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Balaghat News: तकनीक में उलझे डोंगरिया गांव के किसान, किसी और की गलती का भुगतना पड़ सकता है गंभीर खामियाजा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालाघाट Published by: दिनेश शर्मा Updated Thu, 27 Mar 2025 05:18 PM IST
सार

इस समय किसान की फार्मर आईडी बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आगामी 31 मार्च तक सभी किसानों की फार्मर आईडी बनानी अनिवार्य है। निर्धारित समयावधि के बाद जिन किसानों की आईडी नहीं बन पाएगी, वे शासन की कई योजनाओं से वंचित हो जाएंगे और कई लाभों से हाथ धोना पड़ सकता है।
 

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Balaghat News: Farmers of Dongaria village are entangled in technology
बालाघाट जिले के किसानों को फार्मर आईडी न पाने की आशंका सता रही है। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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बालाघाट जिले का एक ऐसा गांव, जो शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं से वंचित होने की कगार पर है। यहां निवासरत एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों किसान सरकार की योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए अपात्र हो सकते हैं। इस स्थिति को लेकर किसानों ने अपनी समस्याएं जिला स्तर तक पहुंचाई हैं, लेकिन उनका समाधान नहीं हो सका है, जिससे वे परेशान हैं।
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गौरतलब है कि इस समय किसान की फार्मर आईडी बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आगामी 31 मार्च तक सभी किसानों की फार्मर आईडी बनानी अनिवार्य है। निर्धारित समयावधि के बाद जिन किसानों की आईडी नहीं बन पाएगी, वे शासन की कई योजनाओं से वंचित हो जाएंगे और कई लाभों से हाथ धोना पड़ सकता है।
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यह पूरा मामला बालाघाट जिले की परसवाड़ा तहसील के ग्राम डोंगरिया का है, जहां के किसान फार्मर आईडी बनाने के लिए परेशान हैं। किसानों के अनुसार, उन्होंने कई बार प्रयास किए, लेकिन उनकी फार्मर आईडी नहीं बन पा रही है। किसान चिंतित हैं कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर उनका पंजीकरण नहीं होता है, तो वे न केवल भविष्य में योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाएंगे, बल्कि मौजूदा योजनाओं से भी हाथ धो सकते हैं।

किसानों का कहना है कि जब वे फार्मर आईडी बनाने के लिए राजस्व विभाग के पास जाते हैं, तो उनका गांव परसवाड़ा तहसील में दर्ज नहीं दिखता, बल्कि दूसरी तहसील में दर्ज होने की जानकारी मिलती है, जिससे फार्मर आईडी बनवाने में समस्या आ रही है। हालांकि, राजस्व विभाग इस समस्या को लेकर परेशान है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। ग्राम के किसान अशोक कटरे ने बताया कि यदि समय पर उनकी फार्मर आईडी नहीं बन पाती है, तो किसानों को कृषि सब्सिडी, फसल बीमा, कृषि ऋण, फसलों की बिक्री, और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।

इस मामले पर परसवाड़ा तहसीलदार वर्षा झारिया ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण डोंगरिया गांव दूसरी तहसील में दर्ज हो रहा है, जिसके कारण किसानों की फार्मर आईडी बनाने में समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि इस समस्या की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है और भोपाल से भी बातचीत की गई है। जैसे ही समस्या का समाधान होगा, किसानों की फार्मर आईडी बनाई जाएगी। हालांकि, फार्मर आईडी बनाने के लिए निर्धारित समय सीमा के बारे में उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों के अनुसार ही कार्य किया जाएगा।
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