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Trishund Ganpati Temple: भारत का एकमात्र मंदिर, जहां मिलते हैं तीन सूड वाले गणेश जी के दर्शन

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Fri, 29 Aug 2025 09:51 AM IST
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सार

Trishund Ganpati Temple : यह है त्रिशुंड गणपति मंदिर, जहाँ भगवान गणेश तीन सूंडों और छह हाथों के साथ मोर पर विराजमान हैं। इस मंदिर की भव्यता, नक्काशी और आध्यात्मिक महत्व हर आगंतुक को चकित कर देता है।

Ganesh Utsav 2025 Trishund Ganpati Temple Pune Ganesh Temple Unique Somwar Peth
त्रिशुंड गणपति मंदिर - फोटो : instagram
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विस्तार
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गणेश उत्सव में सबसे अधिक धूम महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे आदि शहरों में देखने को मिलती है। यहां भव्य गणपति पंडाल सजते हैं। हालांकि यहां कई प्राचीन और महत्वपूर्ण गणेश मंदिर भी स्थित है। पुणे में एक ऐसा अद्भुत मंदिर है, जहां गणपति जी का स्वरूप एकमात्र है यानी यहां विराजमान गणपति जी का चमत्कारी स्वरूप आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। ये ऐतिहासिक मंदिर सोमवार पेठ की तंग गलियों में छिपा है, जो अपनी अनूठी पहचान और दुर्लभ गणेश प्रतिमा के कारण खास महत्व रखता है। यह है त्रिशुंड गणपति मंदिर, जहाँ भगवान गणेश तीन सूंडों और छह हाथों के साथ मोर पर विराजमान हैं। इस मंदिर की भव्यता, नक्काशी और आध्यात्मिक महत्व हर आगंतुक को चकित कर देता है।

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त्रिशुंड गणपति की खासियत

भारत में गणेश मंदिरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन त्रिशुंड गणपति मंदिर की प्रतिमा अपने आप में अनोखी है। यहाँ के गणपति जी के तीन सूंड हैं जो त्रिमूर्ति , तीन लोक और त्रिगुण का प्रतीक मानी जाती हैं। छह हाथों से युक्त यह मूर्ति शक्ति और संतुलन का संदेश देती है। सबसे खास बात है, यहां गणेश जी अपने पारंपरिक वाहन मूषक पर नहीं, बल्कि मोर पर विराजमान हैं। यह स्वरूप भारतीय शिल्पकला और धार्मिक परंपराओं का अद्वितीय संगम है।
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मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

मंदिर का निर्माण भीमजीगिरी गोसावी ने 1754 से 1770 के बीच करवाया था। यह पुणे का एकमात्र मंदिर है जो पूरी तरह पत्थर की चिनाई से बना है। दीवारों और स्तंभों पर की गई बारीक नक्काशी इसकी कलात्मक भव्यता को दर्शाती है। मंदिर की स्थापत्य शैली मराठा काल की धार्मिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता का उत्कृष्ट उदाहरण है।


पुणे की संकरी गलियों में छिपा खजाना

सोमवार पेठ की भीड़भाड़ भरी गलियों में जब आप इस मंदिर तक पहुंचते हैं, तो लगता है मानो किसी छिपे खजाने की खोज कर ली हो। मंदिर के छोटे-से प्रांगण में प्रवेश करते ही श्रद्धा और शांति का अद्भुत अनुभव होता है। यहाँ रोज़ाना स्थानीय भक्त और पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं।

यात्रा से जुड़ी जानकारी

अगर आप इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो महाराष्ट्र के पुणे में सोमवार पेठ की यात्रा करें। पुणे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से यह मंदिर लगभग चार-पांच किमी की दूरी पर है। लोकल ऑटो, कैब या बस से आसानी से पहुँचा जा सकता है। मंदिर सुबह से शाम तक भक्तों के लिए खुला रहता है। गणेशोत्सव के दौरान यहाँ का माहौल और भी भव्य हो जाता है, जो दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त है।

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