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MP News: प्रदेश के ब्लड सेंटर्स का पांच दिन में होगा ऑडिट, आयुक्त राठी बोले- लापरवाही नहीं चलेगी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 19 Dec 2025 10:18 PM IST
सार
सतना में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त मिलने के मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। आयुक्त लोक स्वास्थ्य तरुण राठी ने प्रदेश के सभी शासकीय व निजी ब्लड सेंटर्स का 5 दिन में ऑडिट कर मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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आयुक्त तरुण राठी ने की बैठक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सतना में थैलेसीमिया पीड़ित मासूम बच्चों के सरकारी ब्लड बैंक के संक्रमित ब्लड से एचआईवी पॉजिटिव होने के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा हैं। प्रदेश के सभी शासकीय और निजी ब्लड सेंटर्स के संचालन को सुरक्षित, पारदर्शी और मानक अनुरूप बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी ब्लड सेंटर्स में एनबीटीसी गाइडलाइंस, डीजीएचएस द्वारा जारी एसओपी और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में आयुक्त राठी ने ब्लड सेंटर्स के रक्त संग्रहण, परीक्षण, भंडारण, लाइसेंसिंग और वितरण व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन दिनेश श्रीवास्तव, एनएचएम मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना, राज्य रक्ताधान परिषद के संचालक डॉ. योगेश भरसट सहित सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन और ब्लड सेंटर प्रभारी शामिल हुए।
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ब्लड रिप्लेसमेंट सिस्टम प्रतिबंधित रहेगा
आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिन शासकीय ब्लड सेंटर्स में आवश्यक स्टाफ, उपकरण या रिकॉर्ड मानकों के अनुरूप उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें तत्काल बंद कर निजी ब्लड सेंटर्स से एमओयू के माध्यम से सेवाएं ली जाएं। किसी भी परिस्थिति में ब्लड रिप्लेसमेंट सिस्टम प्रतिबंधित रहेगा। रक्त संग्रहण केवल स्वैच्छिक रक्तदान और रक्तदान शिविरों के माध्यम से ही किया जाएगा। इसके लिए एनजीओ, शैक्षणिक संस्थान, शासकीय कार्यालय, पुलिस और सैन्य इकाइयों को जोड़ा जाएगा। सभी रक्तदाताओं से निर्धारित प्रारूप में स्व-सत्यापित शपथ पत्र लेना अनिवार्य किया गया है।
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5 दिनों के अंदर ऑडिट कर भेजे रिपोर्ट
आयुक्त ने रक्त परीक्षण में नैट, एलिसा और सीएलआईए तकनीक को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। अत्यावश्यक स्थिति में ही सीमित रूप से फोर्थ जनरेशन किट्स के उपयोग की अनुमति होगी। उन्होंने सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि शासकीय और निजी ब्लड सेंटर्स का 5 दिनों के भीतर ऑडिट कर रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर को भेजी जाए। ब्लड सेंटर्स के लाइसेंस नवीनीकरण और नए लाइसेंस के लिए आवेदन ओएनडीएलएस पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही तकनीकी कर्मचारियों की योग्यता संबंधित अधिनियम और मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप होना जरूरी बताया गया है।
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पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान पर होगी कार्रवाई
आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि थैलेसीमिया मरीजों के लिए आवश्यक रक्त, ब्लड कंपोनेंट्स और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ब्लड सेंटर्स में प्रयुक्त जांच किट्स, आपातकालीन दवाएं और फार्मास्यूटिकल ग्रेड मेडिकल ऑक्सीजन की वैधता पर विशेष निगरानी रखी जाए। पेशेवर रक्तदाताओं से रक्त संग्रह पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा और पहचान होने पर सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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ब्लड रिप्लेसमेंट सिस्टम प्रतिबंधित रहेगा
आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिन शासकीय ब्लड सेंटर्स में आवश्यक स्टाफ, उपकरण या रिकॉर्ड मानकों के अनुरूप उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें तत्काल बंद कर निजी ब्लड सेंटर्स से एमओयू के माध्यम से सेवाएं ली जाएं। किसी भी परिस्थिति में ब्लड रिप्लेसमेंट सिस्टम प्रतिबंधित रहेगा। रक्त संग्रहण केवल स्वैच्छिक रक्तदान और रक्तदान शिविरों के माध्यम से ही किया जाएगा। इसके लिए एनजीओ, शैक्षणिक संस्थान, शासकीय कार्यालय, पुलिस और सैन्य इकाइयों को जोड़ा जाएगा। सभी रक्तदाताओं से निर्धारित प्रारूप में स्व-सत्यापित शपथ पत्र लेना अनिवार्य किया गया है।
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5 दिनों के अंदर ऑडिट कर भेजे रिपोर्ट
आयुक्त ने रक्त परीक्षण में नैट, एलिसा और सीएलआईए तकनीक को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। अत्यावश्यक स्थिति में ही सीमित रूप से फोर्थ जनरेशन किट्स के उपयोग की अनुमति होगी। उन्होंने सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि शासकीय और निजी ब्लड सेंटर्स का 5 दिनों के भीतर ऑडिट कर रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर को भेजी जाए। ब्लड सेंटर्स के लाइसेंस नवीनीकरण और नए लाइसेंस के लिए आवेदन ओएनडीएलएस पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही तकनीकी कर्मचारियों की योग्यता संबंधित अधिनियम और मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप होना जरूरी बताया गया है।
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पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान पर होगी कार्रवाई
आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि थैलेसीमिया मरीजों के लिए आवश्यक रक्त, ब्लड कंपोनेंट्स और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ब्लड सेंटर्स में प्रयुक्त जांच किट्स, आपातकालीन दवाएं और फार्मास्यूटिकल ग्रेड मेडिकल ऑक्सीजन की वैधता पर विशेष निगरानी रखी जाए। पेशेवर रक्तदाताओं से रक्त संग्रह पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा और पहचान होने पर सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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