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Digital Arrest: पुलिस अफसर बताकर किया डिजिटल अरेस्ट, खाताधारक पीथमपुर से धराया, महिला से ऐंठे थे पांच लाख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Sat, 05 Jul 2025 11:31 PM IST
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सार
भोपाल सायबर क्राइम ब्रांच ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला को वीडियो कॉल से 12 घंटे तक "डिजिटल अरेस्ट" कर 5 लाख की ठगी करने वाले आरोपी रवींद्र सिंह को पीथमपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी के खाते में ठगी की राशि आने पर पुलिस को सुराग मिला।

साइबर क्राइम।
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
सायबर क्राइम ब्रांच ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने के बाद महिला को पांच लाख रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह के एक सदस्य को पीथमपुर से गिरफ्तारी किया है। बैंक खातों की जानकारी लेते-लेते पुलिस इस आरोपी तक पहुंची थी। आरोपी के खाते में ठगी के कुछ पैसे आए थे।
सायबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि सत्यम शिवम परिसर कोलार में रहने वाली अनु वर्मा ने शिकायत करते हुए बताया था कि उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था। उसने पहला फोन वाट्सएप कॉल के जरिए किया। इस बातचीत में खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल के जरिए अनु वर्मा को बताया कि आपका मोबाइल नंबर अवैध है तथा उसका इस्तेमाल अवैध कामों में हुआ है। उसने धमकी दी थी कि आपके नंबर को सीज कर दिया जाएगा तथा गिरफ्तार भी किया जाएगा। जालसाज व्यक्ति की धमकी से अनु वर्मा डर गईं। उनके इसी डर का फायदा उठाते हुए 5 लाख रुपये ऐंठ लिए।
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12 घंटे तक रखा था डिजिटल अरेस्ट
ठगों ने फरियादी अनु को एक फर्जी एफआईआर नंबर भी भेजा था। आरोपियों ने मामले को नेशनल सीक्रेट बताकर किसी अन्य को बताने से मना किया था। अनु को लगभग 12 घंटों तक अकेले ही व्हाटसएप वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर रखा गया और धमकी दी गई कि किसी अन्य व्यक्ति को इसके बारे में बताया तो स्थानीय थाने के माध्यम से अरेस्ट करके पुलिस कस्टडी में ले लिया जाएगा। इसके बाद आरोपियों द्वारा फरियादी के बैंक खाते में रखे रुपयों को अवैध रकम होना बताकर रुपयों को वेरिफाई करने के लिए भेजने को कहा गया। इस पर फरियादी ने बैंक जाकर आरटीजीएस के माध्यम से पांच लाख रुपये अनावेदक के बैंक खाते में भेज दिए।
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बैंक खाते की जानकारी से मिला सुराग
सायबर क्राइम ब्रांच जिला भोपाल की टीम ने प्रकरण दर्ज करने के बाद उन सभी बैंक खातों की जानकारी निकालना शुरू की, जिनके खातों में अनु वर्मा के बैंक खाते से पैसे गए थे। इसकी जानकारी जुटाते-जुटाते पुलिस धार जिले के पीथमपुर तक पहुंची तथा वहां से आरोपी रवींद्र सिंह पिता जय सिंह (35) निवासी जिला चुरू राजस्थान को गिरफ्तार कर लिया।
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सायबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि सत्यम शिवम परिसर कोलार में रहने वाली अनु वर्मा ने शिकायत करते हुए बताया था कि उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था। उसने पहला फोन वाट्सएप कॉल के जरिए किया। इस बातचीत में खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल के जरिए अनु वर्मा को बताया कि आपका मोबाइल नंबर अवैध है तथा उसका इस्तेमाल अवैध कामों में हुआ है। उसने धमकी दी थी कि आपके नंबर को सीज कर दिया जाएगा तथा गिरफ्तार भी किया जाएगा। जालसाज व्यक्ति की धमकी से अनु वर्मा डर गईं। उनके इसी डर का फायदा उठाते हुए 5 लाख रुपये ऐंठ लिए।
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12 घंटे तक रखा था डिजिटल अरेस्ट
ठगों ने फरियादी अनु को एक फर्जी एफआईआर नंबर भी भेजा था। आरोपियों ने मामले को नेशनल सीक्रेट बताकर किसी अन्य को बताने से मना किया था। अनु को लगभग 12 घंटों तक अकेले ही व्हाटसएप वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर रखा गया और धमकी दी गई कि किसी अन्य व्यक्ति को इसके बारे में बताया तो स्थानीय थाने के माध्यम से अरेस्ट करके पुलिस कस्टडी में ले लिया जाएगा। इसके बाद आरोपियों द्वारा फरियादी के बैंक खाते में रखे रुपयों को अवैध रकम होना बताकर रुपयों को वेरिफाई करने के लिए भेजने को कहा गया। इस पर फरियादी ने बैंक जाकर आरटीजीएस के माध्यम से पांच लाख रुपये अनावेदक के बैंक खाते में भेज दिए।
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सायबर क्राइम ब्रांच जिला भोपाल की टीम ने प्रकरण दर्ज करने के बाद उन सभी बैंक खातों की जानकारी निकालना शुरू की, जिनके खातों में अनु वर्मा के बैंक खाते से पैसे गए थे। इसकी जानकारी जुटाते-जुटाते पुलिस धार जिले के पीथमपुर तक पहुंची तथा वहां से आरोपी रवींद्र सिंह पिता जय सिंह (35) निवासी जिला चुरू राजस्थान को गिरफ्तार कर लिया।
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