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MP News: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में केंद्र आवंटन पर विवाद, अभ्यर्थियों को 700 किमी दूर तक भेज रहे,अधिकारी मौन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Mon, 17 Nov 2025 06:12 PM IST
सार
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) द्वारा आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए जारी परीक्षा केंद्रों की सूची ने अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आवेदन के समय नजदीकी शहरों को प्राथमिकता देने के बावजूद बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं।
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मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के परीक्षा केंद्र आवंटन को लेकर अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि आवेदन के दौरान नजदीकी शहरों को प्राथमिकता देने के बावजूद उन्हें अत्यधिक दूर जिलों में केंद्र दे दिए गए हैं, जिससे परीक्षा में शामिल होना मुश्किल हो गया है। अधिकांश उम्मीदवारों ने इंदौर, उज्जैन, खंडवा, भोपाल जैसे नजदीकी परीक्षाकेन्द्र विकल्प चुने थे, लेकिन उन्हें रीवा, सतना और सिंगरौली जैसे पूर्वी जिलों में केंद्र आवंटित किए गए हैं। कई अभ्यर्थियों के लिए यह दूरी 700 से 750 किलोमीटर तक पहुंच रही है। एक अभ्यर्थी ने बताया कि उसके घर से रीवा का परीक्षा केंद्र 732 किमी दूर है और आर्थिक तथा शारीरिक रूप से यह यात्रा बेहद चुनौतीपूर्ण है। कई अभ्यर्थियों ने ESB को ईमेल, हेल्पलाइन और पोर्टल के माध्यम से शिकायतें भेजी हैं और परीक्षा केंद्रों की समीक्षा की मांग की है। लेकिन बोर्ड के अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं, जिससे नाराज़गी और बढ़ गई है।
7,500 पदों की भर्ती, लाखों ने किया आवेदन
इस बार पुलिस विभाग में कुल 7,500 पदों पर भर्ती हो रही है, जिसमें जिला पुलिस (DEF) और विशेष सशस्त्र बल (SAF) दोनों के पद शामिल हैं। ESB को इस भर्ती के लिए लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं। परीक्षा लिखित होगी, जिसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि इतनी बड़ी भर्ती के लिए परीक्षा केंद्र वितरण प्रक्रिया को सटीक और व्यावहारिक बनाना ज़रूरी था।
परीक्षा से पहले यात्रा, ठहराव और खर्च भार बढ़ाएगा
दूरस्थ परीक्षा केंद्र मिलने से छात्रों पर यात्रा, ठहरने और खानपान का अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है।अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें 12 से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ेगी, रात में अनजान शहरों में ठहरने की समस्या होगी, सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा सुबह की शिफ्ट में होने पर उन्हें एक दिन पहले ही शहर पहुंचना पड़ेगा, जो आर्थिक बोझ बन रहा है।
यह भी पढ़ें-आलमी तब्लीगी इज्तिमा संपन्न, दुआ-ए-खास में अमन, भाईचारे और रहमत की गुहार, लाखों जायरीन की वापसी
परीक्षाकेन्द्र अलॉटमेंट प्रणाली पर सवाल
लंबी दूरी वाले केंद्र आवंटन ने ESB की परीक्षाकेन्द्र अलॉटमेंट प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि किसी शहर में केंद्र क्षमता कम थी, तो बोर्ड को पहले ही इसके बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए थी।प्राथमिकता के आधार पर नजदीकी केंद्र देना प्रणाली की जिम्मेदारी थी। शिक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आवेदनों की संख्या अधिक होने से भीड़ केंद्रों पर बढ़ सकती थी, लेकिन 700 किमी दूर केंद्र देना तकनीकी खामी की ओर संकेत करता है।
यह भी पढ़ें-भोपाल में एसआईआर में लापरवाही पर कलेक्टर ने बीएलओ और सुपरवाइजर को निलंबित किया
अभ्यर्थियों की मांग
- परीक्षा केंद्रों की तुरंत समीक्षा की जाए।
- प्राथमिकता वाले शहरों में उपलब्ध सीटों का पुनर्वितरण किया जाए।
- जरूरत पड़े तो अतिरिक्त केंद्र भी खोले जाएं।
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7,500 पदों की भर्ती, लाखों ने किया आवेदन
इस बार पुलिस विभाग में कुल 7,500 पदों पर भर्ती हो रही है, जिसमें जिला पुलिस (DEF) और विशेष सशस्त्र बल (SAF) दोनों के पद शामिल हैं। ESB को इस भर्ती के लिए लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं। परीक्षा लिखित होगी, जिसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि इतनी बड़ी भर्ती के लिए परीक्षा केंद्र वितरण प्रक्रिया को सटीक और व्यावहारिक बनाना ज़रूरी था।
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परीक्षा से पहले यात्रा, ठहराव और खर्च भार बढ़ाएगा
दूरस्थ परीक्षा केंद्र मिलने से छात्रों पर यात्रा, ठहरने और खानपान का अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है।अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें 12 से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ेगी, रात में अनजान शहरों में ठहरने की समस्या होगी, सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा सुबह की शिफ्ट में होने पर उन्हें एक दिन पहले ही शहर पहुंचना पड़ेगा, जो आर्थिक बोझ बन रहा है।
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परीक्षाकेन्द्र अलॉटमेंट प्रणाली पर सवाल
लंबी दूरी वाले केंद्र आवंटन ने ESB की परीक्षाकेन्द्र अलॉटमेंट प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि किसी शहर में केंद्र क्षमता कम थी, तो बोर्ड को पहले ही इसके बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए थी।प्राथमिकता के आधार पर नजदीकी केंद्र देना प्रणाली की जिम्मेदारी थी। शिक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आवेदनों की संख्या अधिक होने से भीड़ केंद्रों पर बढ़ सकती थी, लेकिन 700 किमी दूर केंद्र देना तकनीकी खामी की ओर संकेत करता है।
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अभ्यर्थियों की मांग
- परीक्षा केंद्रों की तुरंत समीक्षा की जाए।
- प्राथमिकता वाले शहरों में उपलब्ध सीटों का पुनर्वितरण किया जाए।
- जरूरत पड़े तो अतिरिक्त केंद्र भी खोले जाएं।