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National Milk Day 2025: क्यों 26 नवंबर को ही मनाते हैं राष्ट्रीय दुग्ध दिवस? जानिए सफेद क्रांति का इतिहास

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Wed, 26 Nov 2025 10:06 AM IST
सार

National Milk Day 2025 History And Significance: 1950 के दशक में भारत में दूध की भारी कमी थी। डॉ. कुरियन ने ‘ऑपरेशन फ्लड’ के नाम से दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम शुरू किया। 

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Why National Milk Day Is Celebrated on 26 November Check History and Significance
दुग्ध दिवस - फोटो : Istock
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विस्तार
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National Milk Day 2025 :भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय दुग्ध उद्योग के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन को सम्मान देने के लिए समर्पित है, जिन्हें श्वेत क्रांति के पिता (Father of the White Revolution) कहा जाता है। भारत को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और सफेद क्रांति लाने में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। आइए जानते हैं कि दुग्ध दिवस कब और क्यों मनाने की शुरुआत हुई। दूध के लिए एक दिन क्यों समर्पित किया गया और 26 नवंबर को इतिहास क्या है।

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राष्ट्रीय दुग्ध दिवस का इतिहास

1950 के दशक में भारत में दूध की भारी कमी थी। डॉ. कुरियन ने ‘ऑपरेशन फ्लड’ के नाम से दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम शुरू किया। इससे किसानों को सीधे दूध बेचने और उचित कीमत पाने की सुविधा मिली। दूध के बड़े ब्रांड्स की नींव भी उनके प्रयासों का परिणाम है। वर्ष 2014 में पहली बार भारत में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया गया।
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26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है दूग्ध दिवस?

दूग्ध दिवस डॉ. वर्गीस कुरियन को समर्पित है। डाॅ. कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को हुआ था। डॉ. कुरियन ने 1965 में गुजरात के आनंद से शुरू की गई ‘सफेद क्रांति’ के जरिए भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया। उन्हें दुग्ध क्षेत्र में योगदान को देखते हुए वर्ष 2014 में भारतीय डेयरी एसोसिएशन (IDA) ने निर्णय लिया कि उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाएगा।


क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय दुग्ध दिवस?

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है, 

  • दूध और डेयरी उत्पादों के महत्व को बढ़ावा देना
  • पोषण और स्वास्थ्य में दूध की भूमिका बताना
  • डेयरी किसानों के योगदान को सम्मान देना
  • भारत में डेयरी सेक्टर की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता फैलाना
  • सफेद क्रांति के नायक डॉ. कुरियन को याद करना


दुग्ध दिवस का महत्व

  • दूध का योगदान पोषण में है। दूध को सम्पूर्ण आहार माना जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, B12, पोटेशियम जैसी जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
  • किसानों की आजीविका का एक साधन दूध भी है। भारत में लाखों किसान डेयरी पर निर्भर हैं।
  • दूध आरोग्य एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बच्चों से बुजुर्गों तक सबके लिए दूध लाभकारी है।
  • दूध आर्थिक विकास में भी योगदान देता है। डेयरी सेक्टर भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • यह दिन डॉ. कुरियन की विरासत है। यह दिन उनकी प्रेरणादायक यात्रा और देश के विकास में उनके योगदान को याद कराता है।


राष्ट्रीय दुग्ध दिवस कैसे मनाया जाता है?

  • स्कूलों व कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम
  • डेयरी फार्मों में विशेष आयोजन
  • पोषण और डेयरी से जुड़े सेमिनार
  • स्किम्ड/लो-फैट मिल्क वितरण कार्यक्रम
  • सोशल मीडिया कैंपेन
  • किसानों को सम्मानित करना
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