सर्दियां न सिर्फ ठंड का मौसम लाती हैं बल्कि यह हड्डियों के दर्द और जकड़न की भी शिकायत बढ़ा देती हैं। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं, खासकर जब सूर्य की किरणें कम मिलें और शारीरिक गतिविधि घट जाए। ऐसे में योगासन वह प्राकृतिक उपाय हैं जो बिना दवा के हड्डियों को मज़बूत, लचीला और सक्रिय रखते हैं।
सर्दियां आने वाली हैं और इसी के साथ हड्डियों का दर्द भी बढ़ने लगा है। जैसे जैसे सर्द हवाएं तेज होंगी, दर्द की शिकायत भी बढ़ने लगेगी। प्राकृतिक तरीके से हड्डियों के दर्द को कम करने के लिए यहां कुछ प्रभावी योगासन बताए जा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास से आपकी हड्डियों की शक्ति और स्थिरता बढ़ेगी।
योग के साथ ही सर्दियों में धूप से मिलने वाला विटामिन D को भी जरूरी मानिए। ये हड्डियों की सेहत के लिए अमृत समान है। हर दिन कम से कम 15 मिनट धूप में योग करने की आदत डालें। यह कैल्शियम को शरीर में अवशोषित करने में मदद करता है। साथ ही अगर आप रोज़ाना 30 मिनट तक योग करते हैं और संतुलित आहार लेते हैं, तो हड्डियों से जुड़ी समस्याएँ जैसे दर्द, कमजोरी या सूजन से बचा जा सकता है।
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ताड़ासन
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ताड़ासन
यह योगासन पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग करता है। इससे हड्डियों की बोन डेंसिटी बढ़ती है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। अभ्यास के लिए सीधे खड़े होकर हाथ ऊपर उठाएं, एड़ियों पर खड़े होकर शरीर को ऊपर की ओर खींचें।
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त्रिकोणासन
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त्रिकोणासन
त्रिकोणासन कंधों, पीठ और पैरों की हड्डियों को मजबूती देता है। यह कैल्शियम अवशोषण को भी बेहतर बनाता है। यह आसन हिप्स और घुटनों के लिए फायदेमंद है। त्रिकोणासन कमर, जांघ और घुटनों के जोड़ में लचीलापन और संतुलन लाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए यह बेहद उपयोगी है।
उष्ट्रासन
यह आसन रीढ़ की हड्डी और गर्दन की लचीलापन बढ़ाता है। साथ ही जोड़ों में जमा जकड़न को दूर करता है। इस योगासन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं। दोनों घुटनों के बीच कम से कम 6 इंच की दूरी रखें। अब दोनों हाथों को पीछे एड़ी की ओर ले जाएं। फिर दाएं हाथ के टखने को बाएं हाथ के टखने से छुएं। अपनी टांगों को सीधा रखते हुए पेट आगे की ओर निकालें। इस अवस्था में कुछ देर रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
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वीरभद्रासन
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वीरभद्रासन
यह हड्डियों के लिए पावरफुल आसन है। यह पैरों, घुटनों और कूल्हों को मज़बूत बनाता है। वीरभद्रासन का अभ्यास धीरे-धीरे करें, यदि दर्द हो तो ज्यादा स्ट्रेच न करें।