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MP News: खाद की किल्लत पर कृषि मंत्री का अजीब बयान, लंबी लाइनें और हंगामे को बताया- साजिश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 19 Dec 2025 09:37 PM IST
सार
प्रदेश में खाद की किल्लत के बीच कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने बेतुका बयान दिया है। उन्होंने खाद वितरण केंद्रों पर हो रहे हंगामे और वायरल वीडियो को पूर्व नियोजित साजिश बताया है।
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मंत्री एंदल सिंह कंसाना
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रदेश में खाद की किल्लत और वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारों के बीच कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने अजीब बयान दिया है। मंत्री ने खाद वितरण केंद्रों पर हो रहे हंगामे और वायरल हो रहे वीडियो को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया। उनका कहना है कि किसानों को गुमराह करने के लिए जानबूझकर ऐसे हालात बनाए जा रहे हैं। भोपाल में मोहन सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर कृषि विभाग की उपलब्धियों को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान जब मंत्री से खाद वितरण में अव्यवस्था और किसानों को खाद नहीं मिलने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने बेतूका बेतुका बयान दिया। मंत्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि ये वीडियो कैसे बनाए जाते हैं। भीड़ में चार-पांच लोगों को जानबूझकर घुसाया जाता है, जो हंगामा करते हैं, धक्का-मुक्की होती है और कभी-कभी थप्पड़ तक की नौबत आ जाती है। यह सब पहले से तय होता है। कृषि मंत्री ने इसे किसानों को भ्रमित करने की साजिश बताते हुए कहा कि सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
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कृषि विभाग की आगामी कार्ययोजना
मंत्री ने विभाग की भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ई-विकास प्रणाली के तहत किसानों को उर्वरक की होम डिलीवरी सेवा शुरू की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को जल्द लागू किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत मूंगफली और सरसों की फसलों पर किसानों को लाभ दिया जाएगा। वहीं, नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत अगले वर्ष 1066 महिला स्व-सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
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2026 कृषि वर्ष घोषित
मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, तकनीकी सुधार और यंत्रीकरण को मजबूत करना तथा डिजिटल एग्रीकल्चर के माध्यम से कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है। कृषि मंत्री ने बताया कि पराली जलाने की समस्या को 2026 तक 40 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सीबीजी प्लांट के माध्यम से पराली को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की 259 मंडियों में ई-मंडी योजना लागू की जा चुकी है और अगले तीन वर्षों में सभी मंडियों को आधुनिक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
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कृषि विभाग की आगामी कार्ययोजना
मंत्री ने विभाग की भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ई-विकास प्रणाली के तहत किसानों को उर्वरक की होम डिलीवरी सेवा शुरू की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को जल्द लागू किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत मूंगफली और सरसों की फसलों पर किसानों को लाभ दिया जाएगा। वहीं, नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत अगले वर्ष 1066 महिला स्व-सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
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2026 कृषि वर्ष घोषित
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