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Navratri Special: चमत्कारों के लिए मशहूर हैं यूपी के ये प्राचीन देवी मंदिर, इस नवरात्रि दर्शन का बनाएं प्लान

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्रुति गौड़ Updated Sun, 14 Sep 2025 12:40 PM IST
सार

Ancient Goddess Temples in Uttar Pradesh: 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है। ऐसे में हम आपको बताएंगे यूपी के कुछ ऐसे चमत्कारी मंदिरों के बारे में, जहां माता रानी की पूजा की जाती है। 

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Ancient Goddess Temples in Uttar Pradesh Know History Name and Locations
चमत्कारों के लिए मशहूर हैं उत्तर प्रदेश के ये प्राचीन देवी माता मंदिर - फोटो : अमर उजाला

Ancient Goddess Temples in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सिर्फ ऐतिहासिक इमारतों और सांस्कृतिक विरासत के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी आस्था और चमत्कारी शक्तियों वाले देवी मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां हर जिले में कोई न कोई ऐसा देवी स्थान है, जहां दूर-दराज से भक्त केवल दर्शन के लिए नहीं, बल्कि अपने मनोकामना पूर्ति की आशा लेकर आते हैं। 

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कहते हैं कि इन मंदिरों में माता रानी स्वयं विराजती हैं, और जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मुराद जरूर पूरी होती है। इन मंदिरों से जुड़ी कहानियां, मान्यताएं और चमत्कार आज भी लोगों की श्रद्धा को गहराई से छूते हैं। इस लेख में हम आपको उत्तर प्रदेश के कुछ उन प्राचीन और चमत्कारी देवी मंदिरों के बारे में बताएंगे, जो नवरात्रि और अन्य पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं से भर जाते हैं।

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चमत्कारों के लिए मशहूर हैं यूपी के ये प्राचीन देवी मंदिर - फोटो : पीटीआई
 विंध्यवासिनी देवी मंदिर 

ये मंदिर विंध्याचल, मिर्जापुर में स्थित है, जो कि वाराणसी से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर हैं। मान्यता है कि ये मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि राक्षस महिसासुर का वध करने के बाद देवी ने विंध्याचल के पर्वत पर निवास किया था।

वैसे तो इस मंदिर में सालभर भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि के मौके पर माता रानी की भक्तों की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है इस मंदिर का अस्तित्व सृष्टि के बाद भी रहेगा। कहा जाता है कि यहां आने वाला हर भक्त अपने जीवन के किसी न किसी संकट से छुटकारा पाकर जाता है।यही वजह से है यहां लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। 

 शाकंभरी देवी मंदिर 

ये मंदिर सहारनपुर जनपद मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस मंदिर की गिनती देश के 51 पवित्र शक्तिपीठों में की जाती है। ऐसी मान्यता है कि ये भी है इस सिद्धपीठ में मत्था टेकने से प्राणी सर्व सुख संपन्न हो जाता है। मां शाकंभरी को अन्नपूर्णा का अवतार माना जाता है,  क्योंकि एक समय जब राक्षसों के घोर पाप के कारण सृष्टि पर अकाल पड़ गया था, ठीक उसी समय सभी देवताओं ने मिलकर मां जगदंबा की आराधना की थी।

इससे प्रसन्न होकर मां भगवती प्रकट हुई और उन्होंने अपनी माया का चमत्कार दिखाते हुए अकाल ग्रस्त पृथ्वी लोक से भूख और प्यास के प्रकोप को दूर कर दिया। कहा जाता है कि माता के दर्शन मात्र से दरिद्रता, रोग और दुख दूर हो जाते हैं। भक्त अपने जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति के लिए यहां आते हैं।


 
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चमत्कारों के लिए मशहूर हैं यूपी के ये प्राचीन देवी मंदिर - फोटो : instagram
देवीपाटन मंदिर

ये मंदिर बलरामपुर में जिले में स्थित है, जोकि सिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस शक्तिपीठ में माता सती का वाम स्कंध के साथ पट गिरा था। इसलिए इस स्थान को पाटन कहा गया। यहां माता मातेश्वरी स्वरूप की पूजा होती है।

इस मंदिर में एक अखंड धूनी जलती रहती है, जो त्रेता युग से लगातार जल रही है। ये इस स्थान की दिव्यता और प्राचीनता का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में नवरात्रि के मौके पर आसपास के जिलों के साथ-साथ दूर-दूर से भक्त देवीपाटन मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

मां तरकुलहा मंदिर

गोरखपुर जिल में स्थित ये मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। ये मंदिर खासतौर पर शक्ति और मां दुर्गा के भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। मां तरकुलहा देवी को शक्ति का अवतार माना जाता है। ये मंदिर प्राचीन काल से यहां स्थित है और स्थानीय लोगों की मन्नतें पूरी करने के लिए जाना जाता है।

मान्यता है कि यहां माता की प्रतिमा स्वयंभू है, यानी धरती से स्वयं प्रकट हुई है। मां तरकुलहा मंदिर में श्रद्धालु जो भी मनोकामना लेकर आते हैं, वे पूरी होती हैं। खासकर संतान सुख, परिवार की खुशहाली और आर्थिक समृद्धि के लिए यहां विशेष रूप से पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ मंदिर में बढ़ जाती है और कई लोग लंबे समय तक नौ दिन का व्रत भी रखते हैं।
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