब तक अंजान हैं।
एक तरफ जहां वायु प्रदूषण ने सांस लेना मुश्किल कर दिया है, वहीं दूसरी ओर लाइट प्रदूषण भी एक नई स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रहा है। ये हमारे नींद के पैटर्न और हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित कर रही हैं जिसके कारण थकान, तनाव और मोटापा जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
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स्रोत
Exposure to more artificial light at night may raise heart disease risk
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