रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिदिन करें इन योगों का अभ्यास
वर्तमान में सभी की आवश्यकता है कि हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे। इसके लिए लोग तरह-तरह उपाय भी करते हैं लेकिन लोग शायद भूल जाते हैं कि योग के रूप में तो हमें हमारा खुद का प्राचीन उपाय मिलाया हुआ है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दवाओं से नहीं बल्कि योग करके ही बढ़ाया जाए। आइए जानते हैं किस योग को करने से हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता जल्द ही विकसित हो जाएगी।
भुजंगासन
भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है। ये सांप के उठे हुए फन के जैसा दिखता है। भुजंगासन सूर्य नमस्कार आसन का हिस्सा है। भुजंगासन को अष्टांग योग में बेसिक लेवल का आसन माना जाता है। इसका अभ्यास 15-30 सेकेंड तक 5-10 लंबी सांसें लेने तक किया जाता है।
ताड़ासन
इस मुद्रा को दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। यह आसन को करते समय पेट खाली होना चाहिए। यह आसन 10 से 20 सेकंड तक किया जाता है। यह आसन पाचन तंत्र को सुचारू कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
भस्त्रिका
भस्त्रिका योग सीधे बैठकर किया जाता है। इसमें मुंह को बंद करके नाक से लंबी सांस लेनी होती है। इसके बाद श्वास को छोड़ा जाता है। प्राणायाम 5 मिनट तक करना होता है।