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Damoh News: टाइगर रिजर्व से होकर बहने वाली नदी से हो रहा रेत का अवैध परिवहन, वनकर्मियों पर आरोप; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह
Published by: दमोह ब्यूरो
Updated Wed, 07 May 2025 04:22 PM IST
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सार
Damoh: अवैध रेत मामले में आरोपी बने वन समिति अध्यक्ष रोशन यादव का कहना है कि डिप्टी रेंजर के मौखिक निर्देश पर नदी से चार से पांच ट्राली रेत का परिवहन मंदिर निर्माण के लिए किया गया था। जो मेरे ऊपर आरोप लग रहे है सभी निराधार हैं।

जंगल में बनाए मार्ग से ढुल रही रेत
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल

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विस्तार
दमोह वन मंडल और वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के बीच से बहने वाली ब्यारमा नदी में बड़े स्तर पर अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा है। माफिया द्वारा जंगली इलाके में रेत परिवहन के लिए मार्ग भी बना लिया, लेकिन अधिकारी इस ओर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत सेहरी के पूर्व सरपंच अनिल यादव द्वारा लिखित शिकायत की गई। जिसमें बताया कि रेत परिवहन में स्थानीय वन अमला शामिल है, जो पेड़ो की कटाई करवाने के साथ रेत परिवहन करवा रहा है। वन अमला अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहा है। इसमे सेहरी वन समिति अध्यक्ष भी शामिल हैं। हालांकि शिकायत मिलने के बाद तेंदुखेडा एसडीएम सौरभ गंधर्व ने तत्काल तेंदुखेडा एसडीओ को पूरे मामले की जांच करने सहित झलोन और झापन रेंजर को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एसडीएम के निर्देश मिलने और अवैध कटाई मामले की शिकायत होने के बाद झलोन रेंजर सतीश मसीह तत्काल एक्शन में आए और बुधवार को उन्होंने सेहरी गांव पहुंचकर अवैध लकड़ी और रेत को जब्त कर वन समिति अध्यक्ष रोशन यादव पर प्रकरण दर्ज किया।
आवास बनाने में लग रही रेत
ब्यारमा नदी से रेत निकालने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सेहरी गांव सहित आसपास के गरीब लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है। वह नदियों में पड़ी रेत को साइकिल ओर बोरियों को सिर पर रखकर अपने घर तक ला रहे थे। इसका कुछ लोगों ने फायदा उठाया और स्थानीय वन अमले से सेटिंग कर ट्रैक्टर ट्रॉली से अवैध रूप से रेत लाकर उसकी बिक्री चालू कर दी। नदी से गांव तक आने जाने का जो रास्ता था, वह ऊबड़खाबड़ था। इसको मशीनों के माध्यम से सुधार कराया गया, उसके बाद रेत परिवहन शुरू हो गया। शिकायतकर्ता ने बताया यदि सेहरी गांव में सही जांच हो जाए तो ब्यारमा नदी से लाई गई सैकड़ों ट्रॉली रेत मिलेगी, जिसकी बिक्री होती है। वन अमले की मिलीभगत के भी सबूत मिल रहे है। यदि वन कर्मी इसमें लिप्त नहीं होते तो जिस समय नदी से गांव तक मार्ग बन रहा है। उस समय उन्होंने वाहन क्यों नहीं पकड़े ये आरोप गांव के लोगों द्वारा लगाये जा रहे है।
पढ़ें: भाजपा नेता की पत्नी की संदिग्ध मौत पर पार्टी की सख्त कार्रवाई, दशरथ सिंह राठौर निलंबित; जानें
की गई कार्रवाई
शिकायत के बाद झलोन रेंजर सतीश मसीह ने कार्रवाई की। सबसे पहले उन्होंने नदी से लाई गई अवैध रेत की जब्ती बनाई। उसके बाद जंगल से काटी गई लकड़ी को जब्त किया, लेकिन अभी तक उन वाहनों का कोई पता नहीं है, जिन्होंने नदी से गांव तक वाहनों को आने का मार्ग बनाया और बाद में नदी से रेत लाई गई। झलोन रेंजर सतीश मसीह ने बताया कि अवैध रेत रोशन यादव सेहरी निवासी के द्वारा रखी गई थी। चार ट्रॉली रेत की जब्त बनाई गई है। प्रकरण भी दर्ज किया गया है। वाहन अज्ञात है खोजबीन जारी है। वहीं अवैध कटाई मामले में तीन ट्रॉली लड़की को जब्त किया गया है।
नदी के एक ओर झलोन रेंज है दूसरी ओर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की झापन रेंज है। झलोन रेंजर नीरज बिसेन का कहना है मेरा कोई स्टॉप इस मामले में लिप्त नहीं है। मामला नदी के उस पार का है। कुछ माह पूर्व मैंने खुद इस मामले को पकड़ा था। दो वनकर्मियों पर कार्रवाई की थी। उनकी विभागीय जांच चल रही है। अवैध रेत स्टॉक में रखने और नदी से अवैध रूप से परिवहन करने के मामले में सेहरी वन समिति अध्यक्ष रोशन यादव पर झलोन रेंजर ने प्रकरण दर्ज किया है।
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ग्राम पंचायत सेहरी के पूर्व सरपंच अनिल यादव द्वारा लिखित शिकायत की गई। जिसमें बताया कि रेत परिवहन में स्थानीय वन अमला शामिल है, जो पेड़ो की कटाई करवाने के साथ रेत परिवहन करवा रहा है। वन अमला अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहा है। इसमे सेहरी वन समिति अध्यक्ष भी शामिल हैं। हालांकि शिकायत मिलने के बाद तेंदुखेडा एसडीएम सौरभ गंधर्व ने तत्काल तेंदुखेडा एसडीओ को पूरे मामले की जांच करने सहित झलोन और झापन रेंजर को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एसडीएम के निर्देश मिलने और अवैध कटाई मामले की शिकायत होने के बाद झलोन रेंजर सतीश मसीह तत्काल एक्शन में आए और बुधवार को उन्होंने सेहरी गांव पहुंचकर अवैध लकड़ी और रेत को जब्त कर वन समिति अध्यक्ष रोशन यादव पर प्रकरण दर्ज किया।
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आवास बनाने में लग रही रेत
ब्यारमा नदी से रेत निकालने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सेहरी गांव सहित आसपास के गरीब लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है। वह नदियों में पड़ी रेत को साइकिल ओर बोरियों को सिर पर रखकर अपने घर तक ला रहे थे। इसका कुछ लोगों ने फायदा उठाया और स्थानीय वन अमले से सेटिंग कर ट्रैक्टर ट्रॉली से अवैध रूप से रेत लाकर उसकी बिक्री चालू कर दी। नदी से गांव तक आने जाने का जो रास्ता था, वह ऊबड़खाबड़ था। इसको मशीनों के माध्यम से सुधार कराया गया, उसके बाद रेत परिवहन शुरू हो गया। शिकायतकर्ता ने बताया यदि सेहरी गांव में सही जांच हो जाए तो ब्यारमा नदी से लाई गई सैकड़ों ट्रॉली रेत मिलेगी, जिसकी बिक्री होती है। वन अमले की मिलीभगत के भी सबूत मिल रहे है। यदि वन कर्मी इसमें लिप्त नहीं होते तो जिस समय नदी से गांव तक मार्ग बन रहा है। उस समय उन्होंने वाहन क्यों नहीं पकड़े ये आरोप गांव के लोगों द्वारा लगाये जा रहे है।
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की गई कार्रवाई
शिकायत के बाद झलोन रेंजर सतीश मसीह ने कार्रवाई की। सबसे पहले उन्होंने नदी से लाई गई अवैध रेत की जब्ती बनाई। उसके बाद जंगल से काटी गई लकड़ी को जब्त किया, लेकिन अभी तक उन वाहनों का कोई पता नहीं है, जिन्होंने नदी से गांव तक वाहनों को आने का मार्ग बनाया और बाद में नदी से रेत लाई गई। झलोन रेंजर सतीश मसीह ने बताया कि अवैध रेत रोशन यादव सेहरी निवासी के द्वारा रखी गई थी। चार ट्रॉली रेत की जब्त बनाई गई है। प्रकरण भी दर्ज किया गया है। वाहन अज्ञात है खोजबीन जारी है। वहीं अवैध कटाई मामले में तीन ट्रॉली लड़की को जब्त किया गया है।
नदी के एक ओर झलोन रेंज है दूसरी ओर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की झापन रेंज है। झलोन रेंजर नीरज बिसेन का कहना है मेरा कोई स्टॉप इस मामले में लिप्त नहीं है। मामला नदी के उस पार का है। कुछ माह पूर्व मैंने खुद इस मामले को पकड़ा था। दो वनकर्मियों पर कार्रवाई की थी। उनकी विभागीय जांच चल रही है। अवैध रेत स्टॉक में रखने और नदी से अवैध रूप से परिवहन करने के मामले में सेहरी वन समिति अध्यक्ष रोशन यादव पर झलोन रेंजर ने प्रकरण दर्ज किया है।