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Sophia Qureshi: लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी कहानी बताई

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Published by: शिवानी अवस्थी Updated Wed, 07 May 2025 06:24 PM IST
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सार

Who is Sofia Qureshi: सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया से बात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदू को पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय बनाया।

Operation Sindoor: Who Is Lieutenant Colonel Sofia Qureshi Kaun Hain Sophia Qureshi Indian Army in Hindi
सोफिया कुरैशी - फोटो : Pti
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Colonel Sophia Qureshi: भारतीय सशस्त्र बल ने पहलगाम में 15 दिन पहले हुए आतंकी हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बीती रात पाकिस्तान के कब्जे वाले आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। भारतीय सेना के इस मिशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया से बात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदू को पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय बनाया। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, जिन्होंने साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी काम किया है। यहां उन्होंने युद्ध विराम की निगरानी की और मानवीय मिशनों में सहायता की। गुजरात से आने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी के पास बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री है।

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कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया। 

शुरुआती जीवन और शिक्षा

सोफिया कुरैशी का जन्म और पालन-पोषण गुजरात के वडोदरा शहर में हुआ। उनके पिता का नाम ताजुद्दीन कुरैशी और मां हनिमा कुरैशी हैं। उनके दादा और पिता, दोनों भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। यही वजह है कि सेना का अनुशासन और राष्ट्रसेवा का जज्बा सोफिया के खून में रहा।

सोफिया ने वडोदरा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से बीएससी और फिर एमएससी (बायोकैमिस्ट्री) की पढ़ाई पूरी की। उनका प्रारंभिक सपना प्रोफेसर बनने का था। उन्होंने विश्वविद्यालय में असिस्टेंट लेक्चरर के रूप में पढ़ाना शुरू किया और साथ ही पीएचडी कर रही थीं। 

सेना में जाने का फैसला

जब सोफिया को भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के माध्यम से चयनित होने का मौका मिला, तो उन्होंने अपनी पीएचडी और अध्यापन करियर छोड़ दिया।वर्ष 1999 में वह सेना की सिग्नल कोर (Corps of Signals) में कमीशंड हुईं। उनके इस फैसले ने न केवल उनके परिवार बल्कि देशभर की युवतियों को प्रेरित किया।

सेना में सेवा और ऐतिहासिक उपलब्धियां

  • सोफिया कुरैशी को सेना में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाने का अवसर मिला।
  • वर्ष 2006 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक मिशन (UN Peacekeeping Operations) के तहत कांगो में छह वर्ष तक सेवा दी। वहां उन्होंने मल्टीनेशनल आर्मी के साथ मिलकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कार्यों में अहम भूमिका निभाई।
  • 2016 में वह Force 18 नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इस अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया जिनमें भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल थे।
  • इस अभ्यास का आयोजन 2 से 8 मार्च 2016 के बीच पुणे में हुआ था और सोफिया उस अभ्यास में भारतीय टुकड़ी की कमांडर बनने वाली एकमात्र महिला थीं।




पारिवारिक जीवन और प्रेरणा

सोफिया कुरैशी की शादी भी भारतीय सेना में कार्यरत अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है, जो मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में सेवारत हैं। दोनों का एक बेटा है। उनके भाई मोहम्मद संजय कुरैशी बताते हैं कि सोफिया उनकी बेटी ज़ारा के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं और ज़ारा भी सेना में जाने का संकल्प ले चुकी हैं।

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सोफिया कुरैशी का करियर

सोफिया कुरैशी को शांति अभियानों का अनुभव भी रहा है। वर्ष 2006 में उन्होंने कांगो (अफ्रीका) में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में मिलिट्री ऑब्जर्वर रूप में सेवाएं दीं। इसके अलावा उन्होंने ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पंजाब सीमा पर कार्य किया। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियान के दौरान उनके संचार कार्य को Signal Officer-in-Chief कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया।


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सोफिया कुरैशी की उपलब्धि और सम्मान

  • सोफिया ने ऑपरेशन पराक्रम (2001-02) के दौरान पंजाब सीमा पर कार्य किया, जिसके लिए उन्हें GOC-in-C (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ) की प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया।
  • पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियानों के दौरान संचार व्यवस्था में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें Signal Officer-in-Chief का commendation कार्ड भी मिला।
  • उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत भी कर चुके हैं, जो उस समय साउदर्न कमांड कमांडर है।
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