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Indore Road Accident: सड़क पर बिखरे थे कमाने वाले दस्ताने...अब कौन समेटेगा परिवार की खुशियां

Abhishek Chendke अभिषेक चेंडके
Updated Tue, 16 Sep 2025 06:01 AM IST
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सार

बाइक के हैंडल पर टंगी थैली का सामान सड़क पर बिखरा था। जो दस्ताने पहन कर कारीगर रोज कमाता था, वे सड़क पर बिखरे पड़े थे। दोनो चप्पलें भी वहीं छूट गए। अब वह कारीगर घर वालों के लिए कमा नहीं सकेगा। इस हादसे ने परिवार की आर्थिक कमर तोड़कर रख दी।

Indore: Earning gloves were scattered on the road...now who will take care of the happiness of the family
कमाने वाले दस्ताने साबूत बचे, पहनने वाला इंसान टूट गया - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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यमदूत बनकर आया ट्रक कई परिवारों को तबाह कर गया। दिनभर की दौड़-धूप कर लोग अपने घरों को लौट रहे थे। जो ट्रक से बच गए, वे खुशकिस्मत निकले, जो चपेट में आया, उसकी जिंदगी अब बदल जाएगी। रामचंद्र नगर पर जिस बाइक सवार को ट्रक ने टक्कर मारी। वह घर बनाने वाला कारिगर है। उसके पैर टूट गए हैं।

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बाइक के हैंडल पर टंगी थैली का सामान सड़क पर बिखरा था। जो दस्ताने पहन कर कारीगर रोज कमाता था, वे सड़क पर बिखरे पड़े थे। दोनों चप्पलें भी वहीं छूट गई। अब वह  कारीगर घर वालों के लिए कमा नहीं सकेगा। कमाने वाले दस्ताने साबूत बचे, पहनने वाला इंसान टूट गया है ।इस हादसे ने परिवार की भी आर्थिक कमर तोड़कर रख दी।

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सरकारी लोग आएंगे। नाम पता पूछकर दो-तीन लाख मदद के नाम पर दे देंगे, लेकिन क्या जिंदगी पहले जैसी रह पाएगी। ट्रक का शिकार हुए पंद्रह घायलों के परिवारों में क्या बीत रही होगी। ये सिर्फ वे ही जानते हैं जिन्होंने हादसे में अपने परिजन को खोया है। उनकी कमी कोई सरकारी मुआवजा पूरा नहीं कर पाएगा। जिंदगी में एक खालीपन भर जाएगा।

जो परिवार के साथ रात को निकलते है। उन लोगों का कहना है कि रोज शहर के चौराहों पर पुलिस बैरिकेड लगाती है। पुलिस वाले ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मारने कहते हैं। ऐसे पुलिस वालों को  क्या शराब के नशे में धुत ट्रक का ड्रायवर नहीं दिखा। उन्हें ट्रक भी नहीं दिखा। प्रतिबंधित मार्ग पर भारी वाहन कैसे घुस आया। क्या पुलिस वाले  चालान बनाने में व्यस्त थे ।

 

हादसे की हैरान करने वाली वजह यह भी है कि तेज रफ्तार ट्रक एरोड्रम थाने के सामने से होता हुआ कालानी नगर से रामचंद्र नगर होकर बड़ा गणपति तक लोगों को रौंदता हुआ चला गया, लेकिन इसे पुलिस कहीं रोक नहीं सकी। यदि ट्रक में आग नहीं लगती तो पता नहीं और कितनों की जिंदगी वह बर्बाद करता। जहां हादसा हुआ। वो प्रदेश के तेज तर्रार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है।

 

शहर के पूरब में जगह-जगह ब्रिज बन रहे हैं, लेकिन पश्चिम क्षेत्र में बाणगंगा ब्रिज ही 12 साल पहले बना। रिंग रोड तो बनने का अब सवाल ही नहीं उठता। रात के अंधरे में भारी वाहन रोज सड़कों से गुजरते हैैं। छोटे वाहन चालक रोज चौराहों पर लाल बत्ती पर रुके रहते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कब कौन सा वाहन यमदूत बनकर पीछे से आकर जान ले जाए। डेढ़ साल पहले भी पश्चिमी क्षेत्र में एक क्रेन ने भी चार लोगों को जान ले ली थी। कुछ दिनों बाद शहर इस हादसे को भूल जाएगा, लेकिन जिन लोगों की जिंदगी इन हादसों के कारण नर्क बन जाती है। उनके जख्मों को सहलाने कोई जनप्रतिनिधि नहीं जाता।

 

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