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MP: 'AI भारत @ MP' कार्यशाला का शुभारंभ,एआई दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट गवर्नेंस को सक्षम बना रहा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Thu, 08 May 2025 08:12 PM IST
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सार
अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश उन अग्रणी राज्यों में है जहां प्रशासनिक प्रक्रिया में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां संपदा 2.0 पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ई-रजिस्ट्री की जा रही है।

भोपाल में एआई पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
भोपाल। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) द्वारा "AI भारत @ MP" कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह दो दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को मिंटो हॉल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के नीति-निर्माता, तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद एवं विभिन्न विभागों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), आधार आधारित अनुप्रयोगों, डिजिटल गवर्नेंस और तकनीकी नवाचारों के जरिए प्रशासन को अधिक प्रभावी और जनोन्मुखी बनाना है। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश उन अग्रणी राज्यों में है जहां प्रशासनिक प्रक्रिया में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां संपदा 2.0 पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ई-रजिस्ट्री की जा रही है।
एआई के उपयोग बढ़ाने कर रहे प्रयास
एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक आशीष वशिष्ठ ने कहा कि यह केवल कार्यशाला नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश को AI नवाचार में अग्रणी बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे भविष्य में प्रवेश करने जा रहे है जहां प्रशासन का आधार AI-ड्रिवन सेवाओं के वितरण, स्मार्ट समावेशन है। इंडिया AI के जनरल मैनेजरकार्तिक सूरी ने बताया कि इंडिया AI ने डेटा और AI लैब के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग बढ़ाने के लिये प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इंडिया AI पूरे देश में नावाचार और र्स्टाटअप को बढ़ावा दे रहा है।
AI केवल तकनीक नहीं, परिवर्तनकारी शक्ति है
डीआरडीओ के वैज्ञानिक सौरभ मंडल ने कहा कि AI दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट गवर्नेंस को सक्षम बना रहा है। डीआरडीओ ने सशस्त्र बलों के साथ चुनौतीपूर्ण परिस्थतियों में नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के मॉडल भी बनाये हैं। अमेजॉन वेब सर्विसेज के राज्य प्रतिनिधि अजय कौल ने कहा कि AI केवल एक तकनीक नहीं है बल्कि परिवर्तनकारी शक्ति है। आईआईएम के प्रो. प्रशांत सालवान ने AI की शुरूआत, वर्तमान अनुप्रयोगों और भविष्य पर प्रकाश डाला। प्रारंभिक सत्र का समापन एमपीएसईडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुरु प्रसाद ने आभार व्यक्त करते हुए किया।
"शासन में AI की कल्पना" विषय हुआ सत्र
कार्यशाला के पहले दिन "शासन में AI की कल्पना" विषय पर सत्र आयोजित हुआ जिसमें IIM इंदौर, UIDAI, DBT मिशन, कर्मचारी चयन बोर्ड के विशेषज्ञों ने AI और आधार आधारित सेवाओं के संभावित प्रयोगों पर विचार साझा किए। कृषि, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और नागरिक सेवाओं में AI के प्रयोगों पर आईआईटी इंदौर, गूगल क्लाउड, माइक्रोसॉफ्ट, IISER भोपाल और DST के विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उदाहरण प्रस्तुत किए।
कई प्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव
स्टार्टअप्स और उद्योग प्रतिनिधियों जैसे आरपीए एग्री इंफ्रा, IBM, द्रोण मैप्स और ऐपस्क्वाड्ज़ सॉफ्टवेयर ने बताया कि कैसे AI सार्वजनिक प्रशासन, कृषि और जीआईएस योजना में प्रभावी बदलाव ला सकता है। कार्यशाला के अंत में एमपीएसईडीसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक अभिषेक अनंत ने कहा कि यह शुरुआत प्रदेश को डिजिटल और भविष्य-तैयार बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
‘डिजिटल इंडिया स्टेट कंसल्टेशन वर्कशॉप’ आज
कार्यशाला का दूसरा दिन 9 मई को आयोजित होगा जिसमें ‘डिजिटल इंडिया स्टेट कंसल्टेशन वर्कशॉप’ के अंतर्गत केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग, नीति संवाद और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे DigiLocker, UMANG, API Setu, मेरी पहचान, myScheme आदि पर विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम 2023 और सायबर सुरक्षा जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। इस कार्यशाला का लक्ष्य तकनीकों के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देना और मप्र को टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाना है।
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एआई के उपयोग बढ़ाने कर रहे प्रयास
एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक आशीष वशिष्ठ ने कहा कि यह केवल कार्यशाला नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश को AI नवाचार में अग्रणी बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे भविष्य में प्रवेश करने जा रहे है जहां प्रशासन का आधार AI-ड्रिवन सेवाओं के वितरण, स्मार्ट समावेशन है। इंडिया AI के जनरल मैनेजरकार्तिक सूरी ने बताया कि इंडिया AI ने डेटा और AI लैब के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग बढ़ाने के लिये प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इंडिया AI पूरे देश में नावाचार और र्स्टाटअप को बढ़ावा दे रहा है।
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AI केवल तकनीक नहीं, परिवर्तनकारी शक्ति है
डीआरडीओ के वैज्ञानिक सौरभ मंडल ने कहा कि AI दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट गवर्नेंस को सक्षम बना रहा है। डीआरडीओ ने सशस्त्र बलों के साथ चुनौतीपूर्ण परिस्थतियों में नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के मॉडल भी बनाये हैं। अमेजॉन वेब सर्विसेज के राज्य प्रतिनिधि अजय कौल ने कहा कि AI केवल एक तकनीक नहीं है बल्कि परिवर्तनकारी शक्ति है। आईआईएम के प्रो. प्रशांत सालवान ने AI की शुरूआत, वर्तमान अनुप्रयोगों और भविष्य पर प्रकाश डाला। प्रारंभिक सत्र का समापन एमपीएसईडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुरु प्रसाद ने आभार व्यक्त करते हुए किया।
"शासन में AI की कल्पना" विषय हुआ सत्र
कार्यशाला के पहले दिन "शासन में AI की कल्पना" विषय पर सत्र आयोजित हुआ जिसमें IIM इंदौर, UIDAI, DBT मिशन, कर्मचारी चयन बोर्ड के विशेषज्ञों ने AI और आधार आधारित सेवाओं के संभावित प्रयोगों पर विचार साझा किए। कृषि, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और नागरिक सेवाओं में AI के प्रयोगों पर आईआईटी इंदौर, गूगल क्लाउड, माइक्रोसॉफ्ट, IISER भोपाल और DST के विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उदाहरण प्रस्तुत किए।
कई प्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव
स्टार्टअप्स और उद्योग प्रतिनिधियों जैसे आरपीए एग्री इंफ्रा, IBM, द्रोण मैप्स और ऐपस्क्वाड्ज़ सॉफ्टवेयर ने बताया कि कैसे AI सार्वजनिक प्रशासन, कृषि और जीआईएस योजना में प्रभावी बदलाव ला सकता है। कार्यशाला के अंत में एमपीएसईडीसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक अभिषेक अनंत ने कहा कि यह शुरुआत प्रदेश को डिजिटल और भविष्य-तैयार बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
‘डिजिटल इंडिया स्टेट कंसल्टेशन वर्कशॉप’ आज
कार्यशाला का दूसरा दिन 9 मई को आयोजित होगा जिसमें ‘डिजिटल इंडिया स्टेट कंसल्टेशन वर्कशॉप’ के अंतर्गत केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग, नीति संवाद और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे DigiLocker, UMANG, API Setu, मेरी पहचान, myScheme आदि पर विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम 2023 और सायबर सुरक्षा जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। इस कार्यशाला का लक्ष्य तकनीकों के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देना और मप्र को टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाना है।