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Black Out In Indore: देवी अहिल्या की नगरी में हवाई चेतावनी वाले सायरन बजे, शहर में छाया अंधेरा; ट्रैफिक थमा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Wed, 07 May 2025 08:10 PM IST
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सार
Indore: इंदौर में 54 साल बाद माॅकड्रिल हुई। वर्ष 1971 के बाद जिन लोगों ने जन्म लिया। उनके लिए यह पहला अनुभव है, लेकिन शहर के कई वरिष्ठजनों को भारत पाकिस्तान के दौरान होने वाले ब्लैक आउट की यादें ताजा हो गई।

इंदौर में ब्लैक ऑउट
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
शाम साढ़े सात बजते ही शहर सायरनों की आवाज से गूंज उठा। भीड़ से बाजार भरे थे और वाहन सड़कों पर, लेकिन थोड़ी देर में अंधेरा छा गया। जो वाहन सड़कों पर थे, वे भी इधर-उधर खड़े हो गए और वाहनों की हेडलाइट बंद कर दी गई। शहर के माॅल, आकर्षक रोशनी वाले रेस्त्रां भी अंधेरे में डूब गए। माॅकड्रिल की एडवाइजरी का पालन करने हुए रहवासी इलाकों में भी लोगों ने बत्ती गुल कर दी। खिड़की दरवाजों को पर्दे से ढक दिया, ताकि घर की रोशनी बाहर न जाए।
इंदौर में राजवाड़ा, श्रमिक क्षेत्र, अन्नपूर्णा क्षेत्र, एरोड्रम क्षेत्र, बाणगंगा सहित 12 इलाकों में सायरन एक साथ बजे। सड़कों की स्ट्रीट लाइट, सेंट्रल लाइट बंद हो गई। 12 मिनिट के बाद 7.42बजे फिर सायरन बजे और ब्लैक आऊट समाप्त हुआ। शाम सात बजे राजवाड़ा के परिसर में होने वाला लाइट एंड साउंड शो निरस्त किया गया,क्योंकि खुले परिसर में रंगीन लाइटों का इस्तेमाल होता है।
पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर पर मुस्लिम समुदाय ने 'भारतीय सेना जिंदाबाद' के लगाए नारे, कांग्रेस-भाजपा ने खुशियां मनाई
54 साल पुरानी याद ताजा हो गई
इंदौर में 54 साल बाद माॅकड्रिल हुई। वर्ष 1971 के बाद जिन लोगों ने जन्म लिया। उनके लिए यह पहला अनुभव है, लेकिन शहर के कई वरिष्ठजनों को भारत पाकिस्तान के दौरान होने वाले ब्लैक आउट की यादें ताजा हो गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश माॅकड्रिल की गई। शहरवासी इससे घबराए नहीं, बल्कि यह एक अभ्यास है जो देशवासियों की सुरक्षा के लिए जरुरी है। देशभर के 244 जिलों में माॅकड्रिल हुई। इसमें इंदौर भी शामिल था।
ब्लैक आउट की ट्रैफिक व्यवस्था शाम साढ़े छह बजे लागू कर दी गई। शहर के ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए। बाइपास, रिंगरोड, एमजी रोड सहित अन्य मार्गों पर जो वाहन जहां पर थे, वहीं रुक गए और हेडलाइट बंद कर दी। ब्लैक आउट के दौरान शहर के मार्गो पर ट्रैफिक रुक गया। सड़कों पर ट्रैफिक नहीं चल रहा था।ब्लैक आउट के दौरान इमरजेंसी सर्विसेज में एम्बुलेंस , फायरब्रिगेड और आपातकालीन स्थिति में पुलिस के वाहनों को परिवहन की छूट थी। वे सड़कों पर नजर आए।
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इंदौर में राजवाड़ा, श्रमिक क्षेत्र, अन्नपूर्णा क्षेत्र, एरोड्रम क्षेत्र, बाणगंगा सहित 12 इलाकों में सायरन एक साथ बजे। सड़कों की स्ट्रीट लाइट, सेंट्रल लाइट बंद हो गई। 12 मिनिट के बाद 7.42बजे फिर सायरन बजे और ब्लैक आऊट समाप्त हुआ। शाम सात बजे राजवाड़ा के परिसर में होने वाला लाइट एंड साउंड शो निरस्त किया गया,क्योंकि खुले परिसर में रंगीन लाइटों का इस्तेमाल होता है।
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54 साल पुरानी याद ताजा हो गई
इंदौर में 54 साल बाद माॅकड्रिल हुई। वर्ष 1971 के बाद जिन लोगों ने जन्म लिया। उनके लिए यह पहला अनुभव है, लेकिन शहर के कई वरिष्ठजनों को भारत पाकिस्तान के दौरान होने वाले ब्लैक आउट की यादें ताजा हो गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश माॅकड्रिल की गई। शहरवासी इससे घबराए नहीं, बल्कि यह एक अभ्यास है जो देशवासियों की सुरक्षा के लिए जरुरी है। देशभर के 244 जिलों में माॅकड्रिल हुई। इसमें इंदौर भी शामिल था।
ब्लैक आउट की ट्रैफिक व्यवस्था शाम साढ़े छह बजे लागू कर दी गई। शहर के ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए। बाइपास, रिंगरोड, एमजी रोड सहित अन्य मार्गों पर जो वाहन जहां पर थे, वहीं रुक गए और हेडलाइट बंद कर दी। ब्लैक आउट के दौरान शहर के मार्गो पर ट्रैफिक रुक गया। सड़कों पर ट्रैफिक नहीं चल रहा था।ब्लैक आउट के दौरान इमरजेंसी सर्विसेज में एम्बुलेंस , फायरब्रिगेड और आपातकालीन स्थिति में पुलिस के वाहनों को परिवहन की छूट थी। वे सड़कों पर नजर आए।